बालू खदानों का ठेका लेने वाले ठेकेदार ने लगाई करोड़ों रूपये की चपत

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बांदा: बालू खदानों का ठेका लेने वाली फर्में और ठेकेदार न केवल पर्यावरण को हानि पहुंचा रहें है बल्कि करोड़ों रुपये के राजस्व की भी चपत लगा चुके है.  बता दें कि ठेकेदारों ने खदानें लेकर जमा की गई रायल्टी की पहली किस्त के 40 करोड़ 90 लाख 80 हजार रुपये की 18 फीसदी जीएसटी, दो फीसदी आयकर और 10 फीसदी रूरल डेवलपमेंट की रकम लगभग 12 करोड़ रुपये नहीं जमा की. यह अप्रैल तक की स्थिति थी. इस बात का खुलासा जिला खनिज अधिकारी द्वारा वाणिज्य कर के डिप्टी कमिश्नर को भेजे गए पत्र में हुआ है.

बांदा जिले की 10 खदानें ई-टेंडर द्वारा ठेके पर पांच साल के लिए दी गई 

आपको बता दें कि बांदा जिले की 10 खदानें ई-टेंडर द्वारा ठेके पर पांच साल के लिए दी गई है. और जिसमें से दस में से नौ खदानें बाहरी फर्मों ने ली हैं. सब ने मार्च तक अपनी खदानों की रायल्टी की पहली किस्त 40 करोड़ 90 लाख 80 हजार रुपये खनिज विभाग के खजाने में जमा की थी. कुछ समय पहले ही डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर, बांदा संभाग ने खनिज अधिकारी से यह जानकारी मांगी थी कि रायल्टी जमा करने वाले ठेकदारों ने जीएसटी जमा किया है या नहीं. इस पर खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने 24 मार्च को डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर को भेजे गए सभी 10 खदानों द्वारा जमा की गई रायल्टी की रकम का ब्योरा दिया है. जिसमें यह बताया गया है कि किसी भी फर्म ने रायल्टी पर जीएसटी जमा नहीं की है.

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जमा रायल्टी पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी की कुल रकम 7 करोड़ 36 लाख 34 हजार 400 रुपये भरनी चाहिए थी. दो फीसदी आयकर की रकम 81 लाख 81 हजार 600 रुपये जमा होना था. वहीं बालू के ट्रकों द्वारा टूटूफूट रहीं सड़कों आदि की भरपाई के लिए 10 फीसदी की दर से रूरल डेवलपमेंट शुल्क 4 करोड़ 9 लाख 8 हजार रुपये जमा करने थे. इसके कारण कुल टैक्स 12 करोड़ रूपये से अधिक है. पहले किस्त के अनुसार बालू ठेकेदारों ने इसे पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक जमा नहीं किया था.

जमा रायल्टी, जिस पर नहीं दिया टैक्स 

  • अतीक उल्ला (हथौरा) सिंधनकलां 6,56,47,050
  • आशीष इंटरप्राइजेज (झांसी) दुरेड़ी 5,78,40,000
  • पीके ट्रेडर्स (बांदा) रिसौरा 5,51,70,000
  • जय अंबे कांस्ट्रक्शन (मुरैना) सादीमदनपुर 4,63,14,000
  • इंदौर प्रापर्टी प्रा.लि. (इंदौर) कोलावल रायपुर 4,31,00,000
  • डिजियाना माइनिंग (इंदौर) लोहरा 1,92,10,000
  • स्टारनेट मार्केटिंग (कोलकाता) कोलावलरायपुर 3,76,00,000
  • डिजियाना माइनिंग (इंदौर) भदावल 2,85,02,950
  • इंदौर प्रापर्टी (इंदौर) बदौसा 1,76,50,000
  • रंजीत सिंह (झांसी) सादीमदनपुर 3,80,46,000

बीएम गुप्ता का बयान 

वहीं आयकर विभाग के बड़े अधिवक्ता बीएम गुप्ता ने कहा है कि चित्रकूटधाम मंडल और खासकर बांदा में खनिज संपदा की काफी लूट मची हुई है. इसमें सत्ता पक्ष भी शामिल है. उन्होंने आगे कहा कि नीलामी में बालू की दरें निर्धारित सरकारी रायल्टी से छह गुना ज्यादा ली गई है. हांलाकि, ठेकेदारों से कोई टैक्स जमा नहीं कराया गया है. इसके लिए खनिज विभाग के अधिकारी ने मार्च में ही वाणिज्यकर विभाग को लिखित रूप से यह जानकारी दी है. खनिज अधिकारी की आपसी साझेदारी से राजस्व को नुक्सान पहुंचा है. आयकर अधिवक्त ने कहा है कि जीएसटी में प्रावधान है कि एक करोड़ से अधिक से टैक्स चोरी की स्थिति में व्यापारी को जेल भेजा जाए.