हरियाली के दुश्मन: सडक़ चौड़ी करने के लिए काटे पेड़, नए पौधे लगाने की योजना भी फेल | oldest trees cut for development in jabalpur | Patrika News

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हरियाली के दुश्मन: सडक़ चौड़ी करने के लिए काटे पेड़, नए पौधे लगाने की योजना भी फेल | oldest trees cut for development in jabalpur | Patrika News

हरियाली के दुश्मन: सडक़ चौड़ी करने के लिए काटे पेड़, नए पौधे लगाने की योजना भी फेल | oldest trees cut for development in jabalpur | Patrika News

हरियाली के दुश्मन: सडक़ चौड़ी करने के लिए काटे पेड़, नए पौधे लगाने की योजना भी फेल

जबलपुर

Published: April 09, 2022 03:50:25 pm

शहर में सडक़, फ्लाई ओवर निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्यो के लिए जमकर पेड़ों की कटाई की जा रही है। विशालकाय वृक्ष काटे जा रहे हैं। इन काटे गए पेड़ों के स्थान पर नए पौधे लगाकर उन्हें पेड़ बनाने तक देखरेख करने का प्रावधान है परंतु बीते पंद्रह वर्षो के दौरान यदि शहर की प्रमुख सडक़ों के निर्माण व चौड़ीकरण कार्य का आंकलन किया जाए तो सडक़ बनने के बाद उस सडक़ पर नए पौधे नहीं लगाए गए। इसी तरह अंधाधुंध पेड़ों की कटाई होती रही तो आने वाले वर्षो में शहर के मुख्य मार्गो के किनारे छावं गायब हो जाएगी।

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लापरवाही: विशालकाय पेड़ काट कर लगा रहे फूल के पौधे, नसीब नहीं दरख्त की छांव

मनीष गर्ग जबलपुर। हालत यह है कि अधिकांश मामलों में संख्या बढ़ाने के लिए कुछ सडक़ों पर फूल वाले छोटे-छोटे पौधे लगा दिए गए हैं। शहर में मौजूदा स्थिति में बड़ी तेजी से विकास कार्य जारी है, सडक़ चौड़ीकरण से लेकर चौराहा निर्माण सहित अन्य प्रमुख कार्य शामिल है परंतु इन निर्माण कार्यो के साथ ही शहर की हरियाली गायब होती जा रही है। हाल ही में शहर की कुछ प्रमुख सडक़े ऐसी हैं जो बनकर तैयार हो गई है। उनमें नए पेड़ नहीं लगे। नगर निगम के आंकडों पर ही नजर डाली जाए तो आधिकारिक तौर पर बीते दस वर्षो के दौरान आठ हजार से ज्यादा पेड़ काटे गए। इनमें से पांच हजार से ज्यादा पेड़ मुख्य मार्ग के किनारे विकास कार्यो के दौरान काटे गए।

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फूल के पौधे लगाकर संख्या बढ़ा रहे
कुछ सडक़ों काटे गए पेड़ के स्थान पर फूल वाले व छोटे पौधे डिवाइडर में लगाए जा रहे हैं। इस हिसाब से ये पौधरोपण की संख्या बढ़ा रहे हैं।

यह है स्थिति
– दो साल पहले पंड़ा की मढिय़ा गढ़ा से कछपुरा ओवर ब्रिज तक सडक़ बनी, सडक़ के दोनों छोर में कहीं भी पौधे लगाने की जगह नहीं
– शिवनगर सांई मंदिर से लेकर वत्सला पैराडाइज तक तीन साल पहले सडक़ बनी, सडक़ के दोनों छोर में एक भी पौधे लगाने की जगह नहीं
– बलदेवबाग से लेकर उखरी तिराहा के बीच निर्मित सीमेंटेड सडक़ में पेड़ काटे गए, सडक़ बनने के बाद दोनों छोर में नए पेड़ लगाने जगह ही नहीं

यहां भी कट रहे सैकड़ों पेड़
– आईटी पार्क में बरगी हिल्स से लेकर विद्युत स्टोर रुम तक बन रही सडक़
– मदनमहल स्टेशन से होम साइंस कॉलेज होते हुए शास्त्री ब्रिज तक सडक़
– गोल बाजार के चारों ओर व गोलबाजार से लेकर मालवीय चौक तक
– करौंदा नाला बायपास से लेकर अधारताल तिराहे तक निर्माणाधीन सडक़

फ्लाईओवर के लिए भी कटे विशालकाय पेड़
फ्लाई ओवर निर्माण कार्य में भी पारिजात बिङ्क्षल्डग से मदनमहल रेलवे स्टेशन व मदनमहल स्टेशन के दूसरे छोर से महानद्दा व मेडिकल रोड वाले छोर में एलआईसी के पहले बन रहा है। फोर लेन निर्माण में जो बड़े पेड़ बहुत ही किनारे थे वे भी कट गए। अभी जिस तरीके से फ्लाई ओवर निर्माण कार्य किया जा रहा है। उसमें सडक़ के दोनों ओर नाला बनाया जा रहा है। इसमें नए पौधे लगाने के लिए कहीं भी जगह नहीं छोड़ी जा रही है।

नगर निगम द्वारा केवल विकास में बाधक वृक्ष व ऐसे वृक्ष जिसके गिरने का खतरा हो। उन पेड़ों को ही काटने की अनुमति दी जाती है। उसके स्थान पर नए पौधे लगाकर उनकी देखरेख का प्रावधान है। जो भी नए प्रोजेक्ट है सभी में पेड़ लगाने का प्रावधान है।
– सुरेन्द्र मिश्रा, उद्यान अधिकारी नगर निगम

स्मार्ट सिटी के तहत शहर की जिन सडक़ों का भी निर्माण किया जा रहा है और उसके कार्य के दौरान जो भी पेड़ काटे जा रहे हैं। सडक़ निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उन स्थानों पर पेड़ लगाए जाएंगे। अभी अधिकांश सडक़ें निर्माणाधीन है। निर्माण कार्य पूरा होते ही पौधे लगाए जाएंगे। यह डीपीआर में शामिल है। पौधे लगाने स्थान छोड़ा जाएगा। पौधे लगाने के साथ उनकी देखरेख भी की जाएगी। काटे गए एक पौधे के बदले दस पौधे लगाए जाएंगे।
– निधि सिंह, सीईओ, स्मार्ट सिटी जबलपुर

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