संभल जामा मस्जिद के सदर को पुलिस ने उठाया: हिंसा को लेकर जफर अली से कोतवाली में पूछताछ; मस्जिद पर RAF तैनात – Sambhal News h3>
सनी गुप्ता, संभल7 मिनट पहले
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संभल की जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने हिरासत में लिया है। रविवार सुबह 11 बजे पुलिस घर पहुंची। उन्हें घर से संभल कोतवाली ले जाया गया है। जफर अली का घर मस्जिद से 100 मीटर की दूरी पर है।
24 नवंबर को हुई हिंसा को लेकर SIT प्रभारी कुलदीप सिंह, ASP (उत्तरी) श्रीश्चंद्र और सीओ संभल अनूप चौधरी उनसे सवाल-जवाब कर रहे हैं।
फिलहाल, एहतियात के तौर पर पुलिस ने जामा मस्जिद के बाहर भारी संख्या में पुलिस, PAC और RAF तैनात कर दी है। इससे पहले, हिंसा के एक दिन बाद यानी 25 नवंबर को पुलिस ने जफर को उठाया था और कोतवाली में उनसे पूछताछ की थी।
24 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी।
जफर अली को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके बड़े भाई ताहिर अली भी कोतवाली पहुंचे। उन्होंने बताया- सुबह करीब 11.30 बजे इंस्पेक्टर साहब और जांच अधिकारी घर पहुंचे। पूछने पर बताया था कि सीओ कुलदीप सिंह बात करना चाहते हैं। जांच आयोग के सामने बयान देना था, इसलिए जानबूझकर उनको पुलिस जेल भेज रही ही, लेकिन कोई बात नहीं।
भाई ने कहा कि जफर अली ने हिंसा के बाद प्रेस कॉफ्रेंस में जो बयान दिया था, वह उससे पीछे नहीं हटेंगे। वो बयान देंगे कि पुलिस ने गोली चलाई है। पुलिस की गोली से ही ये लोग मारे गए थे। वो कह रहे हैं, मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं लेकिन सच्चाई से पीछे नहीं हटूंगा। हम लोग कोर्ट से केस लड़ेंगे।
संभल का प्रशासन लोगों को भड़का रहा है। तनाव खत्म नहीं करना चाहता। हम तनाव खत्म करना चाहते हैं। जितने भी उच्च अधिकारी हैं। संभल में सब तनाव पैदा कर रहे हैं। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा में 4 की हुई थी मौत जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था।
इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई थी।
हिंसा में अब तक तीन महिलाओं समेत 79 की गिरफ्तारी संभल हिंसा में अब तक तीन महिलाओं सहित 79 उपद्रवियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अभी तक किसी की जमानत नहीं हुई है। जस्टिस नारायण राय ने अब तक 130 जमानत याचिकाओं को खारिज किया है।
2 जनवरी को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट
2 जनवरी को संभल में शाही जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए। इसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं।
मस्जिद में 50 से ज्यादा फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर 2 वट वृक्ष हैं। हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। एक कुआं है, उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है।
पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। मंदिर वाले स्ट्रक्चर जैसे- दरवाजे, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है।
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योगी बोले-संभल में 1947 से अबतक 209 हिंदुओं की हत्या
यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को CM योगी आदित्यनाथ ने कहा था- संभल में 1947 से अब तक हुए दंगों में 209 हिंदू मारे गए हैं। किसी ने एक बार भी उन निर्दोष लोगों के लिए संवेदना व्यक्त नहीं की। ये लोग हाल ही में हुए संभल दंगे पर आंसू बहा रहे हैं। ये लोग सौहार्द की बात कर करते हैं। शर्म आनी चाहिए। पढ़ें पूरी खबर
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सनी गुप्ता, संभल7 मिनट पहले
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संभल की जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने हिरासत में लिया है। रविवार सुबह 11 बजे पुलिस घर पहुंची। उन्हें घर से संभल कोतवाली ले जाया गया है। जफर अली का घर मस्जिद से 100 मीटर की दूरी पर है।
24 नवंबर को हुई हिंसा को लेकर SIT प्रभारी कुलदीप सिंह, ASP (उत्तरी) श्रीश्चंद्र और सीओ संभल अनूप चौधरी उनसे सवाल-जवाब कर रहे हैं।
फिलहाल, एहतियात के तौर पर पुलिस ने जामा मस्जिद के बाहर भारी संख्या में पुलिस, PAC और RAF तैनात कर दी है। इससे पहले, हिंसा के एक दिन बाद यानी 25 नवंबर को पुलिस ने जफर को उठाया था और कोतवाली में उनसे पूछताछ की थी।
24 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी।
जफर अली को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके बड़े भाई ताहिर अली भी कोतवाली पहुंचे। उन्होंने बताया- सुबह करीब 11.30 बजे इंस्पेक्टर साहब और जांच अधिकारी घर पहुंचे। पूछने पर बताया था कि सीओ कुलदीप सिंह बात करना चाहते हैं। जांच आयोग के सामने बयान देना था, इसलिए जानबूझकर उनको पुलिस जेल भेज रही ही, लेकिन कोई बात नहीं।
भाई ने कहा कि जफर अली ने हिंसा के बाद प्रेस कॉफ्रेंस में जो बयान दिया था, वह उससे पीछे नहीं हटेंगे। वो बयान देंगे कि पुलिस ने गोली चलाई है। पुलिस की गोली से ही ये लोग मारे गए थे। वो कह रहे हैं, मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं लेकिन सच्चाई से पीछे नहीं हटूंगा। हम लोग कोर्ट से केस लड़ेंगे।
संभल का प्रशासन लोगों को भड़का रहा है। तनाव खत्म नहीं करना चाहता। हम तनाव खत्म करना चाहते हैं। जितने भी उच्च अधिकारी हैं। संभल में सब तनाव पैदा कर रहे हैं। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा में 4 की हुई थी मौत जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था।
इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई थी।
हिंसा में अब तक तीन महिलाओं समेत 79 की गिरफ्तारी संभल हिंसा में अब तक तीन महिलाओं सहित 79 उपद्रवियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अभी तक किसी की जमानत नहीं हुई है। जस्टिस नारायण राय ने अब तक 130 जमानत याचिकाओं को खारिज किया है।
2 जनवरी को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट
2 जनवरी को संभल में शाही जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए। इसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं।
मस्जिद में 50 से ज्यादा फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर 2 वट वृक्ष हैं। हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। एक कुआं है, उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है।
पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। मंदिर वाले स्ट्रक्चर जैसे- दरवाजे, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है।
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