राहुल गांधी की कुंडली क्या कहती है?

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राहुल गांधी की कुंडली क्या कहती है?

राहुल गांधी की कुंडली मकर लग्न की है जिसके अधिपति शनि हैं। शनि सत्ता का कारक होता है। राहुल गांधी की जन्म पत्रिका में शनि लग्नेश होने के कारण अतिमहत्वपूर्ण ग्रह है। राहुल गांधी की राशि वृश्चिक है जिसके अधिपति मंगल हैं। राहुल गांधी की जन्म पत्रिका में शनि केंद्र में नीचराशिस्थ होकर विराजमान है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपने जीवन में अतिशय संघर्ष व परिश्रम के बाद भी अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं होती है।

यहां शनि की उच्च दृष्टि कर्मक्षेत्र पर है, जो कि शुभ है। राहुल गांधी की कुंडली में कर्मक्षेत्र का कारक शुक्र शत्रुक्षेत्री है। इसके परिणामस्वरूप उन्हें सत्ता प्राप्ति में अवरोध व विलंब होगा। अथक परिश्रम के बाद भी वे अपेक्षित सफलता से दूर रहेंगे, वहीं सप्तम स्थान में अकेला शुक्र व नीचराशिस्थ सप्तमेश उन्हें दांपत्य सुख से वंचित कर रहा है।

ईश्वर से कहें कि आप जानते हैं कि आपने जो किया वह गलत था। जब आपने उल्लेख किया है कि आपने क्या किया है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप पहचानें कि यह गलत था। यह कहना संभव है कि आपने क्या किया, लेकिन विश्वास नहीं करना चाहिए कि ऐसा करना गलत था। यह मानते हुए कि आपने ऐसा किया है, अगर आप यह नहीं मानते कि आप जानते हैं कि यह गलत था, तो इसका कोई मतलब नहीं है।

चतुर्थेश मंगल 6ठे भावगत होने के कारण उन्हें जनमानस में लोकप्रियता से वंचित कर रहा है। द्वितीय स्थान में राहु उन्हें पारिवारिक सुख प्राप्त करने एवं श्रेष्ठ वक्ता बनने में बाधक है। सप्तमेश के नीचराशिगत होने के कारण उन्हें साझेदारी एवं गठबंधन से लाभ नहीं होगा।
वर्तमान दशाएं

वर्तमान में राहुल गांधी चंद्र की महादशा व बुध की अंतरदशा के प्रभाव में हैं। इसके अतिरिक्त वे शनि की साढ़ेसाती के अंतिम चरण को भोग रहे हैं। शनि लग्नेश होने के कारण शुभ हैं। मार्च 2019 से राहुल गांधी षष्ठेश व नवमेश बुध की अंतरदशा के प्रभाव में है, वहीं प्रत्यंतर दशा केतु की है।यह दशा उनके लिए अनुकूल नहीं है जिसके चलते वे चुनावों में बुरी तरह असफल हुए हैं।

बुध की दशा के पश्चात राहुल गांधी केतु की अंतरदशा के प्रभाव में रहेंगे, जो मार्च 2021 तक चलेगी। इसके पश्चात पंचमेश व दशमेश शुक्र की दशा प्रभावशील होगी, जो उनके लिए अनुकूल रहेगी।निष्कर्ष- उपर्युक्त दशाओं के कारण राहुल गांधी मार्च 2021 तक अपने राजनीतिक जीवन में सफल नहीं होंगे। उन्हें संगठन व सत्ता दोनों ही में असफलताओं का सामना करना पड़ेगा। मार्च 2021 के बाद शुक्र की दशा में वे अपने राजनीतिक जीवन में सफलता की ओर अग्रसर होंगे।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. यह खबर इंटरनेट से ली गयी है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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साभार-hindi.webdunia.com