शिव हैं यहां के ‘सरकार’… सीएम ने सेंटर में उनकी तस्वीर रखकर की कैबिनेट मीटिंग, महाकाल कॉरिडोर का नाम बदला h3>
उज्जैन: एमपी में शिवराज कैबिनेट (shivraj cabinet meeting in ujjain) की बैठक उज्जैन में खत्म हो गई है। कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को संबोधित किया है। साथ ही उज्जैन में चल रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी है। कैबिनेट की बैठक में सीएम बीच की कुर्सी पर बैठते हैं। शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में बैठक के दौरान बीच वाली कुर्सी छोड़ दी क्योंकि उज्जैन में महाकाल का राज है। यहां उन्हीं की सरकार है। कैबिनेट मीटिंग के दौरान इसकी झलक देखने को मिली है। सेंटर चेयर के पीछे महाकाल की तस्वीर लगी थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान बगल की कुर्सी पर बैठे थे।
इसके साथ कैबिनेट की बैठक में महाकाल कॉरिडोर के नाम बदलने की मंजूरी मिल गई है। अब इसे श्री महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाकाल महाराज सभी प्रदेशवासियों पर कृपा बरसाएं, आशीर्वाद दें और भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को हमारा देश शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराये, यही मंगल कामना है। उन्होंने कहा कि महाकाल महाराज ही सरकार हैं, यहां के राजा हैं, इसलिए आज महाकाल महाराज की धरती पर हम सभी सेवक बैठक कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि यह ऐतिहासिक पल है हम सभी के लिए। हमने कल्पना की थी कि महाकाल महाराज के परिसर का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रुद्रसागर को हमने पुनर्जीवित किया है। इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा। मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया। दूसरे चरण में भी कई यहां काम पूर्ण होने हैं। ये सभी कार्य महाकाल महाराज ही करवा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को प्रथम चरण के कार्यों का उद्घाटन करेंगे। सीएम ने कहा कि लगभग 200 वर्षो बाद ऐसा पहली बार मौका आया है कि सरकार सेवक के रूप में उज्जैन में बैठक कर रही है। आज हमारा पहला निर्णय यही है कि महाकाल परिसर ‘श्री महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा।
रिवर फ्रंट का निर्माण
इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में क्षिप्रा नदी किनारे रिवर फ्रंट भी विकसित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे उज्जैन का अलग रूप निखरेगा। उन्होंने कहा कि यहां दादा की सवारी निकलती है तो पुलिस बैंड भी निकलता है। हम महाकाल पुलिस बैंड प्रारंभ करेंगे, जिनका उपयोग अनेक त्योहारों और पर्व पर किया जाएगा। इसमें 36 नये पदों का सृजन किया जाएगा।
इसके साथ ही उज्जैन में हवाई पट्टी का भी विकास होगा। कैबिनेट ने 41 करोड़ रुपये भूअर्जन और 39 करोड़ रुपये हवाई पट्टी के विकास के लिए मंजूर की है। महाकाल लोक के दोनों चरणों के काम पर कुल 856 करोड़ नौ लाख रुपये का खर्च आएगा। सीएम ने कहा है कि दूसरे चरण में भी कई अहम काम होने हैं।
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इसके साथ कैबिनेट की बैठक में महाकाल कॉरिडोर के नाम बदलने की मंजूरी मिल गई है। अब इसे श्री महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाकाल महाराज सभी प्रदेशवासियों पर कृपा बरसाएं, आशीर्वाद दें और भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को हमारा देश शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराये, यही मंगल कामना है। उन्होंने कहा कि महाकाल महाराज ही सरकार हैं, यहां के राजा हैं, इसलिए आज महाकाल महाराज की धरती पर हम सभी सेवक बैठक कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि यह ऐतिहासिक पल है हम सभी के लिए। हमने कल्पना की थी कि महाकाल महाराज के परिसर का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रुद्रसागर को हमने पुनर्जीवित किया है। इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा। मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया। दूसरे चरण में भी कई यहां काम पूर्ण होने हैं। ये सभी कार्य महाकाल महाराज ही करवा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को प्रथम चरण के कार्यों का उद्घाटन करेंगे। सीएम ने कहा कि लगभग 200 वर्षो बाद ऐसा पहली बार मौका आया है कि सरकार सेवक के रूप में उज्जैन में बैठक कर रही है। आज हमारा पहला निर्णय यही है कि महाकाल परिसर ‘श्री महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा।
रिवर फ्रंट का निर्माण
इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में क्षिप्रा नदी किनारे रिवर फ्रंट भी विकसित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे उज्जैन का अलग रूप निखरेगा। उन्होंने कहा कि यहां दादा की सवारी निकलती है तो पुलिस बैंड भी निकलता है। हम महाकाल पुलिस बैंड प्रारंभ करेंगे, जिनका उपयोग अनेक त्योहारों और पर्व पर किया जाएगा। इसमें 36 नये पदों का सृजन किया जाएगा।
इसके साथ ही उज्जैन में हवाई पट्टी का भी विकास होगा। कैबिनेट ने 41 करोड़ रुपये भूअर्जन और 39 करोड़ रुपये हवाई पट्टी के विकास के लिए मंजूर की है। महाकाल लोक के दोनों चरणों के काम पर कुल 856 करोड़ नौ लाख रुपये का खर्च आएगा। सीएम ने कहा है कि दूसरे चरण में भी कई अहम काम होने हैं।
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