1300 से ज्यादा बसों की पार्किंग और चार्जिंग के लिए दिल्‍ली में बन रहे हैं 9 नए बस डिपो

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1300 से ज्यादा बसों की पार्किंग और चार्जिंग के लिए दिल्‍ली में बन रहे हैं 9 नए बस डिपो

1300 से ज्यादा बसों की पार्किंग और चार्जिंग के लिए दिल्‍ली में बन रहे हैं 9 नए बस डिपो

नई दिल्ली: दिल्ली के सार्वजनिक बस परिवहन सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक व्यापक योजना बनाई है। इसके तहत 2025 तक बसों की तादाद बढ़ाकर 10 हजार से ज्यादा करने के लक्ष्य रखा गया है। क्लस्टर स्कीम के तहत नई बसें लाने के साथ-साथ दिल्ली सरकार खुद भी परिवहन विभाग और डीटीसी के माध्यम से नई बसें लाने की तैयारी कर रही है। अभी डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की बसों की संख्या को मिला लिया जाए, तो दिल्ली की सड़कों पर अभी कुल 7,373 बसें चल रही हैं। इनमें से भी ज्यादातर बसें पुरानी हो चुकी हैं, जिन्हें बदलकर उनकी जगह नई इलेक्ट्रिक बसें लाई जा रही हैं। इन सभी बसों के लिए बड़े पैमाने पर पार्किंग और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर भी साथ ही साथ तैयार किया जा रहा है।

नरेला और सावदा घेवरा में जहां डिपो बनाने का काम शुरू हो चुका है, वहीं बुराड़ी और ईस्ट विनोद नगर में डिपो बनाने के लिए टेंडर प्रोसेस पूरी हो गई है, ठेका दिया जा चुका है और जल्द ही इन दोनों जगहों पर भी डिपो बनाने का काम शुरू होने वाला है। दौराला में भी पेड़ काटने की अनुमति मिलने का इंतजार है। जैसे ही अनुमति मिल जाती है, तो डिपो बनाने का काम तुरंत शुरू हो जाएगा। कापसहेड़ा, किराड़ी और छतरपुर में डिपो बनाने के लिए टेंडर नोटिस जल्द ही जारी किया जाने वाला है, वहीं गदईपुर में डिपो बनाने के लिए फंड सेक्शंस किया जा चुका है और जल्द ही यहां भी काम शुरू करवाने के लिए टेंडर निकाला जाएगा।

312 करोड़ रुपये खर्च कर रही है सरकार
गहलोत के मुताबिक, इन सभी डिपो के निर्माण पर दिल्ली सरकार करीब 312 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। छतरपुर को छोड़कर बाकी आठों जगहों पर पीडब्ल्यूडी के माध्यम से डिपो बनवाए जा रहे हैं, जबकि छतरपुर का डिपो डीटीआईडीसी बनवाएगी। इनमें से 4 डिपो तो ऐसे हैं, जिनमें 200 या उससे भी ज्यादा बसें खड़ी की जा सकेंगी। वहीं दो डिपो में 100 से अधिक बसों की पार्किंग की क्षमता होगी। इसके अलावा कुछ छोटे डिपो भी बनाए जा रहे हैं। इन सभी डिपो बसों में बसों की पार्किंग और मेंटेनेंस के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। साथ ही चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर भी लगाा जाएगा, क्योंकि 10 हजार बसों में से करीब 80 बसें पूरी तरह एयर कंडीशंड और बिजली से चलने वाली लो फ्लोर बसें ही होंगी। ऐसे में इन बसों की चार्जिंग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही डिपो तैयार किए जा रहे हैं।

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दिसंबर तक 10 हजार से ज्यादा बसें हो जाएंगी
दिल्ली में अभी 250 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अगले महीने तक इनमें 50 बसें और जुड़ जाएंगी। वहीं अगले साल सितंबर तक 1500 इलेक्ट्रिक बसें और उसके बाद दिसंबर 2025 तक 6380 इलेक्ट्रिक बसें और लाने का लक्ष्य रखा गया है। अगर यह काम तय समय सीमा के अंदर हो जाता है, तो दिसंबर 2025 तक दिल्ली की सड़कों पर कुल 10,380 हो जाएंगी और उनमें से 8,180 यानी करीब 80 पर्सेंट बसें इलेक्ट्रिक होंगी। हाल ही में कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL) ने दिल्ली के लिए 3,980 नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का टेंडर जारी किया है। इनमें से 1900 बसें 12 मीटर वाली एसी लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें होंगी, जबकि 2,080 बसें 9 मीटर वाली छोटी साइज की एसी लो फ्लोर इलेक्ट्रिक फीडर बसें होंगी, जिन्हें फीडर रूटों पर चलाया जाएगा। गदईपुर, छतरपुर, कापसहेड़ा और दौराला के डिपो इन्हीं बसों की पार्किंग और चार्जिंग के काम आएंगे।

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