सहरसा-दरभंगा-नरकटियागंज इलेक्ट्रिक ट्रेन इसी साल

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सहरसा-दरभंगा-नरकटियागंज इलेक्ट्रिक ट्रेन इसी साल

सहरसा-दरभंगा-नरकटियागंज इलेक्ट्रिक ट्रेन इसी साल


दरभंगा/सहरसा, हि.टी.। सहरसा से सुपौल, झंझारपुर, दरभंगा होते हुए नरकटियागंज तक इलेक्ट्रिक ट्रेन इसी…

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाFri, 17 Mar 2023 01:51 AM

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दरभंगा/सहरसा, हि.टी.। सहरसा से सुपौल, झंझारपुर, दरभंगा होते हुए नरकटियागंज तक इलेक्ट्रिक ट्रेन इसी साल चलने लगेगी। इस रूट का हिस्सा सकरी-निर्मली 70 किमी रेलखंड पर रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा हो गया है। समस्तीपुर मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने कहा कि सकरी-निर्मली रेलखंड पर पूरा किये गये रेल विद्युतीकरण कार्य का पूर्व मध्य रेल के प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर 17 मार्च को निरीक्षण करेंगे। उसी दिन निरीक्षण के बाद वे इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली विशेष ट्रेन से स्पीड ट्रायल कर भी देखेंगे। उन्होंने कहा कि सहरसा से गढ़ बरुआरी तक रेल विद्युतीकरण कार्य का सीआरएस निरीक्षण हो चुका है। गढ़ बरुआरी से सुपौल होते सरायगढ़ तक रेल विद्युतीकरण कार्य मार्च अंतिम तक पूरा कर लिया जायेगा। वहीं निर्मली से सरायगढ़ के बीच चल रहे रेल विद्युतीकरण कार्य को अगले तीन से चार माह में पूरा करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि निर्मली से सरायगढ़ के बीच कोसी पुल(रेल महासेतु) होने के कारण रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा करने में थोड़ा समय लगेगा। निर्मली से सरायगढ़ तक रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के बाद सहरसा से सुपौल, झंझारपुर, दरभंगा होते नरकटियागंज तक इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने लगेगी। डीआरएम ने कहा कि सरायगढ़ से राघोपुर, ललितग्राम होते फारबिसगंज तक रेल विद्युतीकरण कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा होगा। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए बिजली प्रवाहित करने को सरायगढ़ में ट्रैक्शन पावर सब स्टेशन बनेगा। डीआरएम ने कहा कि सरायगढ़ में ट्रैक्शन पावर सब स्टेशन निर्माण होने तक इलेक्ट्रिक ट्रेन परिचालन के लिए सहरसा और सकरी तरफ से बिजली आयेगी। डीआरएम ने कहा कि समस्तीपुर मंडल में करीब 200 रूट किमी रेलखंड को विद्युतीकृत करना बचा है। उसे इसी साल के दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। तय समय में बचे सभी रेलखंडों को विद्युतीकृत करते इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की योजना है। इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन के चलने पर उसकी औसत गति बढ़ने से कम समय में सफर पूरा होगा। समयबद्धता और वातावरण में प्रदूषण नहीं के बराबर फैलने की यह वजह बनेगी। डीआरएम ने कहा कि इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलने पर डीजल लोको से ट्रेन परिचालन की व्यवस्था खत्म हो जायेगी। इलेक्ट्रिक इंजन से परिचालन में डीजल के मुकाबले खर्च कम पड़ेगा। मेमू का रैक उपलब्ध होते डेमू की जगह

मेमू का परिचालन सुनिश्चित किया जायेगा।

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