सरकारी नौकरी के लालच में 90 लाख रुपए डूबे: रेलवे, पुलिस में जॉब का झांसा देकर ट्रेनिंग करवाई, फर्जी जॉइनिंग लेटर भी दिया – Alwar News

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सरकारी नौकरी के लालच में 90 लाख रुपए डूबे:  रेलवे, पुलिस में जॉब का झांसा देकर ट्रेनिंग करवाई, फर्जी जॉइनिंग लेटर भी दिया – Alwar News

सरकारी नौकरी के लालच में 90 लाख रुपए डूबे: रेलवे, पुलिस में जॉब का झांसा देकर ट्रेनिंग करवाई, फर्जी जॉइनिंग लेटर भी दिया – Alwar News

बिना एग्जाम सरकारी नौकरी का झांसा देने वाले फर्जी अफसरों ने राजस्थान के कई बेरोजगारों को बर्बाद कर दिया। गैंग ने ऐसे जाल में फंसाया कि वे कर्जदार तक हो गए।

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दैनिक NEWS4SOCIALऐप पर इन्वेस्टिगेशन की पहली कड़ी में आपने पढ़ा कि किस तरह सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के जरिए ठग युवाओं को फंसा रहे हैं।

NEWS4SOCIALरिपोर्टर की इन्वेस्टिगेशन के बाद हमारे पास कई ऐसे पीड़ित आए। उन्होंने अपनी आप बीती सुनाई और बताया कि कैसे वे इन ठगों के जाल में फंस गए।

उससे पहले पढ़िए कैसे अपने जाल में फंसाते हैं ठग…

NEWS4SOCIALरिपोर्टर ने किया था तीन गैंग को एक्सपोज

सोशल मीडिया पर विज्ञापनों से बेरोजगारों को फंसाने वाली गैंग को एक्सपोज करने के लिए NEWS4SOCIALरिपोर्टर ने 1 महीने तक इन्वेस्टिगेशन किया था।

विज्ञापनों में दिए मोबाइल नंबर पर खुद को बेरोजगार बताकर कॉल किया था। ठगों ने खुद को एसपी और मर्चेंट नेवी अफसर बताकर रिपोर्टर का इंटरव्यू लिया।

डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन का दिखावा किया। रिपोर्टर ने मेडिकल में खुद को दिव्यांग बताया। इसके बावजूद ठगों ने पुलिस और मर्चेंट नेवी में जॉब की गारंटी दी। बदले में पैसे मांगे। रिपोर्टर ने इनकार किया तो केस करने की धमकी दी।

सोशल मीडिया पर ठगों के फर्जी विज्ञापन

ठगों की गैंग राजस्थान ही नहीं देशभर में एक्टिव है। युवाओं को फंसाने के लिए सोशल मीडिया की मदद लेते हैं। फेसबुक, वॉट्सएप ग्रुप, इंस्टाग्राम पर नौकरियों की जानकारी डालते हैं। विज्ञापन भी ऐसे कि हर कोई यकीन कर लें। जैसे–

पुलिस कॉन्स्टेबल जॉब्स

आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन

पद योग्यता सैलरी
कॉन्स्टेबल 10वीं 36 हजार रुपए
वन रक्षक 10वीं, बीए 23,500- 64,500
ड्राइवर 8वीं पास 28 हजार रुपए

विज्ञापन के नीचे संपर्क के लिए मोबाइल नंबर दिए होते हैं। बेरोजगार युवा ऐसे नंबरों पर फोन करते हैं और जाल में फंस जाते हैं। ठग अधिकारी बनकर इंटरव्यू का दिखावा करते हैं।

अच्छी सेलेरी वाली जॉब ऑफर करते हैं। बाद में लोगों से रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग या लैपटॉप देने के नाम पर रुपए मांगे जाते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति पैसे ट्रांसफर करता है।

ठग अपने नंबर बंद करके गायब हो जाते हैं। कई बार ठग एप्लिकेशन के नाम पर उनके बैंक अकांउट और एटीएम कार्ड आदि की जानकारी भी ले लेते हैं। बाद में उस जानकारी का मिसयूज करते हुए उनके बैंक अकाउंट से रुपए निकाल लेते हैं।

फर्जी विज्ञापन, जिन्हें देखकर बेरोजगार ठगों के जाल में फंसकर लाखों रुपए गंवा देते है।

विदेश में नौकरी का भी झांसा

ठग सोशल मीडिया पर विज्ञापन के जरिए आपके प्रदेश के साथ देश के अलग–अलग राज्यों और यहां तक कि विदेश में भी नौकरी का झांसा देते हैं।

ऑनलाइन कई ऐसे एजेंट है, जो विदेश भेजने और वहां नौकरी दिलाने की एवज में लाखों रुपए ऐंठते है। हाल में ऐसा ही केस हनुमानगढ़ में आया। ठग ने स्लोवाकिया में नौकरी का झांसा देकर युवक से 3 लाख 60 हजार रुपए ठगे।

मामले में हरियाणा के रहने वाले ठग दिनेश नागपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।सीकर में भी कई ऐसे मामले सामने है, जिसमें विदेश में नौकरी के नाम पर रुपए ठगे।

यहां तक कि फर्जी वीजा तक बनवाया गया लेकिन रुपए लेने के बाद भी नौकरी नहीं मिली।

NEWS4SOCIALरिपोर्टर ने विज्ञापनों में दिए अलग-अलग मोबाइल नंबर पर कॉल किया था। उन्होंने रिपोर्टर को केवल एक घंटे में पुलिस, रेलवे और नेवी में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। इसके बदले अलग–अलग पोस्ट के लिए अलग–अलग रुपए मांगे थे।

खुद को एसपी संदीप शर्मा बताने वाले फर्जी पुलिसवाले ने पहले सिलेक्ट होने की बात कही, लेकिन जब रिपोर्टर ने पैसे देने से मना किया तो धमकाने लगा था।

NEWS4SOCIALरिपोर्टर की इन्वेस्टिगेशन के बाद पीड़ितों ने बताई आपबीती…

मकान–जमीन गिरवी रखकर दिए थे रुपए

नीमकाथाना (सीकर) के रहने वाले लालचंद सैनी ठगों का शिकार बन चुके हैं। उन्होंने बताया– सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर ठगों के संपर्क में आया था। ठगों ने ट्रेनिंग और ज्वॉइनिंग लेटर भी दिया लेकिन नौकरी नहीं लगी।

ठगों ने अलवर और दिल्ली में ऑफिस बना रखा है। सोशल मीडिया पर दिए नंबर पर सबसे पहले अलवर के रहने वाले अरशद से बात हुई थी। उसे दिल्ली ऑफिस में कार्तिक नाम से जानते है। इसके बाद गैंग के 6 लोगों ने अलग–अलग तरीके से रुपए लिए।

ठगों को रुपए देने के लिए मैंने मकान पर बैंक से लोन और जमीन व पत्नी के गहने गिरवी रखकर रुपए लिए थे। सारा पैसा डूब गया। अब एक महीने में लोन नहीं चुकाया तो हम बेघर हो जाएंगे।

मेरे पिता के दोनों हाथ जले हुए हैं। इसके बाद भी वे दूसरों के खेतों में काम करने जाते हैं, ताकि हमारी रोजी-रोटी तो चल सकें। तनाव में आकर मैं नींद की गोलियां खाने लगा हूं। पत्नी और मैं सुसाइड की कोशिश कर चुके हैं।

5 युवकों से कुल 90 लाख रुपए ठगे

लालचंद ने बताया– अप्रैल 2023 में सोशल मीडिया पर रेलवे में नौकरी का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन पर दो मोबाइल नंबर 8274962574 और 9650761649 लिखे थे।

फोन करने पर अरशद नाम के युवक से बात हुई। उसने बताया उनका अलवर और दिल्ली में ऑफिस है। उसने मुझे दिल्ली बुलाया। अरशद को दिल्ली में कार्तिक के नाम से जानते हैं।

अरशद ने रेलवे में ग्रुप डी और रेवेन्यू में क्लर्क का ऑफर दिया था। इसके बदले फोन-पे के जरिए 9 लाख रुपए सतीश (गैंग का सदस्य) के बैंक खाते में ट्रांसफर करवाए थे।

गैंग का दूसरा सदस्य अमित पांडे उसे रेलवे हॉस्पिटल (दिल्ली) में मेडिकल कराने लेकर गया। 15 दिन बाद वापस एग्जाम देने दिल्ली बुलाया था।

तब गैंग के सदस्य अमित और परवेज मिले थे। उन्होंने कार में बैठाकर ओएमआर शीट और पेपर थमा दिया था। चलती कार में पेपर सॉल्व कराया था।

फर्जी जॉइनिंग लेटर दिया

एग्जाम के कुछ महीनों बाद अरशद को फोन कर रिजल्ट के बारे में पूछा था। उसने कहा– कोई अड़चन आ गई है। राजस्थान में रेवेन्यू विभाग में भर्ती आ गई है।

वहां क्षेत्रीय अधिकारी के पद पर लगवा देता हूं। वापस दिल्ली बुलाकर बोगस तरीके से रेवेन्यू में क्षेत्रीय अधिकारी के पद का फॉर्म भरवाया था। ठग ने कहा था- वीआईपी कोटे से काम हो जाएगा।

कुछ दिन बाद जॉइनिंग लेटर देकर 3 लाख रुपए सतीश के खाते में डलवाए। लालचंद ने बताया- ठगों पर विश्वास कर अपने सगे भाई धोलूराम, विनोद, रिश्तेदार सुरेंद्र (चाचा का लड़का), इंद्राज (भांजा) की नौकरी की भी बात की।

ठगों ने पुलिस, रेलवे, दिल्ली मेट्रो और राजस्थान SI में नौकरी लगवाने का वादा किया था। उन्होंने मेरी बाकायदा ट्रेनिंग करवाई। फर्जी जाॅइनिंग लेटर देकर कहा कि नौकरी लग जाएगी।

मैंने उन पर विश्वास करके अपने दो सगे भाइयों और दो रिश्तेदारों की नौकरी की भी बात की। उन्होंने उन्हें भी नौकरी लगवाने का वादा किया। हम सबसे से कुल 90 लाख रुपए ठगे। अब रुपए मांगते हैं तो धमकी देते हैं।

24 लाख रुपए लेकर कोटा भेजा

लालचंद ने बताया- ठगों पर विश्वास कर अपने सगे भाई धोलूराम, विनोद, रिश्तेदार सुरेंद्र (चाचा का लड़का) , इ्द्राज (भांजा) की नौकरी की भी बात की।

ठगों ने मुझे और मेरे भाइयों सुरेंद्र , इ्द्राज और विनोद (सगा भाई) को रेलवे में नौकरी के लिए दिल्ली बुलाया था। दिल्ली में अखिलेश (गैंग का सदस्य) लेने आया था। उसने 24 लाख रुपए पेमेंट भी लिया था।

इसके बाद ठग अखिलेश, कार्तिक और शकुल खान हमें कोटा रेलवे जंक्शन लेकर आए थे। वहां ट्रेन के नट बोल्ट सही करने का काम करवाया था।

कोटा में रहते हुए गैंग के लोगों ने 20 बार अलग-अलग कारण बताकर कई लाख रुपए अलग-अलग फोन–पे में डलवाए थे। यहां पता चला कि ये सब टेंडर वाली कंपनी के अंडर में काम करते हैं। यह नौकरी की ट्रेनिंग नहीं है। उसके बाद भांडा फूटता गया।

ठगी का पता चलने पर गोली मारने की धमकी दी

ठगों की जालसाजी का पता लगने पर अरशद (कार्तिक) ने अपना फोन बंद कर दिया। दिसंबर 2024 में उससे मिलने अलवर गया था। पैसे मांगे तो बंदूक दिखाकर बोला- ‘गोली मार देंगे। कोई पैसे नहीं है।

तेरे ऊपर ही मुकदमा कर देंगे।’ उसके बाद डरकर अपने गांव लौट आया था। इसके बाद दिल्ली कोटला थाने में 26 अप्रेल 2024 को और नीमकाथाना के सदर थाने में दिसंबर 2024 में शिकायत दी। अब तक रुपयों की रिकवरी और ठग पकड़े नहीं गए है।

राजस्थान से लेकर दिल्ली तक फैला नेटवर्क

लालचंद के साथ ही अन्य युवकों भी उनके जाल में फंसे। ठगों ने कैसे फंसाया पढ़िए…

राजस्थान SI भर्ती के लिए 15-15 लाख रुपए मांगे

केस 1- ठगों ने लालचंद के भाई धोलूराम को मेरठ के हॉस्पिटल में नौकरी लगाने का झांसा दिया था। इसके बदले 9 लाख रुपए लेकर लिखित एग्रीमेंट दिया था। ये रकम अमित और इकलाक अहमद (गैंग के सदस्य) को नगद दी गई थी। धोलूराम को ज्वाइनिंग लेटर देकर मेरठ ग्राउंड भी लेकर गए थे। धोलूराम मेरठ के हॉस्पिटल में नौकरी ज्वाइन करने गया लेकिन वहां उसे कोई नहीं मिला।

धोलूराम ने अरशद (कार्तिक) को कॉल किया। उसने कहा– ‘धरपकड़ चल रही है। चले जाओ वरना जेल जाओगे।’ कुछ समय बाद कहा– राजस्थान में SI भर्ती निकली है, उसमें करवा देंगे।

केस 2- लालचंद का चचेरा भाई मनीष भी फंस गया था। धोलूराम और मनीष से SI भर्ती के लिए 15-15 लाख रुपए मांगे थे। ठगों ने कहा- आप दोनों भाइयों का राजस्थान में SI भर्ती में करा देंगे। इसके बाद दिल्ली बुलाकर SI भर्ती का फॉर्म भरवाया था।

उन्होंने कहा, ट्रेनिंग के दौरान किसी से बात मत करना। बैकलॉग में काम करवा रहे है। इसके बाद 4 लाख रुपए सतीश के अकाउंट में डलवाए। इसके अलावा दिल्ली में 26 लाख 60 हजार रुपए नगद राजाबाबू और अखिलेश (गैंग के सदस्य) ने लिए।

ये दोनों ठग गिरोह के दो सदस्य है।

रेलवे में टीटी के लिए 14 लाख मांगे

केस 3- लालचंद के मामा के लड़के को रेलवे में टीटी की भर्ती करवाने की एवज में 14 लाख रुपए मांगे थे। युवक को पंजाब बुलाकर वहां कार्तिक, अरशद और अखिलेश (गैंग के सदस्य) मिले। उन्होंने 4 लाख रुपए लेकर मेडिकल करवाकर भेज दिया था। बाकी 10 लाख रुपए मेडिकल के बाद ई-मेल आने पर लिए थे।

दिल्ली के शास्त्री भवन में करवाई थी ट्रेनिंग

केस 4- लालचंद का भांजा इंद्राज सैनी निवासी थोई (सीकर) और पड़ोसी का लड़का सुरेंद्र पुत्र बाबूलाल सैनी निवासी चला (नीमकाथाना) भी ठगों के जाल में फंसा था। ठगों ने रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी के बदले 8-8 लाख रुपए मांगे थे। दोनों का मेडिकल कराकर ज्वाइनिंग लेटर दिया गया था।

नौकरी नहीं लगने पर ठगों ने इनकम टैक्स में क्लर्क की नौकरी लगाने की बात कही थी। इसके बाद दिल्ली के शास्त्री भवन बुलाकर 45 दिन की ट्रेनिंग करवाई थी। शास्त्री भवन में किसी के पास दस्तावेज स्कैनिंग करने का ठेका था। उसने बात कर फर्जी तरीके से युवकों को काम सीखने को भेज दिया।

वहां कागज स्कैनिंग करने का काम सिखाते रहे। 45 दिन की ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट दे दिया। ट्रेनिंग के बाद कंफर्मेशन लेटर देने रूद्रप्रताप सिंह आया था।

उसने परवेज के अकाउंट में 3 लाख 62 हजार रुपए अकाउंट में डलवाए और 4 लाख 90 हजार रुपए रुपए नकद कश्मीरी गेट पर लिए। फिर कहा कि तीन महीने में राजस्थान में जाकर जयपुर इनकम टैक्स कार्यालय जाकर ज्वाइन कर लेना। वहां मंत्री से बात हो गई है। वह जयपुर ऑफिस गया लेकिन कोई नहीं मिला।

इसके बाद 9205425271 नंबर से रुद्र प्रताप सिंह का सुरेंद्र के पास कॉल गया। ठगों ने उसे अलवर में सूर्य डी ब्लॉक मेवात आईटीआई कॉलेज के पास एक ऑफिस में बुलाया। वहां राहुल खान और कार्तिक (अरशद) मिले थे।

ठगों ने कहा– राजस्थान में वन विभाग की भर्ती आ गई। उसका फॉर्म भरवा दिया। सुरेंद्र को जयपुर में स्पोट्र्स एकेडमी भवानी सिंह की एकेडमी लेकर गए। वहां 10 दिन रखकर डिप्लोमा दे दिया और 20 हजार रुपए लिए थे।

दिल्ली मेट्रो में नौकरी का झांसा

केस-5 ठगों के जाल में धोलूराम का एक और भाई विनोद भी फंस गया था। ठगों ने उसे दिल्ली मेट्रो में ऑपरेटर की नौकरी का झांसा देकर 8 लाख रुपए मांगे थे। उसे दिल्ली में मेट्रो स्टेशन कश्मीरी गेट पर बुलाया गया था।

29 मई 2023 को 3 लाख रुपए दिल्ली में आनंद विहार स्टेशन पर इकलाक को दिए। इकलाक ने मेट्रो की पोशाक और ज्वाइनिंग लेटर भी देकर गया था। वहीं पर 3 लाख रुपए कैश लिए और 1 लाख 20 खुद के अकाउंट में डलवा लिए।

सीकर के एसपी भूषण यादव ने कहा- मामला मेरी जानकारी में है। पीड़ित परिवाद लेकर आया था। सीओ को मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए है।

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सोशल मीडिया पर ऐसे विज्ञापनों से बेरोजगारों को फंसाया जा रहा है। हाल ही में ऐसी ही एक गैंग ने सीकर के 5 युवाओं को फंसाकर 90 लाख ठग लिए। ऐसी गैंग को एक्सपोज करने के लिए NEWS4SOCIALरिपोर्टर ने 1 महीने तक इन्वेस्टिगेशन किया। पूरी खबर पढ़िए…

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