धर्म के अनुसार सबसे अच्छा इंसान कैसा होता है

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धर्म
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धर्म के अनुसार सबसे अच्छा इंसान कैसा होता है. इस सवाल पर अलग-अलग तर्क मिल सकते हैं. लोगों के अलग- विचार हो सकते हैं. लेकिन यदि हम वास्तव में इस सवाल का उत्तर जानना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें धर्म का अर्थ जानना होगा ?  धर्म का उद्देश्य क्या है ?  अगर हम इन सवालों का जवाब जानने की कोशिस करेगें तो धर्म के अनुसार सबसे अच्छा इंसान कैसा होता है, इसका जवाब ढूंढ़ पाएंगें.

धर्म

धर्म भारतीय संस्कृति और भारतीय दर्शन की प्रमुख संकल्पना है. पालि भाषा में इसे धम्म कहा जाता है. अगर हम धर्म के शाब्दिक अर्थ की बात करें, तो धर्म का अर्थ होता है- धारण करने योग्य . जिसका अर्थ है कि सबसे उचित रस्ता जिसको सभी लोगों को धारण करना चाहिएं तथा जो सबके हित में हो. धर्म को हम इस रूप में भी परिभाषित कर सकते हैं कि कुछ ऐसे नियम जो मानव सभ्यता के उत्तम जीवन जीने के लिए बनाए गए हों.

मानवता

अगर हम धर्म की बात करें तो वर्तमान में बहुत से धर्म प्रचलित हैं तथा काफी धर्म लुप्त भी हो चुके हैं. जिस धर्म में बुराईयां आ जाती हैं, वो धर्म समय के साथ लुप्त हो जाते हैं. सभी धर्मों के अपने अलग-अलग पवित्र ग्रंथ होते हैं. धर्म के अनुसार सबसे अच्छे इंसान कैसा होता है, अगर इस सवाल की बात करें तो जो इंसान मानवता के लिए काम करते है, धर्म के अनुसार उससे अच्छा इंसान कोई नहीं हो सकता. यदि हम किसी भी धर्म की शिक्षा को अध्ययन करते हैं, तो सभी धर्मों की शिक्षाओं के केंद्र बिंदु के तौर पर मानवता ही रही है.

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मानव सभ्यता के उत्तम जीवन के लिए लगातार प्रयास करते रहने वाला इंसान , वो इंसान जो अपने निजी स्वार्थ से पहले मानव समाज पर उसके होने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में सोचता है, सभी धर्मों के लिए वहीं इंसान सबसे अच्छा होता है.