रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में BJP-TMC आमने-सामने: BJP बोली- 1 करोड़ हिंदू सड़कों पर उतरेंगे, TMC ने कहा- ये दंगे कराने आए हैं

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रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में BJP-TMC आमने-सामने:  BJP बोली- 1 करोड़ हिंदू सड़कों पर उतरेंगे, TMC ने कहा- ये दंगे कराने आए हैं

रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में BJP-TMC आमने-सामने: BJP बोली- 1 करोड़ हिंदू सड़कों पर उतरेंगे, TMC ने कहा- ये दंगे कराने आए हैं

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‘इस साल रामनवमी पर कम से कम 1 करोड़ हिंदू पश्चिम बंगाल की सड़कों पर उतरेंगे। 2000 रैलियां निकालेंगे। जुलूस के लिए प्रशासन से कोई परमिशन न ले। भगवान राम की पूजा करने के लिए हमें परमिशन की जरूरत नहीं। हम शांति से रहेंगे, लेकिन प्रशासन तय करे कि दूसरे लोग भी शांति से रहें।’– सुवेंदु अधिकारी, लीडर, BJP

‘मैं हिंदू भी हूं, मुसलमान भी, सिख और ईसाई भी हूं। उससे पहले मैं एक भारतीय हूं। विपक्षी दलों की राजनीति सिर्फ लोगों को बांटने की है। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। कुछ लोग राज्य में दंगे भड़काने की फिराक में हैं। उनके उकसावे में आने से बचें।‘- ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में रामनवमी को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। हिंदूवादी संगठन 6 अप्रैल को रामनवमी पर हर विधानसभा में शोभायात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें BJP का समर्थन भी हासिल है।

TMC के कार्यकर्ता भी शोभायात्रा निकालने जा रहे हैं। हालांकि, दोनों का कैंपेन बिल्कुल अलग है। रामनवमी की तैयारी देखने दैनिक NEWS4SOCIALपश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा और नंदीग्राम पहुंचा।

पश्चिम बंगाल में BJP और TMC दोनों ही पार्टियां रामनवमी पर शोभायात्रा निकालने की तैयारी कर रही हैं। ये तस्वीर हिंदू संगठन अंजनि पुत्र सेना की है, जो शोभायात्रा निकालने वाली है।

सबसे पहले पॉलिटिकल पार्टियों की तैयारियां… BJP: असुरक्षा की वजह से हिंदू एकजुट, हम उनका समर्थन करेंगे हमने BJP नेता दिलीप घोष से भी बात की। वे कहते हैं, ‘पिछले कई साल से बंगाल के लोगों में रामनवमी को लेकर बहुत उत्साह है। TMC की सरकार में हिंदू त्योहारों में जगह-जगह हमले और दंगे हो रहे हैं। हिंदुओं को लग रहा है कि कुछ दिन बाद उन्हें बंगाल छोड़कर जाना पड़ेगा।’

‘जगह-जगह मुस्लिम बस्ती और मस्जिद बना दी गई हैं। राजनीति में उन्हीं का दबदबा है। इसलिए हिंदुओं में असुरक्षा का भाव आ रहा है। रामनवमी पर निकलने वाली शोभायात्रा एक तरह का शक्ति प्रदर्शन है। लोग इसके बहाने एकजुट हो रहे हैं। इसलिए पश्चिम बंगाल की आम जनता ने भी रामनवमी को स्वीकार कर लिया है।’

‘TMC सरकार शोभायात्राओं में अंड़गा लगाती है। शोभा यात्रा की परमिशन नहीं देती। तब हमें दखल देना पड़ता है। आंदोलन करना पड़ता है। रामनवमी ही नहीं, दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा और काली पूजा में मूर्ति के साथ तोड़फोड़ हुई। बंगाल सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। लोगों ये समझ रहे हैं इसलिए हिंदू संगठनों की संख्या और उनकी ताकत बढ़ रही है।’

उधर, नंदीग्राम में BJP के वाइस प्रेसिडेंट प्रबल पाल बताते हैं कि नंदीग्राम में रामनवमी को शोभा यात्रा निकाली जाएगी। हमारे लीडर और विधायक सुवेंदु अधिकारी मौजूद रहेंगे। हमें सोनाचुरा में 2 बीघा जमीन मिली है। सुवेंदु राम नवमी के दिन वहां राम मंदिर की नीव रखेंगे।

TMC: जैसे हमने दुर्गा पूजा और छठ मनाई, वैसे ही रामनवमी को अपनाया इस बार TMC का हिंदी प्रकोष्ठ रामनवमी पर शोभायात्रा निकालने को तैयार है। हमने TMC हिंदी प्रकोष्ठ के सचिव मानव जायसवाल से बात की। वे बताते हैं, ‘पिछले कुछ साल से TMC रामनवमी पर शोभायात्रा निकाल रही है। हमारी लीडर ममता बनर्जी ने लोगों को जोड़ने का काम किया है। हम जिस तरह दुर्गा पूजा और छठ पूजा मनाते हैं, उसी तरह रामनवमी भी मनाने जा रहे हैं।’

‘हमारी लीडर ने रामनवमी के लिए नारा दिया है, ‘रामलला की निकली सवारी, तलवार पर कलम है भारी’। हम रामनवमी के दिन तलवार नहीं, बल्कि कलम का इस्तेमाल करते हैं। लोगों को कलम बांटेंगे। तीर और धनुष की जगह कलम और धनुष का प्रदर्शन करेंगे।’

वे आगे कहते हैं, ‘जब भी कोई नई चीज आई है, तो पश्चिम बंगाल ने उसे सबसे पहले अपनाया है। अगर जनता को रामनवमी मनाने की इच्छा है, तो हम वो मनाते हैं। अगर कल को गुरुपर्व मनाने की ख्वाहिश हुई तो हम वो भी मनाएंगे।‘

रामनवमी पर दंगों के सवाल पर मानव कहते हैं, ’हमारे लिए ‘जय सिया राम’ हमेशा से ही एक मंत्र और जाप है, लेकिन सियासी दल भगवान के नाम पर एक नारे का इस्तेमाल फायदे के लिए कर रहे हैं। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बंगाल में BJP जिन क्षेत्रों में रामनवमी मनाती है, वहां भड़काऊ नारे लगाए जाते हैं। हम इसका विरोध करते हैं।’

अब हिंदू संगठनों की तैयारियां जान लीजिए….

कोलकाता का श्री राम स्वाभिमान परिषद ’भारत अभी बांग्लादेश या पाकिस्तान नहीं बना, सनातनी हिंदू साथ आएं’ कोलकाता में हमारी मुलाकात श्री राम स्वाभिमान परिषद के सचिव सूरज कुमार सिंह से हुई। सूरज और उनके साथियों ने 22 मार्च से श्री रामनवमी प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी थी। वे बाइक रैली निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने परमिशन नहीं दी। लिहाजा पैदल ही प्रचार कर रहे हैं। सूरज कहते हैं-

आप लोग दिल्ली के रामलीला मैदान के बारे में जानते हैं। कोलकाता में भी रामलीला मैदान है। हम इकलौते ऐसे आयोजक हैं, जो रामनवमी पर तलवारों के साथ अस्त्र पूजन करते हैं। इस मैदान से शोभायात्रा भी निकालते हैं।

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सूरज लोगों को हनुमान चालीसा और पोस्टकार्ड भी बांट रहे थे। वे कहते हैं, ‘हम लोगों के बीच त्योहार का माहौल बना रहे हैं। सब देख रहे हैं पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को परेशान किया जाता है। लोग डरे और घबराए हुए हैं।‘

‘ये भारत है। अभी बांग्लादेश या पाकिस्तान नहीं बना है। हम चाहते हैं कि सनातनी हिंदू साथ आएं। एकजुट होकर उन्हें उतरना होगा।’

बंगाल में रामनवमी मनाने के बढ़ते चलन पर सूरज बताते हैं,’दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा पर्व है। दुर्गा पूजा अकाल बोधन के समय मनाई जाती है। इसी दौरान भगवान राम ने मां दुर्गा का आवाहन किया था। जब भगवान राम लंका की चढ़ाई कर रहे थे, तब भी उन्होंने मां दुर्गा की ही आराधना की थी।’

‘ममता हिंदुओं को परेशान करना चाहती हैं, दंगा करने वाले 50% TMC के लोग’ सूरज आगे कहते हैं, ‘बंगाल में कार्तिक पूजा होती है, तब हिंदुओं पर हमले होते हैं। उनकी हत्या कर दी जाती है। कुछ दिन पहले खिद्दिरपुर के इकबालपुर में हिंदुओं के इलाके में बिजली काट दी गई। हिंदुओं की प्रॉपर्टी लूटी गई। उनकी गाड़ियों में आग लगा दी। ये हमले खास कम्युनिटी के लोग करते हैं।’

‘रामनवमी के दिन शोभा यात्रा पर हमला करने वाले भी खास कम्युनिटी से हैं। 2023 में रामनवमी पर हावड़ा में हुए दंगे को लेकर NIA ने जिन्हें गिरफ्तार किया, सभी एक ही कम्युनिटी के थे। उनमें भी 50% लोग TMC में किसी न किसी पद पर थे। ममता बनर्जी ये जानबूझकर कराती हैं। वे मुसलमानों को खुश और हिंदुओं को परेशान करना चाहती हैं।’

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ममता बनर्जी बार-बार कहती हैं कि ये लोग बाहरी हैं। बंगाल में रह रहे यूपी, झारखंड और बिहार के लोगों को बाहरी जैसा महसूस कराया जाता है।

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‘वे बोलती हैं कि तुम यहां से निकल जाओ, वोटर लिस्ट से तुम्हारा नाम काट दिया जाएगा। हालांकि, पिछले कुछ साल में रामनवमी पर शोभायात्राएं बढ़ी हैं। ये संकेत है कि पश्चिम बंगाल का हिंदू एकजुट हो रहा है।’

यहां मिली अनीता देवी कहती हैं, ‘रामनवमी के दिन बड़ा जुलूस निकलना चाहिए। मैं भी जुलूस देखने जाऊंगी। ये हिंदुओं का महात्योहार है। हम इसे धूमधाम से मनाते हैं।’ इस रैली के साथ हम थोड़ा आगे बढ़े तो बाजार में खड़े श्याम महतो ने कहा, ‘ये हमारे धार्मिक प्रोग्राम हैं। इसमें तो शामिल होना ही चाहिए।’

कोलकाता की बोंगियो हिंदू सेना ‘राममंदिर सिर्फ पूजा-अर्चना के लिए नहीं, ये हिंदुओं को एकजुट करेगा’ इसके बाद हम कोलकाता में ही हिंदू सेना के अंबिकानंद महाराज से मिले। हमने पूछा रामनवमी और पश्चिम बंगाल कैसे जुड़ते हैं? अंबिकानंद महाराज बताते हैं, ‘हावड़ा में राम राजातला नाम से एक जगह है। यहां राम नवमी से शुरू होकर चार महीने- चैत्र, बैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ में भगवान राम की पूजा होती है। सावन में उनकी भव्य प्रतिमा का निरंजन होता है। जिस राज्य में श्रीरामपुर, रामपुर हाट और रघुनाथगंज हैं। वहां के कल्चर में राम नवमी है।’

अंबिकानंद महाराज मुर्शिदाबाद में राम मंदिर की स्थापना भी कर रहे हैं। वे कहते हैं, ‘हमने पिछले साल दिसंबर में मुर्शिदाबाद में राम मंदिर जैसा भव्य मंदिर बनाने का संकल्प लिया था। अब हमारी मुर्शिदाबाद के हर विधानसभा क्षेत्र में राम मंदिर बनाने की तैयारी है।’

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ये मंदिर सिर्फ पूजा-अर्चना के लिए नहीं होगा। मंदिर का मतलब है हिंदू सनातनी समाज को एकजुट और संगठित करना। हिंदुत्व का मतलब है, हम हर धर्म का आदर और सम्मान करें। अगर हमारे धर्म पर कोई उंगली उठाए तो हम उसे तोड़ भी सकें।

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हिंदू सेना ने झारग्राम के कनक दुर्गा मंदिर से 30 मार्च को ‘श्री राम राज्य विजय संकल्प’ यात्रा शुरू की है। वे आगे कहते हैं, ‘हमें राम राज्य चाहिए। रामलला का भव्य अभिषेक कर रथ पर बैठाया जाएगा। हम पश्चिम बंगाल के हर गांव में जाएंगे। ये पॉलिटिकल प्रोग्राम नहीं है। ये हिंदुओं का पर्व है।’

‘ये यात्रा एक महीने चलेगी। हम झारग्राम से कूचबिहार के मदन मोहन मंदिर तक 1800 किलोमीटर की यात्रा पूरी करेंगे। ये झारग्राम से पुरुलिया, मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, आसनसोल, बर्धमान और मुर्शिदाबाद भी जाएगी। रामनवमी के वक्त हम यात्रा में जहां भी होंगे, वहीं भगवान राम का जन्मोत्सव मनाएंगे।’

रामनवमी पर पहले हुई हिंसा पर अंबिकानंद कहते हैं, ‘मैं ममता बनर्जी से कहना चाहूंगा कि आप सिर्फ मुसलमानों की मुख्यमंत्री नहीं हैं। आप हिंदुओं की भी मुख्यमंत्री हैं। 30% मुस्लिम वोट बैंक है, वैसे ही 70% हिंदू वोट बैंक का भी असर पड़ता है। इस 70% हिंदुओं का मुख्यमंत्री होने के नाते आपकी जिम्मेदारी है कि रामनवमी पर कोई दंगा न हो।’

हावड़ा की अंजनि पुत्र सेना ‘हमने बंगाल को रामनवमी का मतलब समझाया’ हावड़ा में 2023 में रामनवमी पर दंगा भड़का था। यहां अंजनि पुत्र सेना रामनवमी पर शोभायात्रा निकालती है। हावड़ा में संगठन का काम सुरेंद्र वर्मा देखते हैं। वे बताते हैं, ‘हम 12 साल से पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर सबसे सुंदर और बड़ी शोभा यात्रा निकालते हैं। इस बार भी तैयारियां पूरी हैं।’

‘पिछली बार शोभायात्रा की थीम महाकुंभ थी। उससे पहले 2023 में राम मंदिर की थीम थी। इस बार भी कुछ अलग करेंगे। हमारे 300 से 500 वॉलंटियर इसके लिए काम करते हैं।’

वे आगे कहते हैं, ‘बंगाल में रामनवमी के बारे में कोई नहीं जानता था। बंगाली समाज में रामनवमी का मतलब सिर्फ इतना समझते थे कि इस दिन शीतला माता की पूजा होती है और उपवास करते हैं। इस दिन राम जी का जन्म हुआ था, ये कोई नहीं जानता था। हमारी शोभायात्राओं के जरिए लोग जानने लगे हैं कि श्री रामचंद्र का जन्म चैत्र नवरात्र में हुआ था, जिसे रामनवमी के तौर पर मनाया जाता है।’

‘सिर्फ 2 किलोमीटर की यात्रा में भी अड़ंगा डाल रहा प्रशासन’ सुरेंद्र वर्मा बताते हैं, ‘2022 में विश्व हिंदू परिषद की रैली पर हमला हुआ था। 2023 में हावड़ा में दंगे हुए थे। इस बार हमने शोभायात्रा के लिए प्रशासन के पहले ही बता दिया है। फिर भी हमें परेशान किया जा रहा है। हमें मुस्लिम बहुल इलाकों से जाने से रोका जा रहा।’

‘प्रशासन सिर्फ 2 किलोमीटर की यात्रा में हमसे कह रहा है कि आप उस रूट से नहीं निकल सकते, वो संवेदनशील है। प्रशासन को हमले का डर है। अगर कुछ लोग पत्थर फेंक रहे हैं, तो प्रशासन उन्हें पकड़े। हमें दूसरे रास्ते से जाने के लिए क्यों बोल रहा है।’

हावड़ा में तैयारियों का जायजा लेने हम चांदमारी रोड इलाके पहुंचे। यहां महिलाएं भगवा झंडे सिलते मिलीं। अंजनि पुत्र सेना के मेंबर पवन सिंह बताते हैं, ‘हमारा सोशल मीडिया एक्टिव है। हम इसके जरिए लोगों को शोभायात्रा के बारे में बता रहे हैं। हम नरसिंह भगवान मंदिर से हावड़ा मैदान जाएंगे। हम वॉट्सएप ग्रुप के जरिए मैसेज और वीडियो शेयर करते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों।’

रामनवमी पर शोभा यात्रा में पानी और शरबत की सेवा देते हैं मुसलमान हावड़ा में हम मुस्लिम इलाकों में भी गए। यहां पता चला कि हर साल मुसलमान रामनवमी पर पानी और शरबत का स्टॉल लगाते हैं। यहां मिला सैफ आजमी का परिवार 33 साल से हिंदू-मुस्लिमों को लेकर अलग-अलग प्रोग्राम करता रहा है।

सैफ बताते हैं, ‘पिछले कुछ साल से रामनवमी रमजान के दौरान आई। हम हिंदू और मुस्लिम दोनों मिलकर जश्न मनाते हैं। रामनवमी की शोभायात्रा हमारे इलाके से निकलती है, तो हम हिंदू भाइयों को पानी और शरबत पिलाते हैं। इस बार भी ऐसा ही करेंगे।’

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मेरे परिवार ने 1992 में इसकी शुरुआत की थी। उस वक्त दंगे भड़के थे। मेरे दादा और वालिद साहब ने हिंदू-मुस्लिम सुरक्षा जमात नाम से एक संगठन शुरू किया था। तब से हम ये करते आ रहे हैं। हम सभी हिंदू और मुस्लिम यहां शांति से रहते हैं।

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दंगों के सवाल पर वे कहते हैं, ‘BJP जहां से रैली निकालती है, वहां दंगा क्यों होता है, इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं। राज्य में कोई भी त्योहार या पर्व आता है, यहां कम्युनल माहौल बना दिया जाता है, ताकि लोग डर जाएं। ये सब कुछ लोगों की वजह से हो रहा है। उन्हें ये समझना चाहिए कि हमें देश के तौर पर आगे बढ़ना है। सुवेंदु अधिकारी जब से BJP में गए हैं, मुसलमानों के खिलाफ आग उगल रहे हैं। ये सब नहीं होना चाहिए।’

हावड़ा के मुस्लिम इलाकों में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान मुसलमान पानी और शरबत का स्टॉल लगाते हैं।

यहीं मिले मोहम्मद तारिक कहते हैं, ‘BJP का जुलूस सिर्फ दंगा कराने के लिए आता है। सुवेंदु अधिकारी बंगाल का माहौल खराब करने के लिए कुछ न कुछ करवाएंगे, ये हम जानते हैं। मुसलमान रामनवमी पर हिंदुओं के साथ खड़े रहते हैं ताकि भाईचारा बना रहे। हम रोजा रखते हैं, लेकिन हिंदू भाइयों को अपने हाथों से पानी पिलाते हैं।’

‘TMC भी रामनवमी पर शोभायात्रा निकालती है, लेकिन उसमें सामाजिक नारे लगाए जाते हैं। BJP मुस्लिम इलाकों को टारगेट करती है। ये मस्जिद के सामने से निकलते हैं और नारे लगाते हैं। उनके हाथों में तलवार होती है। हमें डर लगता है, लेकिन हम फिर भी पानी पिलाकर सेवा करते हैं।’

‘राजनीति ने देश को बर्बाद कर दिया। सत्ता पाने के लिए कोई कुछ भी कर सकता हैं। सुवेंदु अधिकारी TMC में थे, वे मुसलमानों के साथ बैठकर इफ्तार करते थे। BJP में जाते ही उनके व्यवहार और बयान बदल गए।’

एक्सपर्ट बोले- रामनवमी जैसे त्योहारों का फायदा BJP को मिलना मुश्किल रामनवमी पर शोभायात्राओं के पॉलिटिकल इम्पैक्ट को समझने के लिए हमने एक्सपर्ट सुमन भट्टाचार्या से भी बात की। वे कहते हैं, ‘असर हो सकता है, लेकिन मुझे शक है कि ये BJP के लिए कितना फायदेमंद होगा।‘

‘बंगाल के लिए रामनवमी नया त्योहार है। यहां हिंदू रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद को मानते हैं। सड़क पर झंडा और तलवार लेकर जुलूस निकालना बंगाली शायद ही पसंद करें।‘

‘रामनवमी पर BJP जितना उछलेगी, उसे उतना ही उल्टा पड़ सकता है। रामनवमी का पर्व मुसलमानों को एकजुट करने में मदद करेगा। ये सब एक साथ ममता बनर्जी की तरफ चले जाएंगे। यही नहीं मुसलमानों के साथ-साथ लिबरल अपर-कास्ट हिंदू का वोट भी TMC की ओर चला जाएगा।‘

स्टोरी में सहयोग: शुभम बोस …………………………..

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