हिन्दुस्तान Special: सोनपुर मंडल में सेफ्टी श्रेणी के 1030 पद रिक्त, ओवरटाइम से टेंशन में रेलकर्मी h3>
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बालासोर हादसे से रेलवे के सेफ्टी इंतजामों को लेकर सवाल उठ रहे है। सेफ्टी इंतजामों को लेकर रेलवे में कई स्तर पर समझौता किया जा रहा है। सोनपुर रेल मंडल में सेफ्टी श्रेणी में 1030 पद रिक्त हैं। सेफ्टी श्रेणी में कुल 4990 में से 3960 कर्मियों से काम चलाया जा रहा है। 1030 पद रिक्त होने से कर्मियों को ओवर टाइम करना पड़ रहा है। अत्यधिक काम के बोझ व छुट्टियों में कटौती से प्राय: रेलकर्मी टेंशन में रहते है।
एक फरवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार सोनपुर रेल मंडल में गेटमैन के 239 पद रिक्त हैं। गेटमैन के 375 पद की जगह मात्र 136 कार्यरत हैं। 239 पद रिक्त होने से गेट की सेफ्टी प्रभावित हो रही है। ट्रैक मैन के तीन हजार पद में 2500 कार्यरत हैं। पांच सौ पद रिक्त हैं। स्टेशन मास्टर, सहायक स्टेशन मास्टर, यार्ड मास्टर और यातायात निरीक्षक के कुल 477 पद में 447 कर्मी कार्यरत है। गार्ड के तीस पद रिक्त हैं। गार्ड के 477 पद की जगह 447 कर्मी कार्यरत है। ट्रेनों के परिचालन में अहम भूमिका निभाने वाले स्टेशन मास्टर व समकक्ष कर्मियों के तीस पद रिक्त है। वहीं सोनपुर रेल मंडल में प्वाईंट मैन के पद पर स्वीकृत पदों से 157 अधिक कर्मी कार्यरत है। प्वाईंट मैन के कुल 444 पदों के एवज में 601 कार्यरत है।
शॉर्टकट पद्धति से रेलवे में चल रहा काम: यूनियन
कर्मियों की भारी कमी के कारण रेलवे में शॉर्टकट पद्धति से काम चलाया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर भी कर्मियों को छुट्टी नहीं दी जाती है। ओवरटाइम के कारण रेलकर्मी तनाव में रहते है। इससे उनके कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पूर्व मध्य रेल कर्मचारी यूनियन के मंडल मंत्री एससी त्रिवेदी ने बताया कि कर्मियों की कमी से हादसे की आशंका बनी रहती है। हादसे होने पर छोटे कर्मियों पर दोष मढ़ दिया जाता है, जबकि मूल कारणों की उपेक्षा की जाती है। रेलवे में ठेकेदार से काम कराने से भी संरक्षा नियमों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
रिक्त पदों पर आउटसोर्स से कराया जा रहा काम: डीआरएम
सोनपुर रेल मंडल के डीआरएम नीलमणि ने बताया कि ट्रैक मैन के कुल तीन हजार पद में करीब पांच सौ पद रिक्त हैं। रिक्त पदों पर आउटसोर्स से काम कराया जा रहा है। अन्य रिक्त पदों पर नियमित रूप से पद भरे जा रहे हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड कर्मियों की लगातार नियुक्ति कर रहा है। रिक्त पदों पर लगातार नियुक्ति हो रही है। सेफ्टी श्रेणी में किसी तरह की अनदेखी नहीं की जा रही है। पद रिक्त होते ही तत्काल निजी एजेंसी के माध्यम से कर्मियों की तैनाती की जाती है।
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बालासोर हादसे से रेलवे के सेफ्टी इंतजामों को लेकर सवाल उठ रहे है। सेफ्टी इंतजामों को लेकर रेलवे में कई स्तर पर समझौता किया जा रहा है। सोनपुर रेल मंडल में सेफ्टी श्रेणी में 1030 पद रिक्त हैं। सेफ्टी श्रेणी में कुल 4990 में से 3960 कर्मियों से काम चलाया जा रहा है। 1030 पद रिक्त होने से कर्मियों को ओवर टाइम करना पड़ रहा है। अत्यधिक काम के बोझ व छुट्टियों में कटौती से प्राय: रेलकर्मी टेंशन में रहते है।
एक फरवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार सोनपुर रेल मंडल में गेटमैन के 239 पद रिक्त हैं। गेटमैन के 375 पद की जगह मात्र 136 कार्यरत हैं। 239 पद रिक्त होने से गेट की सेफ्टी प्रभावित हो रही है। ट्रैक मैन के तीन हजार पद में 2500 कार्यरत हैं। पांच सौ पद रिक्त हैं। स्टेशन मास्टर, सहायक स्टेशन मास्टर, यार्ड मास्टर और यातायात निरीक्षक के कुल 477 पद में 447 कर्मी कार्यरत है। गार्ड के तीस पद रिक्त हैं। गार्ड के 477 पद की जगह 447 कर्मी कार्यरत है। ट्रेनों के परिचालन में अहम भूमिका निभाने वाले स्टेशन मास्टर व समकक्ष कर्मियों के तीस पद रिक्त है। वहीं सोनपुर रेल मंडल में प्वाईंट मैन के पद पर स्वीकृत पदों से 157 अधिक कर्मी कार्यरत है। प्वाईंट मैन के कुल 444 पदों के एवज में 601 कार्यरत है।
शॉर्टकट पद्धति से रेलवे में चल रहा काम: यूनियन
कर्मियों की भारी कमी के कारण रेलवे में शॉर्टकट पद्धति से काम चलाया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर भी कर्मियों को छुट्टी नहीं दी जाती है। ओवरटाइम के कारण रेलकर्मी तनाव में रहते है। इससे उनके कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पूर्व मध्य रेल कर्मचारी यूनियन के मंडल मंत्री एससी त्रिवेदी ने बताया कि कर्मियों की कमी से हादसे की आशंका बनी रहती है। हादसे होने पर छोटे कर्मियों पर दोष मढ़ दिया जाता है, जबकि मूल कारणों की उपेक्षा की जाती है। रेलवे में ठेकेदार से काम कराने से भी संरक्षा नियमों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
रिक्त पदों पर आउटसोर्स से कराया जा रहा काम: डीआरएम
सोनपुर रेल मंडल के डीआरएम नीलमणि ने बताया कि ट्रैक मैन के कुल तीन हजार पद में करीब पांच सौ पद रिक्त हैं। रिक्त पदों पर आउटसोर्स से काम कराया जा रहा है। अन्य रिक्त पदों पर नियमित रूप से पद भरे जा रहे हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड कर्मियों की लगातार नियुक्ति कर रहा है। रिक्त पदों पर लगातार नियुक्ति हो रही है। सेफ्टी श्रेणी में किसी तरह की अनदेखी नहीं की जा रही है। पद रिक्त होते ही तत्काल निजी एजेंसी के माध्यम से कर्मियों की तैनाती की जाती है।