हो जाएं अलर्ट! फिर साल के उसी महीने में कोरोना की एंट्री ना पड़ जाए भारी

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हो जाएं अलर्ट! फिर साल के उसी महीने में कोरोना की एंट्री ना पड़ जाए भारी

हो जाएं अलर्ट! फिर साल के उसी महीने में कोरोना की एंट्री ना पड़ जाए भारी

​खतरे के रडार पर है हर कोई

महज एक हफ्ते के अंतराल में ही दिल्ली में कोविड की संक्रमण दर दोगुनी हो चुकी है। हालांकि डॉक्टर कह रहे हैं इस बार के वायरस से डरने की जरूरत नहीं है और ना ही इससे कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ रहा है। लेकिन उनका यह भी कहना है कि जिन लोगों को शुगर या हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां हैं, उन्हें ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है, क्योंकि उनको यह बीमारी ज्यादा परेशान कर सकती है। अब सोचने वाली बात यह है कि राजधानी दिल्ली के ज्यादातर घरों में इन बीमारियों से पीड़ित कोई ना कोई व्यक्ति जरूर है। ऐसे में दिल्ली के ज्यादातर घर इस तरह कोरोना के रडार पर है। मशहूर वायरोलॉजिस्ट और डॉक्टर बीआर अंबेडकर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च में डायरेक्टर डॉ. सुनित के सिंह कहते हैं, ‘कोरोना वायरस आरएनए वायरस है। आरएनए वायरस जब अपनी संख्या बढ़ाते हैं, तो उनमें बहुत सारे बदलाव आते हैं और उनके वैरिएंट्स व सब वैरिएंट्स पैदा होते हैं। यह भी पुराना कोरोना वायरस है, लेकिन इसमें कुछ बदलाव हुए हैं, जिस वजह से इसकी संक्रामकता तेज है। जिन लोगों को डायबिटीज, हाइपरटेंशन है या किसी ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट करवाया है, तो उन्हें इससे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।’ वहीं सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन डॉक्टर अंशुल वार्ष्णेय कहते हैं, ‘आजकल हो रहे कोरोना में बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना, सर्दी जुकाम, स्वाद ना आना और स्मेल का ना आना जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। वहीं जिन लोगों को शुगर, एचआईवी, कैंसर, किडनी की समस्या और कमजोर इम्यूनिटी है, उन्हें यह काफी परेशान कर रहा है। वहीं इस बार बच्चों को, खासकर जिनको वैक्सीन नहीं लगी है, उन्हें ठीक होने में काफी टाइम लग रहा है। बीमार होने पर कई लोग खुद ही दवा लेने लगते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर आपको खांसी-जुकाम और बुखार हो रहा है, तो समझें कि यह कोरोना हो सकता है। ऐसे में अपने डॉक्टर से चेकअप करवाकर ही दवा लें।’

​’मास्क और सैनिटाइजर की हो वापसी’

​मास्क और सैनिटाइजर की हो वापसी

ज्यादा पुरानी बात नहीं है, जब सभी लोग मास्क लगाकर घूमा करते थे और सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कॉमन था। लेकिन जैसे ही कोरोना गया, तो मास्क और सैनिटाइजर को भी हमने अपनी जिंदगी से निकाल दिया। लेकिन अब जिस तरह फिर से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में मास्क और सैनिटाइजर की वापसी जिंदगी में जरूरी हो गई है। खासकर अगर आप यह चाहते हैं कि यह दोबारा से बड़े पैमाने पर ना फैले और बीमार होकर आपको या परिवार में किसी को घर पर ना बैठना पड़े। डॉ. सुनित के सिंह कहते हैं, ‘कोरोना से बचने के लिए सभी को मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से भी बचना चाहिए। यह तो कोविड है, लेकिन अगर सामान्य सर्दी जुकाम की भी बात करें, तो उसमें भी मुंह को कवर करके रखना चाहिए। वहीं छींकने पर भी मुंह को ढंकना चाहिए। किसी भी वायरल इनफेक्शन में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। अगर संक्रामकता ज्यादा है, तो आप कोविड को ले भी सकते हैं और किसी को दे भी सकते हैं। इसलिए मास्क पहनना और भीड़भाड़ से दूर रहना जरूरी है।’ वहीं डॉक्टर अंशुल वार्ष्णेय कहते हैं कि इस बीमारी से बचने के लिए फिर से वही सावधानियां बरतनी होंगी, जिन्हें हम पहले बरत रहे थे। लेकिन अब दिख रहा है कि ज्यादातर लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। अगर लोग नहीं मान रहे हैं, तो कम से कम मरीज तो मास्क पहने। हालांकि यह ज्यादा अच्छा है कि सभी लोग कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर अपनाएं।

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