वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र पर जमकर बरसीं ममता, कहा- निराधार है दिसंबर तक सभी के टीकाकरण का दावा h3>
देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीरे-धीरे ही सही, लेकिन कम होती दिख रही है। हालांकि वैक्सीन की किल्लत ने सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। इसको लेकर राजनीति भी तेज हो चुकी है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें इस साल दिसंबर तक पूरी आबादी के टीकाकरण की बात कही जा रही है।
उन्होंने कहा, ”दिसंबर 2021 से पहले सभी नागरिकों के टीकाकरण का वादा सिर्फ एक धोखा है। वे (केंद्र) सिर्फ निराधार बातें कहते हैं। केंद्र राज्य सरकारों को टीके नहीं भेज रहा है। केंद्र को राज्यों के लिए टीके खरीदने चाहिए और इसे सभी को मुफ्त देना चाहिए।”
That (vaccinating all citizens before Dec 2021) is just a hoax. They just say baseless things. The Centre is not sending vaccines to State govts. Centre should procure vaccines for States & give it free of cost to all: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/PetJKGkJz7
— ANI (@ANI) June 2, 2021
राज्यों के पास कोविड-19 रोधी 1.64 करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध: केंद्र
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1.64 करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध हैं। केंद्र ने अभी तक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को निशुल्क और राज्यों द्वारा सीधे खरीदने पर 23 करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध कराए हैं। मंत्रालय ने बताया कि इसमें से 21,71,44,022 टीकों की खपत हुई है जिनमें खराब हुए टीके भी शामिल हैं। उसने बताया कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कुल 1,64,42,938 कोविड-19 रोधी टीके अब भी उपलब्ध हैं।
केंद्र की टीकाकरण नीति काला बाजारी को बढ़ावा दे रही : केरल सरकार
केरल सरकार ने बुधवार को यहां उच्च न्यायालय में दावा किया कि केंद्र की टीकाकरण नीति काला बाजारी को ‘बढ़ावा दे रही है। न्यायमूर्ति ए मोहम्मद मुश्ताक और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की पीठ के समक्ष अपनी दलीलें पेश करते हुए सरकारी वकील ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए टीकों की खरीद की खातिर अलग-अलग दरें तय करने के फैसले पर सवाल उठाया। पीठ राज्य में कोविड टीकों की कमी से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि कीमत उत्पादन लागत के आधार पर तय की जानी चाहिए।
राज्य सरकार ने निजी टीका निर्माताओं पर टीकों की बढ़ा-चढ़ाकर कीमतें वसूलने का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनियों को महामारी के बीच फायदा उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सरकार ने कहा, ” केंद्र सरकार कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है… अलग-अलग दरें क्यों तय की जा रही हैं?”
देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीरे-धीरे ही सही, लेकिन कम होती दिख रही है। हालांकि वैक्सीन की किल्लत ने सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। इसको लेकर राजनीति भी तेज हो चुकी है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें इस साल दिसंबर तक पूरी आबादी के टीकाकरण की बात कही जा रही है।
उन्होंने कहा, ”दिसंबर 2021 से पहले सभी नागरिकों के टीकाकरण का वादा सिर्फ एक धोखा है। वे (केंद्र) सिर्फ निराधार बातें कहते हैं। केंद्र राज्य सरकारों को टीके नहीं भेज रहा है। केंद्र को राज्यों के लिए टीके खरीदने चाहिए और इसे सभी को मुफ्त देना चाहिए।”
That (vaccinating all citizens before Dec 2021) is just a hoax. They just say baseless things. The Centre is not sending vaccines to State govts. Centre should procure vaccines for States & give it free of cost to all: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/PetJKGkJz7
— ANI (@ANI) June 2, 2021
राज्यों के पास कोविड-19 रोधी 1.64 करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध: केंद्र
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1.64 करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध हैं। केंद्र ने अभी तक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को निशुल्क और राज्यों द्वारा सीधे खरीदने पर 23 करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध कराए हैं। मंत्रालय ने बताया कि इसमें से 21,71,44,022 टीकों की खपत हुई है जिनमें खराब हुए टीके भी शामिल हैं। उसने बताया कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कुल 1,64,42,938 कोविड-19 रोधी टीके अब भी उपलब्ध हैं।
केंद्र की टीकाकरण नीति काला बाजारी को बढ़ावा दे रही : केरल सरकार
केरल सरकार ने बुधवार को यहां उच्च न्यायालय में दावा किया कि केंद्र की टीकाकरण नीति काला बाजारी को ‘बढ़ावा दे रही है। न्यायमूर्ति ए मोहम्मद मुश्ताक और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की पीठ के समक्ष अपनी दलीलें पेश करते हुए सरकारी वकील ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए टीकों की खरीद की खातिर अलग-अलग दरें तय करने के फैसले पर सवाल उठाया। पीठ राज्य में कोविड टीकों की कमी से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि कीमत उत्पादन लागत के आधार पर तय की जानी चाहिए।
राज्य सरकार ने निजी टीका निर्माताओं पर टीकों की बढ़ा-चढ़ाकर कीमतें वसूलने का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनियों को महामारी के बीच फायदा उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सरकार ने कहा, ” केंद्र सरकार कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है… अलग-अलग दरें क्यों तय की जा रही हैं?”