Shabnam case: शबनम की फांसी की सजा माफ करने को मानवाधिकार का किया रुख, 24 घंटे बाद याचिका हुई खारिज h3>
हाइलाइट्स:
- बावनखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम की फांसी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में
- सोशल ऐक्टिविस्ट दानिश खान ने सजा माफ करने के लिए मानवाधिकार को याचिका भेजी
- 24 घंटे बाद ही याचिका खारिज, मानवाधिकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता यह केस
अमरोहा
यूपी के अमरोहा जिले का बावनखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम की फांसी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। सामाजिक कार्यकर्ता दानिश खान ने शबनम की फांसी का सजा माफ करने के लिए मानवाधिकार को याचिका भेजी थी लेकिन इसे 24 घंटे बाद ही खारिज कर दिया गया। अब दानिश ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और यूनाइटेड नेशंस को पत्र लिखने का मन बनाया है।
सामाजिक कार्यकर्ता दानिश खान ने पिछले दिनों शबनम को शीघ्र फांसी दिए जाने की मांग की थी। इसके बाद पूरी मीडिया का फोकस शबनम केस पर हो गया था और उसे फांसी मिलना लगभग तय माना जा रहा था। कानूनी दांवपेंच के बीच शबनम की फांसी टल गई। इसके बाद अब दानिश ने भी अपना मन बदल लिया और अब वह शबनम को फांसी से बचाना चाहते हैं।
आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता केस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 21 फरवरी को दानिश आयोग में रिट याचिका भेजी थी। 20 मई को उनकी याचिका दर्ज हुई लेकिन 24 घंटे बाद ही आयोग ने इसे खारिज कर दिया। आयोग का कहना है कि केस उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। यह केस कोर्ट से जुड़ा हुआ है।
शबनम के बेटे ने भी की थी अपील
इससे पहले शबनम के 12 साल के बेटे ने सोशल मीडिया के जरिए राष्ट्रपति से उसकी मां की दया याचिका स्वीकार करने की गुहार लगाई थी। शबनम ने बेटे ने एक प्लेकार्ड में लिखा था, ‘राष्ट्रपति अंकल जी, प्लीज मेरी मां को माफ कर दीजिए।’ सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल थी।
डेढ़ साल के मासूम का भी किया कत्ल
शबनम अमरोहा में अपने परिवार के 7 सदस्यों के कत्ल में दोषी है। परिवार ने शबनम और उसके प्रेमी सलीम के रिश्ते का विरोध किया था जिससे आगबबूला होकर उसने अपने ही परिवार को मौत के घाट उतारने की साजिश बनाई थी। शबनम और उसके प्रेमी ने मां, पिता दोनों भाई, भाभी, भतीजी के साथ डेढ़ साल के मासूम को भी मार दिया था। उस वक्त शबनम गर्भवती थी।
शबनम (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स:
- बावनखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम की फांसी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में
- सोशल ऐक्टिविस्ट दानिश खान ने सजा माफ करने के लिए मानवाधिकार को याचिका भेजी
- 24 घंटे बाद ही याचिका खारिज, मानवाधिकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता यह केस
यूपी के अमरोहा जिले का बावनखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम की फांसी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। सामाजिक कार्यकर्ता दानिश खान ने शबनम की फांसी का सजा माफ करने के लिए मानवाधिकार को याचिका भेजी थी लेकिन इसे 24 घंटे बाद ही खारिज कर दिया गया। अब दानिश ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और यूनाइटेड नेशंस को पत्र लिखने का मन बनाया है।
सामाजिक कार्यकर्ता दानिश खान ने पिछले दिनों शबनम को शीघ्र फांसी दिए जाने की मांग की थी। इसके बाद पूरी मीडिया का फोकस शबनम केस पर हो गया था और उसे फांसी मिलना लगभग तय माना जा रहा था। कानूनी दांवपेंच के बीच शबनम की फांसी टल गई। इसके बाद अब दानिश ने भी अपना मन बदल लिया और अब वह शबनम को फांसी से बचाना चाहते हैं।
आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता केस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 21 फरवरी को दानिश आयोग में रिट याचिका भेजी थी। 20 मई को उनकी याचिका दर्ज हुई लेकिन 24 घंटे बाद ही आयोग ने इसे खारिज कर दिया। आयोग का कहना है कि केस उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। यह केस कोर्ट से जुड़ा हुआ है।
शबनम के बेटे ने भी की थी अपील
इससे पहले शबनम के 12 साल के बेटे ने सोशल मीडिया के जरिए राष्ट्रपति से उसकी मां की दया याचिका स्वीकार करने की गुहार लगाई थी। शबनम ने बेटे ने एक प्लेकार्ड में लिखा था, ‘राष्ट्रपति अंकल जी, प्लीज मेरी मां को माफ कर दीजिए।’ सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल थी।
डेढ़ साल के मासूम का भी किया कत्ल
शबनम अमरोहा में अपने परिवार के 7 सदस्यों के कत्ल में दोषी है। परिवार ने शबनम और उसके प्रेमी सलीम के रिश्ते का विरोध किया था जिससे आगबबूला होकर उसने अपने ही परिवार को मौत के घाट उतारने की साजिश बनाई थी। शबनम और उसके प्रेमी ने मां, पिता दोनों भाई, भाभी, भतीजी के साथ डेढ़ साल के मासूम को भी मार दिया था। उस वक्त शबनम गर्भवती थी।
शबनम (फाइल फोटो)