वाहन को बना दिया चलता-फिरता होटल, रीड ऑन रेंट पर उपलब्ध करा रहे किताबें | JABALPUR STARTUP smart city JBP COLLECTOR JBP ADMINISTRATION JABALPUR | Patrika News h3>
मोबाइल से घर बैठे नियंत्रित होगी सिंचाई कड़ाके की ठंड में भी किसानों को रात में सिंचाई करनी पड़ती है। अब मोबाइल पंप कंट्रोलर की मदद से वे घर बैठे खेतों की सिंचाई को नियंत्रित कर सकेंगे। युवाओं प्रखर मणि त्रिपाठी, निशि पाटिल, आदित्य सिंह पटेल, मो. कपील आशिफ ने स्टार्टर को ऑटोमेटिक बना दिया है, इसकी कंट्रोलिंग मोबाइल से होती है। किसान या तो ऑटोमेटिक स्टार्टर ले सकते हैं या मैनुअल स्टार्टर को ऑटोमेटिक स्टार्टर में अपडेट करा सकते हैं।
एग्रीकल्चर रोबोट स्टार्टअप को फंडिंग इसके अलावा एग्रीकल्चर रोबोट स्टार्टअप की टीम सेल्फ ड्राइविंग इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है, जिससे ऑटोमेटिक प्लांटेशन किया जा सके। इस स्टार्टअप को चेन्नई की कॉन्टेक्ट वेंचर से 25 लाख की फंडिंग भी मिली है।
नैनो स्वॉइल हेल्थ कंडीशनर बनायाखेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से बंजर हो रही जमीन और लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे विपरीत असर को देखते हुए कृषि से स्नातक युवाओं के इस दल ने केमिकल फ्री खेती की दिशा में पहल की है। खेतों में रसायन के लगातार उपयोग से कई स्थानों पर जमीन में ऑर्गेनिक कार्बन का बेस खत्म हो गया या उसमें काफी कमी आ गई है। उत्पादन भी कम हो रहा है। कृषि की इन समस्याओं को चिह्नित कर भूपेंद्र वर्मा, रिकेश जैन, विनीत मिश्रा ने हवन राख, पीपल-बरगद की जड़ों की मिट्टी और फंगस से मिट्टी की खाद तैयार की। इसे नैनो स्वॉइल हेल्थ कंडीशनर का नाम दिया गया है। यह उत्पाद जमीन में कार्बन बेस बढ़ाना है। युवाओं ने ’चलो मिट्टी बनाएं सोना’ के नाम से वेबसाइट भी बनाई है। इसके माध्यम से वे किसानों को खाद उपलब्ध करा रहे हैं। तीन किलो जैविक खाद एक एकड़ जमीन के लिए उतनी ही उपयोगी है, जितनी कि गोबर की एक ट्रैक्टर खाद होती है। 200 लीटर पानी में घोलकर इसे स्प्रे किया जाता है। यह स्टार्टअप अब तक 12 राज्यों में पांच हजार से ज्यादा किसानों को जोड़ चुका है। इस खाद के उपयोग से कम लागत में ज्यादा उत्पादन हो रहा है।
रीड ऑन रेंटपढऩे में रुचि रखने वाले ऐसे लोग जो महंगी किताबें नहीं खरीद सकते, उनके लिए युवाओं की टीम ने किराए पर किताब उपलब्ध्ण कराने के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया है। टीम पांच रुपए प्रतिदिन के किराए पर घर पर ही उपलब्ध कराती है। दो भाइयों नयन और संस्कार जैन ने किताबों को लेकर अपने जीवन के अनुभव के आधार पर जनवरी 2022 में शुरुआत की। यादव कॉलोनी में उनका स्टोर है। इसमें सेल्फ हेल्प, बिजनेस, स्टार्टअप, मोटिवेशन, नॉवेल, जीवन-लेखनी की 800 से ज्यादा किताबें हैं। वे अब तक 500 से ज्यादा पाठकों को सेवाएं उपलब्ध करा चुके हैं। पाठक इंस्टाग्राम और वाट्स ऐप के माध्यम से रीड ऑन रेंट प्लेटफॉर्म पर सम्पर्क करते हैं। इसके बाद होम डिलेवरी से किताबें उपलब्ध कराई जाती है।
पर्यटकों के लिए चलता-फिरता घर
देश-दुनिया की सैर सभी करना चाहते हैँ। लेकिन, पर्यटन स्थलों तक पहुंचने और वहां महंगे होटल में ठहरने का किराया दे पाना सबके वश की बात नहीं होती। ऊपर से होटल और टैक्सी की एडवांस बुकिंग भी करानी पड़ती है। शहर के तीन युवाओं ने पर्यटकों की इस समस्या का समाधान करने के लिए स्टार्टअप के तहत पहल की है। कशिश रामदानी, नीलेश सूर्यवंशी और शुभम जैन ने मिलकर एक ट्रेवलर बस को चलते-फिरते घर में तब्दील कर दिया है। इसमें किचन, वॉशरूम, 500 लीटर पानी की व्यवस्था के साथ कैम्पिंग टेंट, छह कैम्पिंग चेयर और फोल्डिंग टेबल है। पूर्णत: वातानुकूलित इस वाहन में सोने से लेकर खाना बनाने की सभी सुविधाएं हैं। युवाओं का यह स्टार्टअप कान्हा, बांधवगढ़ जाने वाले पर्यटकों को बहुत पसंद आ रहा है।
मोबाइल से घर बैठे नियंत्रित होगी सिंचाई कड़ाके की ठंड में भी किसानों को रात में सिंचाई करनी पड़ती है। अब मोबाइल पंप कंट्रोलर की मदद से वे घर बैठे खेतों की सिंचाई को नियंत्रित कर सकेंगे। युवाओं प्रखर मणि त्रिपाठी, निशि पाटिल, आदित्य सिंह पटेल, मो. कपील आशिफ ने स्टार्टर को ऑटोमेटिक बना दिया है, इसकी कंट्रोलिंग मोबाइल से होती है। किसान या तो ऑटोमेटिक स्टार्टर ले सकते हैं या मैनुअल स्टार्टर को ऑटोमेटिक स्टार्टर में अपडेट करा सकते हैं।
एग्रीकल्चर रोबोट स्टार्टअप को फंडिंग इसके अलावा एग्रीकल्चर रोबोट स्टार्टअप की टीम सेल्फ ड्राइविंग इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है, जिससे ऑटोमेटिक प्लांटेशन किया जा सके। इस स्टार्टअप को चेन्नई की कॉन्टेक्ट वेंचर से 25 लाख की फंडिंग भी मिली है।
नैनो स्वॉइल हेल्थ कंडीशनर बनायाखेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से बंजर हो रही जमीन और लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे विपरीत असर को देखते हुए कृषि से स्नातक युवाओं के इस दल ने केमिकल फ्री खेती की दिशा में पहल की है। खेतों में रसायन के लगातार उपयोग से कई स्थानों पर जमीन में ऑर्गेनिक कार्बन का बेस खत्म हो गया या उसमें काफी कमी आ गई है। उत्पादन भी कम हो रहा है। कृषि की इन समस्याओं को चिह्नित कर भूपेंद्र वर्मा, रिकेश जैन, विनीत मिश्रा ने हवन राख, पीपल-बरगद की जड़ों की मिट्टी और फंगस से मिट्टी की खाद तैयार की। इसे नैनो स्वॉइल हेल्थ कंडीशनर का नाम दिया गया है। यह उत्पाद जमीन में कार्बन बेस बढ़ाना है। युवाओं ने ’चलो मिट्टी बनाएं सोना’ के नाम से वेबसाइट भी बनाई है। इसके माध्यम से वे किसानों को खाद उपलब्ध करा रहे हैं। तीन किलो जैविक खाद एक एकड़ जमीन के लिए उतनी ही उपयोगी है, जितनी कि गोबर की एक ट्रैक्टर खाद होती है। 200 लीटर पानी में घोलकर इसे स्प्रे किया जाता है। यह स्टार्टअप अब तक 12 राज्यों में पांच हजार से ज्यादा किसानों को जोड़ चुका है। इस खाद के उपयोग से कम लागत में ज्यादा उत्पादन हो रहा है।
रीड ऑन रेंटपढऩे में रुचि रखने वाले ऐसे लोग जो महंगी किताबें नहीं खरीद सकते, उनके लिए युवाओं की टीम ने किराए पर किताब उपलब्ध्ण कराने के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया है। टीम पांच रुपए प्रतिदिन के किराए पर घर पर ही उपलब्ध कराती है। दो भाइयों नयन और संस्कार जैन ने किताबों को लेकर अपने जीवन के अनुभव के आधार पर जनवरी 2022 में शुरुआत की। यादव कॉलोनी में उनका स्टोर है। इसमें सेल्फ हेल्प, बिजनेस, स्टार्टअप, मोटिवेशन, नॉवेल, जीवन-लेखनी की 800 से ज्यादा किताबें हैं। वे अब तक 500 से ज्यादा पाठकों को सेवाएं उपलब्ध करा चुके हैं। पाठक इंस्टाग्राम और वाट्स ऐप के माध्यम से रीड ऑन रेंट प्लेटफॉर्म पर सम्पर्क करते हैं। इसके बाद होम डिलेवरी से किताबें उपलब्ध कराई जाती है।
पर्यटकों के लिए चलता-फिरता घर
देश-दुनिया की सैर सभी करना चाहते हैँ। लेकिन, पर्यटन स्थलों तक पहुंचने और वहां महंगे होटल में ठहरने का किराया दे पाना सबके वश की बात नहीं होती। ऊपर से होटल और टैक्सी की एडवांस बुकिंग भी करानी पड़ती है। शहर के तीन युवाओं ने पर्यटकों की इस समस्या का समाधान करने के लिए स्टार्टअप के तहत पहल की है। कशिश रामदानी, नीलेश सूर्यवंशी और शुभम जैन ने मिलकर एक ट्रेवलर बस को चलते-फिरते घर में तब्दील कर दिया है। इसमें किचन, वॉशरूम, 500 लीटर पानी की व्यवस्था के साथ कैम्पिंग टेंट, छह कैम्पिंग चेयर और फोल्डिंग टेबल है। पूर्णत: वातानुकूलित इस वाहन में सोने से लेकर खाना बनाने की सभी सुविधाएं हैं। युवाओं का यह स्टार्टअप कान्हा, बांधवगढ़ जाने वाले पर्यटकों को बहुत पसंद आ रहा है।