10 साल की राजवंती को पीटते वक्त नहीं पसीजा उन 7 महिलाओं का कलेजा, उम्रकैद की सजा पर बहाने लगीं आंसू

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10 साल की राजवंती को पीटते वक्त नहीं पसीजा उन 7 महिलाओं का कलेजा, उम्रकैद की सजा पर बहाने लगीं आंसू

10 साल की राजवंती को पीटते वक्त नहीं पसीजा उन 7 महिलाओं का कलेजा, उम्रकैद की सजा पर बहाने लगीं आंसू

दरभंगा: ये धरती सबकी है। जमीन यहीं रह जाती है और इंसान दुनिया से चले जाते हैं। इसके बावजूद जमीन के लिए लोग एक-दूसरे की जान ले लेते हैं। इसमें कई परिवार एक साथ उजड़ जाते हैं और बाद में पछताने के सिवा कुछ भी हाथ नहीं लगता है। ऐसा ही एक वाकया हुआ था दरभंगा में। दरभंगा के हायाघाट थाना क्षेत्र के छतौना गांव में पट्टीदारों के बीच एक कट्ठा जमीन का विवाद चल रहा था। इसमें सात महिलाओं ने दूसरे पक्ष की 10 साल की बच्ची राजवंती कुमारी की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। ये घटना साल 2009 की है। घटना उस समय हुई जब राजवंती अपने पिता योगेंद्र यादव के लिए खाना लेकर जा रही थी। तभी इन सातों महिलाओं ने उसे पीट-पीट कर अधमरा कर दिया था। बाद में इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई थी।

13 साल बाद दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
अब 13 साल बाद इस केस में दरभंगा के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम संजीव कुमार सिंह ने सभी सातों महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा इन सभी पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इनमें बुजुर्ग से लेकर अधेड़ उम्र तक की महिलाएं शामिल हैं। इस सजा के बाद अचानक से इनके परिवार में भूचाल आ गया है। सजा सुनने के बाद महिलाएं दहाड़ मार कर रोने लगीं। बाहर उनके बच्चे भी बिलखने लगे। उधर, योगेंद्र यादव के परिवार में न्याय मिलने के बाद संतोष है।

सजा सुनकर रोने लगीं महिलाएं
अदालत ने जिन महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई है उनमें दुखी देवी (75), मुनर देवी (60), मलभोगिया देवी (65), रीता कुमारी (30), इंदु देवी (45), फूलन देवी (60) और दुखनी देवी (40) शामिल हैं। इनमें से रीता कुमारी की शादी मुजफ्फरपुर के गायघाट में हुई है और उसका तीन साल का बेटा सुधांशु और सात साल की बेटी शिवानी हैं। एक अन्य महिला भुखली देवी की शादी जिले के गोड़िहारी गांव में हुई है। उसके तीन बच्चे हैं। दो साल का सुजीत, सात साल का नीतीश और 10 साल का सुमित है। माताओं के जेल जाने के बाद इन बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। इन सभी महिलाओं के परिवार में सन्नाटा पसरा है।
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कोर्ट ने माना महिलाओं ने किया है जघन्य अपराध
इस केस के पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी विष्णुकांत चौधरी और अपर लोक अभियोजक रेणु झा ने की। अपर लोक अभियोजक रेणु झा ने सजा दिए जाने के बाद संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मासूम बच्ची की पीट-पीट कर जघन्य हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने में देरी भले ही हुई हो लेकिन मासूम बच्ची और उसके परिवार को पूरा न्याय मिला है।

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