WPI Inflation Effect on Public: जानिए आम आदमी पर क्यों टूटेगा महंगाई का पहाड़, डब्ल्यूपीआई में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी

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WPI Inflation Effect on Public: जानिए आम आदमी पर क्यों टूटेगा महंगाई का पहाड़, डब्ल्यूपीआई में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी


WPI Inflation Effect on Public: जानिए आम आदमी पर क्यों टूटेगा महंगाई का पहाड़, डब्ल्यूपीआई में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी

हाइलाइट्स:

  • अप्रैल में थोक महंगाई 10.49 फीसदी रही, जो मार्च 2021 में 7.39 फीसदी थी।
  • थोक महंगाई जितनी होती है, वह खुदरा महंगाई तक आते-आते डेढ़ से दोगुनी तक हो जाती है।
  • अगर चावल थोक में 10 फीसदी महंगा हो जाता है, जो रिटेल तक आते-आते वह 15-20 फीसदी तक महंगा हो जाएगा।

नई दिल्ली
WPI Inflation Effect on Public: कोरोना के बीच आम जनता पर अब महंगाई का पहाड़ टूट सकता है। दरअसल, अप्रैल के महीने में थोक महंगाई दर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अप्रैल में थोक महंगाई 10.49 फीसदी रही, जो मार्च 2021 में 7.39 फीसदी थी। थोक महंगाई बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि अब खुदरा महंगाई भी बढ़ेगी। थोक महंगाई जितनी होती है, वह खुदरा महंगाई तक आते-आते डेढ़ से दोगुनी तक हो जाती है।

कैसे पड़ेगी महंगाई की मार?
कोरोना काल में लोग पहले ही वित्तीय परेशानियों से जूझ रहे हैं और ऐसे में अगर खुदरा महंगाई भी बढ़ जाती है तो लोगों की जेब में बचने वाला पैसे और कम हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपनी जरूरतों के लिए पहले से अधिक खर्च करना पड़ेगा। एक उदाहरण से समझते हैं। अगर चावल थोक में 10 फीसदी महंगा हो जाता है, जो रिटेल तक आते-आते वह 15-20 फीसदी तक महंगा हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर, लोगों की मजदूरी या सैलरी में उतनी बढ़ोतरी नहीं होती है। महंगाई की मार आम आदमी पर ऐसे पड़ सकती है।

– चीजें खरीदने में अधिक पैसे खर्च होंगे, तो उसकी बचत गिर सकती है।
– उसी चीज के लिए अधिक पैसे खर्च करने का मतलब है कि रुपये पर्चेजिंग पावर भी गिरेगी।
– नौकरीपेशा लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि महंगाई बढ़ने के साथ-साथ उनके पैसे नहीं बढ़ते हैं।

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खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई कितनी बढ़ी?
अंडा, मांस और मछली जैसी प्रोटीन युक्त खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.92 प्रतिशत रही। हालांकि, सब्जियों की कीमतों में 9.03 प्रतिशत की कमी हुई। दूसरी ओर अंडा, मांस और मछली की कीमतें 10.88 फीसदी बढ़ीं। अप्रैल में दालों की महंगाई दर 10.74 फीसदी थी, जबकि फलों में यह 27.43 फीसदी रही। इसी तरह ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति अप्रैल में 20.94 प्रतिशत रही, जबकि विनिर्मित उत्पादों में यह 9.01 प्रतिशत थी।

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