विश्वासघाती कौन: जेडीयू चीफ ललन सिंह ने गिना दी बीजेपी की दगाबाजियां, अरुणाचल से बिहार तक धोखा मिला

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विश्वासघाती कौन: जेडीयू चीफ ललन सिंह ने गिना दी बीजेपी की दगाबाजियां, अरुणाचल से बिहार तक धोखा मिला

विश्वासघाती कौन: जेडीयू चीफ ललन सिंह ने गिना दी बीजेपी की दगाबाजियां, अरुणाचल से बिहार तक धोखा मिला

बिहार में सरकार बदलते ही जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के तेवर बदल गए हैं। बीजेपी ने नीतीश कुमार और जेडीयू पर जनमत का अपमान करने और विश्वासघात करने का आरोप लगाया तो पलटवार में ललन सिंह ने अरुणाचल प्रदेश से लेकर बिहार तक बीजेपी से जेडीयू को मिले चोट को गिना दिया। ललन सिंह ने कहा कि साथ रहकर विश्वासघात तो बीजेपी ने किया है जिसके कारण नीतीश ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन का हाथ थाम लिया है। 

ललन सिंह ने बीजेपी की दगाबाजी की गिनती शुरू करते हुए कहा कि जेडीयू अरुणाचल प्रदेश में 7 सीट जीती और ये सीट हम बीजेपी से लड़कर जीते थे। हमारे विधायकों ने समर्थन भी दे दिया था बीजेपी सरकार को क्योंकि हम गठबंधन में थे। उसके बाद भी हमारे 6 विधायक बीजेपी ने तोड़े। अटल-आडवाणी के जमाने में एनडीए एक से दूसरे पार्टी में कोई किसी को ज्वाइन नहीं कराता था। ये गठबंधन धर्म था क्या।

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ललन सिंह ने कहा कि 2019 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनना था तो कोई दिक्कत नहीं हुई, हम सबने मिलकर अच्छे से चुनाव लड़ा। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जेडीयू के खिलाफ षडयंत्र किया। आरसीपी सिंह का नाम लिए बिना ललन सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी के एक नेता जिनको नीतीश कुमार ने जिम्मा दिया था पार्टी का, अध्यक्ष बनाया था, उनको बीजेपी ने मिला लिया। उनके हाथ से बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ऐसे लोगों को बड़ी संख्या में जेडीयू से टिकट दिलाने में कामयाब रहे जो जीतने लायक नहीं थे। ये कौन सा गठबंधन धर्म था।

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चिराग पासवान के जेडीयू कैंडिडेट के खिलाफ लोजपा कैंडिडेट उतारने पर ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी ने अपने नेताओं को गठबंधन में जेडीयू को सीट जाने पर लोजपा में भेजकर लोजपा से टिकट दिलवाया और चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि जेडीयू को नहीं लोजपा को जिताओ। उसमें जो हार गया वो सब फिर वापस बीजेपी में आ गया। ये कौन सा गठबंधन धर्म था।

ललन सिंह ने कहा कि 2020 में जेडीयू की सीट कम आई तो नीतीश कुमार ने कह दिया कि वो सीएम नहीं बनना चाहते हैं। लेकिन बीजेपी ने जबर्दस्ती सीएम बनवाया। उसके बाद से लगातार बीजेपी के छुटभैये नेता बयान दे रहे थे कि बीजेपी बड़ा भाई हैं और नीतीश कुमार हमारी कृपा से सीएम बने हैं। ये कौन सा गठबंधन धर्म हुआ।

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2005 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के पास 88 सीट था, बीजेपी से ज्यादा, लेकिन हमने गठबंधन सरकार सम्मान के साथ बनाई। 2010 में जेडीयू के पास 118 सीट था, चाहते तो अकेले सरकार बना लेते। लेकिन बीजेपी को पर्याप्त सम्मान दिया और सरकार में साथ रखे। हमने कभी नहीं कहा कि हम बड़े भाई हैं और बीजेपी छोटा भाई। बराबर की हिस्सेदारी दी। 

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ललन सिंह ने आगे कहा कि 2015 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 42 सभा की लेकिन बीजेपी 53 सीट जीती। जेडीयू 71 सीट जीती थी। 2017 में जेडीयू जब वापस एनडीए में लौटी तो हमने कभी नहीं कहा कि हम बड़े भाई हैं। जब हम 2017 में एनडीए में आए तो जनमत का सम्मान, अब महागठबंधन में गए तो जनमत का अपमान कैसे हो गया। 

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