विश्व धरोहर दिवस पर लाल बारादरी में खास आयोजन: 200 छात्रों ने हिस्सा लिया, प्रदर्शनी और प्रतियोगिताओं में प्रतिभा दिखाई – Lucknow News h3>
लखनऊ10 मिनट पहले
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लखनऊ में विश्व धरोहर दिवस के मौके पर राजधानी के लाल बारादरी भवन में राज्य ललित कला अकादमी द्वारा एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में लघु फिल्म, छायाचित्र प्रदर्शनी, पोस्टर प्रतियोगिता के साथ-साथ प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र भी दिए गए। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. राजीव कुमार त्रिवेदी ने की, जिन्होंने बताया कि भारत में फिलहाल 43 विश्व धरोहर स्थल हैं और हमें इन्हें सहेज कर रखना है।
धरोहरों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही निदेशक रेनू द्विवेदी ने छात्रों से अपील की कि वे हमारी ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने और संजोने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने बताया कि अब यूनिस्को केवल किसी एक इमारत को ही नहीं, बल्कि पूरे नगर को भी विश्व धरोहर घोषित करता है।
मुख्य अतिथि प्रो. एस.एन कपूर ने बताया कि पहली बार 1982 में ट्यूनीशिया में यह दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे 1983 से यूनिस्को ने मान्यता दी और तब से हर साल 18 अप्रैल को यह दिन मनाया जाता है।
प्रतियोगिता में दिखी छात्रों की जबरदस्त भागीदारी
कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें लखनऊ के नामी स्कूल-कॉलेजों जैसे – नारी शिक्षा निकेतन पी.जी कॉलेज, नवयुग कन्या महाविद्यालय, अटल बिहारी बाजपेई डिग्री कॉलेज समेत लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
इन छात्रों ने शीर्ष स्थान हासिल किया
प्रोफेशनल श्रेणी में दिव्यांशी को पहला, अक्षय प्रताप सिंह को दूसरा और सृष्टि शुक्ला को तीसरा स्थान मिला। वहीं भूमिका सिंह और उदय शर्मा को सांत्वना पुरस्कार से नवाजा गया। सीनियर वर्ग में खुशी वर्मा, सुलेखा शुक्ला और श्रेया श्रीवास्तव क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहीं। जूनियर वर्ग में योजिता सोनकर, ओमिका पाल और आदि मिश्रा को टॉप तीन में स्थान मिला।
धरोहर बचाने का लिया संकल्प
कार्यक्रम के अंत में ज्ञानेन्द्र कुमार रस्तोगी, सहायक पुरातत्व अधिकारी ने सबको धन्यवाद दिया और धरोहरों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। इस मौके पर पुरातत्व निदेशालय से रामविनय, बलिहारी सेठ, अभयराज सिंह समेत कई अधिकारी, शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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लखनऊ में विश्व धरोहर दिवस के मौके पर राजधानी के लाल बारादरी भवन में राज्य ललित कला अकादमी द्वारा एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में लघु फिल्म, छायाचित्र प्रदर्शनी, पोस्टर प्रतियोगिता के साथ-साथ प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र भी दिए गए। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. राजीव कुमार त्रिवेदी ने की, जिन्होंने बताया कि भारत में फिलहाल 43 विश्व धरोहर स्थल हैं और हमें इन्हें सहेज कर रखना है।
धरोहरों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही निदेशक रेनू द्विवेदी ने छात्रों से अपील की कि वे हमारी ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने और संजोने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने बताया कि अब यूनिस्को केवल किसी एक इमारत को ही नहीं, बल्कि पूरे नगर को भी विश्व धरोहर घोषित करता है।
मुख्य अतिथि प्रो. एस.एन कपूर ने बताया कि पहली बार 1982 में ट्यूनीशिया में यह दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे 1983 से यूनिस्को ने मान्यता दी और तब से हर साल 18 अप्रैल को यह दिन मनाया जाता है।
प्रतियोगिता में दिखी छात्रों की जबरदस्त भागीदारी
कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें लखनऊ के नामी स्कूल-कॉलेजों जैसे – नारी शिक्षा निकेतन पी.जी कॉलेज, नवयुग कन्या महाविद्यालय, अटल बिहारी बाजपेई डिग्री कॉलेज समेत लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
इन छात्रों ने शीर्ष स्थान हासिल किया
प्रोफेशनल श्रेणी में दिव्यांशी को पहला, अक्षय प्रताप सिंह को दूसरा और सृष्टि शुक्ला को तीसरा स्थान मिला। वहीं भूमिका सिंह और उदय शर्मा को सांत्वना पुरस्कार से नवाजा गया। सीनियर वर्ग में खुशी वर्मा, सुलेखा शुक्ला और श्रेया श्रीवास्तव क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहीं। जूनियर वर्ग में योजिता सोनकर, ओमिका पाल और आदि मिश्रा को टॉप तीन में स्थान मिला।
धरोहर बचाने का लिया संकल्प
कार्यक्रम के अंत में ज्ञानेन्द्र कुमार रस्तोगी, सहायक पुरातत्व अधिकारी ने सबको धन्यवाद दिया और धरोहरों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। इस मौके पर पुरातत्व निदेशालय से रामविनय, बलिहारी सेठ, अभयराज सिंह समेत कई अधिकारी, शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।