सरकारी खजाने से किया राजनीतिक प्रचार, 10 दिन में 163 करोड़ रुपये जमा करें… दिल्ली सरकार ने आप से कहा
AAP की तरफ से नहीं आया कोई जवाब
164 करोड़ की रकम जमा करने के आदेश पर आम आदमी पार्टी की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। इसके पहले पार्टी ने एलजी वीके सक्सेना पर यह कहते हुए आरोप लगाया कि सक्सेना बीजेपी के इशारे पर यह आदेश दे रहे हैं। पार्टी ने इसके साथ दावा किया कि उन्हें यह आदेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। 19 दिसंबर को जारी आदेश का पालन करते हुए डीआईपी ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 164 करोड़ रिकवरी के रूप में जमा करने का नोटिस दिया है। अधिकारियों ने कहा कि इसमें 99.31 करोड़ प्रिंसपिल और 64 करोड़ पीनल इंट्रेस्ट शामिल है।
कांग्रेस के अजय माकन ने की थी शिकायत
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली कांग्रेस के नेता अजय माकन की शिकायत के बाद CCRGA ने इसपर जांच शुरू की। जांच में यह पता चला कि आम आदमी पार्टी ने विज्ञापनों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस का उल्लंघन किया था। इसके बाद इसे डीआईपी को इन विज्ञापनों पर खर्च हुए पैसों को गिनने और उसे रिकवर करने का आदेश आम आदमी पार्टी को दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि DIP ने बताया कि पार्टी ने 97 करोड़ रुपये गैर-पुष्टि विज्ञापनों पर खर्च किए हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। डीआईपी ने विज्ञापन एजेंसी की तरफ से पब्लिकेशन को 42.26 करोड़ रुपये जारी किए थे। वहीं बाकी 54.87 करोड़ अभी भी पेंडिंग है।
बीजेपी ने भी बोला हमला
भारतीय जनता पार्टी ने भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी ने कहा कि पार्टी के पास डॉक्टरों और शिक्षकों को देने के लिए पैसे नहीं हैं लेकिन नई शराब नीति घोटाले के आरोपियों को बचाने के लिए उनके पास करोड़ों रुपये हैं। भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा कि यह बेहद शर्म की बात है कि आप सरकार जनता के पैसे का उपयोग कर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया हटाने की जगह उन्हें बचा रही है। भाटिया ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी को 24 घंटे के अंदर जवाब देना चाहिए नहीं तो यह पार्टी कट्टर बेइमान और पाप है।
रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी ने लीगल फीस के तौर पर 25 करोड़ खर्च किए हैं। गौरव भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केजरीवाल ने अपनी पब्लिसिटी में करोड़ों खर्च कर दिए हैं। आखिर क्यों यह पार्टी भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए इतने पैसे खर्च कर रही है। आम आदमी पार्टी को खुद इसका खर्च वहन करना चाहिए।