Tauktae Navy Rescue Operation: तूफान के बीच समंदर में 410 जिंदगियां फंसीं, नेवी ने लड़ा दी जान, रेस्क्यू में झोंकी ताकत

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Tauktae Navy Rescue Operation: तूफान के बीच समंदर में 410 जिंदगियां फंसीं, नेवी ने लड़ा दी जान, रेस्क्यू में झोंकी ताकत

Tauktae Navy Rescue Operation: तूफान के बीच समंदर में 410 जिंदगियां फंसीं, नेवी ने लड़ा दी जान, रेस्क्यू में झोंकी ताकत

मुंबई
ताउते चक्रवाती तूफान से मुंबई के समंदर में सैकड़ों जिंदगियां फंसी थीं। जरा सी भी देर किसी अनहोनी को दावत दे सकती थी। इन सबके बीच भारतीय नेवी ने जज्बे और समर्पण की मिसाल पेश की है। तूफान के बीच 24 घंटे से ज्यादा वक्त से नौसेना की टीम रेस्क्यू में जुटी है। इस दौरान नेवी के पास 4 एसओएस कॉल भी आए और नौसेनिकों ने तत्परता से उस पर ऐक्शन लेते हुए जान झोंक दी।

सोमवार को निर्माण कम्पनी एफकान्स के बंबई हाई तेल क्षेत्र में अपतटीय उत्खनन के लिए तैनात दो बजरे लंगर से खिसक गए और वे समुद्र में अनियंत्रित होकर बहने लगे थे, जिसकी जानकारी मिलने के बाद नौसेना ने तीन फ्रंटलाइन युद्धपोत तैनात किए थे। इन दो बजरे पर 410 लोग सवार थे। इन दो बजरे की मदद के लिए आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस तलवार को तैनात किया गया था।

सुबह तक बचाए गए 146 लोग
नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि समुद्र में बजरे पी305 से बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति में कुल 146 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने बताया कि अन्य लोगों को बचाने के लिए खोज एवं बचाव (एसएआर) अभियान पूरी रात जारी रहा।

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रात तक बचाए गए 60 लोग
नेवी पीआरओ कमांडर मेहुल कार्णिक ने कहा कि एक बजरा से लगभग 60 कर्मियों को रात 11 बजे तक बचा लिया गया था, जो सभी तेल रिग पर कार्यरत थे। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान पूरी रात जारी रहा। अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात तेज होने के बाद नौकाएं मुंबई तट से दूर चली गई थीं।

यहां से निकले थे 137 लोग
नौसेना के एक सूत्र ने कहा कि बार्ज जीएएल कंस्ट्रक्टर मुंबई से लगभग 137 लोग 8 एनएम के बोर्ड पर बैठकर निकले थे। इसकी सूचना पर आईएनएस कोलकाता को मदद के लिए भेजा गया। प्रवक्ता ने कहा कि बचाए गए लोगों को नौसेना के युद्धपोतों में ट्रांसफर किया जा रहा है।

इस तरह भेजे गए युद्धपोत
प्रवक्ता ने कहा, ‘जहाजों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है। समुद्र की स्थिति बहुत खराब है, तेज तूफान और हवाएं रेस्क्यू ऑपरेशन में कठिनाई पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘आईएनएस कोलकाता को आईएनएस कोच्चि के समर्थन में पी305 बजरा की स्थिति की निपटने के लिए डायवर्ट कर दिया गया। दो तटरक्षक जहाजों को पी305 की ओर मोड़ दिया गया है जबकि एक अन्य जहाज को बचाव अभियान में भाग लेने के लिए गैल कंस्ट्रक्टर के पास भेजा गया।

रेस्क्यू काम खिंच सकता है लंबा
P305 से बचाव अभियान में लंबा समय लग सकता है क्योंकि इसमें अधिक कर्मी हैं। अधिकारियों ने कहा कि खराब मौसम भी अभियान को लंबा कर सकता है। गैल कंस्ट्रक्टर के पास एक आपातकालीन रस्सा पोत (ETV) था। इंजन में खराबी के कारण इसे कोलाबा पॉइंट से दूर ले जाया गया है। सहायता प्रदान करने के लिए एक आपातकालीन रस्सा पोत ‘वाटर लिली’ द्वारा जहाज से संपर्क किया गया था।

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