2024 में होने वाली ऑनलाइन पशुधन उत्पाद गणना, सचिव बोले शीघ्र तैयार हो कार्य योजना | officers should prepare an effective plan to control disease in animal | News 4 Social
राज्य सरकार जीव रक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिसके लिए विभिन्न योजनाएं राज्य स्तर पर संचालित की जा रही हैं
जयपुर। पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने कहा कि पशु-पक्षियों में होने वाले रोग प्रकोपों पर नियंत्रण करने एवं रोकथाम के लिए विभागीय अधिकारी प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें ताकि पशुपालकों को होने वाली हानि से समय रहते बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जीव रक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिसके लिए विभिन्न योजनाएं राज्य स्तर पर संचालित की जा रही हैं। जिनका प्रभावी क्रियान्वयन की वजह से आज राज्य पशुपालन के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है।
कुणाल सोमवार को पशुधन भवन में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति पर विस्तार से चर्चा कर लंबित मामलों को शीघ्र निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि विभाग पशुपालकों के हितों के लिए संकल्पित होकर कार्य करे। उन्होंने राज्य में विभाग द्वारा पशु नस्ल सुधार में किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी लेते हुए कहा कि राज्य पशुधन सम्पदा से युक्त है, यहाँ बेहतर पशुपालन की दिशा में उन्नत नस्लीय पशुधन विकसित होने पर निश्चित तौर पर पशुपालकों की आय में संवर्धन होगा।
2024 में होगी ऑनलाइन पशुधन उत्पाद गणना
शासन सचिव ने राज्य में पशु गणना एवं पशुधन गणना पर विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर संयुक्त सचिव जितेंद्र कालरा ने कहा किस र्वप्रथम 1919 में पशुधन गणना हुई थी, वही अब तक राज्य में कुल 20 पशुधन गणना हो चुकी है। 2024 में 21वीं पशुधन गणना की जाएगी। उन्होंने बताया मूलतः दूध, अंडा, मांस एवं ऊन जैसे पशुधन उत्पादों की गणना की जाती है।
उन्नत नस्लीय पशुधन से होगा उन्नत पशुपालन
शासन सचिव कुणाल ने विभाग नस्ल सुधार में किये जा रहे विभिन्न प्रयासों एवं योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर अधिकारियों को निर्देशित किया कि बकरी पालन एवं कुक्कुट पालन में नस्लीय सुधार को प्राथमिकता दें, जिससे आम पशुपालक लाभान्वित हो सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी अन्य राज्यों में नस्लीय सुधार में किये जा रहे प्रयासों का अवलोकन कर राज्य में नवाचारों को प्राथमिकता देने का कार्य प्रमुखता से करें।
राज्य में पशुओं में होने वाली बीमारियों का हो शत- प्रतिशत टीकाकरण
कुणाल ने पशुओं में होने वाले रोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए कहा कि विभाग विभिन्न रोगों की वैक्सीन एवं दवाइयों की उपलब्धतता समय पर सुनिश्चित करें, ताकि राज्य में पशुधन को किसी भी प्रकार की हानि का सामना न करना पड़े। उन्होंने इस मौके पर एफएमडी, ब्रूसेला,पीपीआर एवं लम्पी जैसे टीका करणों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।