हमीदिया के इमरजेंसी में पहले उपचार, बाद में रजिस्ट्रेशन | First treatment in Hamidia’s emergency, later registration | News 4 Social h3>
हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की नई बिल्डिंग 727 करोड़ की लागत से तैयार हुई है। इसमें दो हजार बेड है। इस यूनिट में सभी तरह की आधुनिक चिकित्सकीय सुविधाएं होंगी।
भोपाल. हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की नई बिल्डिंग 727 करोड़ की लागत से तैयार हुई है। इसमें दो हजार बेड है। इस यूनिट में सभी तरह की आधुनिक चिकित्सकीय सुविधाएं होंगी। खास बात यह है कि इमरजेंसी मेडिसिन (आकस्मिक चिकित्सा) विभाग में अब आने वाले गंभीर मरीज़ों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवा तो उपलब्ध होगी ही मरीज का पहले उपचार उपलब्ध कराया जाएगा, बाद में पंजीयन करवाने की व्यवस्था होगी।
मरीज को कितने समय में इलाज होगी स्टडी
किसी भी आकस्मिक स्थिति में हमीदिया अस्पताल आने वाले मरीजों का पहले इलाज होगा। अन्य औपचारिकताएं बाद में की जाएंगी। इस बात पर भी अध्ययन किया जाएगा कि मरीज को कितनी देर में इलाज की सुविधा मिली।
इसलिए बदलाव जरूरी
मंत्री सारंग ने कहा कि जब भी इमरजेंसी में कोई मरीज आता है, तो पहली प्राथमिकता उसे सही समय पर सही उपचार उपलब्ध करवाने की होती है। पंजीयन में समय लग जाने से कई बार मरीजों को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाता। इसीलिए इमरजेंसी में सर्वप्रथम मरीज को इलाज उपलब्ध कराया जायेगा, फिर उसका पर्चा भरा जाएगा।
यह सुविधाएं मिलेंगी इमरजेंसी में
-इमरजेंसी मेडिसन विभाग में मरीज के आने, इलाज मिलने और अस्पताल से जाने का रिकॉर्ड डेशबोर्ड के जरिए स्क्रीन पर दिखेगा।
-अलग प्रवेश द्वार, एम्बुलेंस डॉक-इन व्यवस्था, वेंटिलेटर, डीफिब्रिलेटर, मल्टीपैरा मॉनिटर, इंफ्यूजन पंप, क्रैश कार्ट, फाउलर बेड जैसे आधुनिक उपकरणो से लैस।
-मरीजों को गंभीरता के आधार पर रेड, येलो और ग्रीन जोन ताकि मिले सही उपचार। -इमरजेंसी के गंभीर मरीज को गोल्डन ऑवर में उपयुक्त इलाज की सुविधा।
आयुष्मान में भी बदले नियम
आयुष्मान योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में भी गंभीर मरीजों का इलाज शुरू करने के लिए स्वीकृति का इंतजार करने का नियम खत्म कर दिया गया है। चिकित्सकों को मरीज के भर्ती होते ही इलाज शुरू करना पड़ेगा। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से इसकी मंजूरी बाद में लेने के निर्देश जारी हुए हैं।
यह होगी विशेषताएं
– परिजनों के लिए सुविधा जनक वेटिंग एरिया
– स्टाफ कलर कोडेड ड्रेसेस में रहेगा
– मेडिसिन विभाग के पास रेडियोलॉजी विभाग, ताकि समय से हो जांच
– आधुनिक सुविधायुक्त ऑपरेशन थिएटर
मरीज को कितने समय में इलाज होगी स्टडी
किसी भी आकस्मिक स्थिति में हमीदिया अस्पताल आने वाले मरीजों का पहले इलाज होगा। अन्य औपचारिकताएं बाद में की जाएंगी। इस बात पर भी अध्ययन किया जाएगा कि मरीज को कितनी देर में इलाज की सुविधा मिली।
इसलिए बदलाव जरूरी
मंत्री सारंग ने कहा कि जब भी इमरजेंसी में कोई मरीज आता है, तो पहली प्राथमिकता उसे सही समय पर सही उपचार उपलब्ध करवाने की होती है। पंजीयन में समय लग जाने से कई बार मरीजों को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाता। इसीलिए इमरजेंसी में सर्वप्रथम मरीज को इलाज उपलब्ध कराया जायेगा, फिर उसका पर्चा भरा जाएगा।
यह सुविधाएं मिलेंगी इमरजेंसी में
-इमरजेंसी मेडिसन विभाग में मरीज के आने, इलाज मिलने और अस्पताल से जाने का रिकॉर्ड डेशबोर्ड के जरिए स्क्रीन पर दिखेगा।
-अलग प्रवेश द्वार, एम्बुलेंस डॉक-इन व्यवस्था, वेंटिलेटर, डीफिब्रिलेटर, मल्टीपैरा मॉनिटर, इंफ्यूजन पंप, क्रैश कार्ट, फाउलर बेड जैसे आधुनिक उपकरणो से लैस।
-मरीजों को गंभीरता के आधार पर रेड, येलो और ग्रीन जोन ताकि मिले सही उपचार। -इमरजेंसी के गंभीर मरीज को गोल्डन ऑवर में उपयुक्त इलाज की सुविधा।
आयुष्मान में भी बदले नियम
आयुष्मान योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में भी गंभीर मरीजों का इलाज शुरू करने के लिए स्वीकृति का इंतजार करने का नियम खत्म कर दिया गया है। चिकित्सकों को मरीज के भर्ती होते ही इलाज शुरू करना पड़ेगा। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से इसकी मंजूरी बाद में लेने के निर्देश जारी हुए हैं।
यह होगी विशेषताएं
– परिजनों के लिए सुविधा जनक वेटिंग एरिया
– स्टाफ कलर कोडेड ड्रेसेस में रहेगा
– मेडिसिन विभाग के पास रेडियोलॉजी विभाग, ताकि समय से हो जांच
– आधुनिक सुविधायुक्त ऑपरेशन थिएटर
नए भवन में होंगी यह सुविधाएं
-हमीदिया अस्पताल के ब्लॉक-1 के भूतल पर ही रेडियोलॉजी विभाग
– सर्व सुविधायुक्त राष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप ब्लड बैंक
– दो हजार बिस्तरों में 240 आईसीयू बेड शामिल
– नवजात शिशु के लिए एसएनसीयू
– अत्याधुनिक उपकरणों के साथ 19 ऑपरेशन थिएटर
– 350 क्षमता का ऑडिटोरियम ब्लॉक-2 की 12वीं मंजिल पर