शीर नान के लिए पूरे एक साल लोग करते हैं इंतजार

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शीर नान के लिए पूरे एक साल लोग करते हैं इंतजार

शीर नान के लिए पूरे एक साल लोग करते हैं इंतजार

बुरहानपुर:मुस्लिम समाज का पवित्र माह रमजान (Burhanpur Sheer Naan) अब अपने अंतिम चरण में चल रहा है। एक माह तक रोजे रखकर खुदा की इबादत कर खुदा को राजी करने का सिलसिला जारी है। सुबह चार बजे उठकर सेहरी की जाती है। 16 घंटे बाद शाम 6:30 के करीब फल फ्रूट से रोजा इफ्तार किया जाता है। इस बीच बंदा अपने खुदा को राजी करने के लिए इबादत के साथ-साथ सब्र का दामन में रहता है। रोजा सब्र का नाम है। अपने आपको वह हर लालच से महफूज रखता है जो उसे बुराई की तरफ ले जाती है। रमजान में रोजे रखने वालों को अपनी सेहत का भी ख्याल रखना पड़ता है।
इसमें सबसे ज्यादा ख्याल इस बात का रखना होता है कि क्या खाएं, क्या न खाएं। कहीं न कहीं यह भी सवाल खड़े होते हैं कि दिन भर रोजा रखने के बाद शाम होते ही दस्तरखान पर फल फ्रूट के साथ-साथ घर में जो भी खाने की लज्जतदार सामग्री होती है, उसे परोसा जाता है, जिससे रोजगार रोजा इफ्तार करता है। रोजा इस इफ्तार करने के बाद रोजेदार मगरिब की नमाज अदा करके ईशा की नमाज और तरावी में लग जाता है।

इसके बाद वह सुबह चार बजे तक सब कुछ खा लेता है। चार बजे के बाद वह मस्जिद से सदा आने पर तैयारी करता है। इस तैयारी में विभिन्न व्यंजन ग्रहण करता है। इसी के साथ खासकर शहरी में नान का अपना महत्व है। नान खाने से रोजदार को दिन भर भूख का एहसास नहीं होता। खासकर यदि शीर नान हो तो यह काफी लज्जतदार होती है, जिसे रोजेदार बड़ी आसानी से खाते हैं।

ऐसे तैयार होता है शीर नान

बेकरी संचालक सैयद वसीम ने बताया कि हर साल शीर नान 25 वें रोजे पर बनाई जाती है। रोजदार 25 रोजे की रात में 26 में रोजे की अलसुबह शहरी में खाते हैं। इसलिए इस नान का 26 वें रोजे पर विशेष महत्व है। सैयद वसीम बताते हैं कि एक नान 75 रुपए का होता है, जिसका वजन 700 ग्राम होता है। इसे करीब छह लोग आसानी से खा लेते हैं। इसे बनाने में ड्राई फ्रूट, मेवा, दूध, काजू, बादाम, इलायची, चिरौंजी, किसमिस और अन्य मसालों का उपयोग किया जाता है।
वहीं, शीर नान को बनाने में 2 दिन का समय लगता है। बेकरी में इसे कारीगरों की देखरेख में बनाया जाता है। उसके बाद यह बिक्री के लिए बाजार में आता है। एक बड़े नान का वजन 3 किलो होता है। केवल बुरहानपुर शहर में ही एक दिन में 5000 से ज्यादा शीरनान बिक जाते हैं।

शीर नान न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए पसंदीदा नान है बल्कि हर समाज का व्यक्ति इस लज्जतदार शीर नान को पसंद करता है। इसकी खरीदी के लिए सुबह से ही दुकान पर लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। बुरहानपुर, खंडवा और शाहपुर के आसपास क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में शीर नान के शौकीन खरीदी के लिए पहुंच जाते हैं। कुछ ही देर में हजारों नान बिक जाती है।

राजू शाह ने बताया कि वह हर साल इस दुकान से शीर नान खरीदने आते हैं। इसके लिए वे साल भर इंतजार करते हैं। लज्जतदार पकवान और लोगों की मोहब्बत हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। यही कारण है कि निर्माण में हर तीज त्यौहार का अपना महत्व है। इस त्यौहार में बनने वाले व्यंजन का लुफ्त लेने के लिए लोग बेकरार रहते हैं। बुरहानपुर की शीर नान कभी ही हाल है। इस नान को लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
बुरहानपुर से रिजवान खान की रिपोर्ट
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