राणा सांगा की तौहीन पर भड़के ठाकुर पूरण सिंह: मुजफ्फरनगर में बोले- ‘अकबर-औरंगजेब का यहां क्या काम’? सपा पर साधा निशाना – Muzaffarnagar News h3>
वरुण शर्मा | मुजफ्फरनगर6 मिनट पहले
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राणा सांगा की तौहीन पर ठाकुर पूरण सिंह ने सपा और सरकार को घेरा।
मुजफ्फरनगर में सपा के राज्यसभा सांसद राजाराम के राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान पर भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “एक आदमी सड़क छाप है, अनपढ़ है, गंवार है, बुद्धिहीन है, अगर वो किसी के तथ्य को गलत कह दे तो संविधान में भी उसकी माफी हो सकती है। लेकिन एक आदमी जो राज्यसभा का सदस्य हो, सरकारों ने उसे चुनकर भेजा हो, उस सदन का हिस्सा हो और बिना इतिहास के तथ्यों के इतनी घटिया और नीच बात करे, उसकी सदस्यता समाप्त कर देनी चाहिए थी।“
उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “अखिलेश यादव को उन्हें निलंबित करना चाहिए था। अगर सपा और अखिलेश आज भी उनके पक्ष में खड़े हैं, तो यह उनका दुर्भाग्य है।“ ठाकुर पूरण सिंह ने राणा सांगा की वीरता को याद करते हुए कहा, “देश के महान लोगों, जो हमेशा लड़ते रहे, जैसे राणा सांगा, जिनके शरीर पर 80 घाव थे, एक आंख नहीं थी, एक हाथ नहीं था, फिर भी वो लड़ते रहे। उनके बारे में उस सदन में ऐसी तुच्छ बात करना नीचता की पराकाष्ठा है।“
औरंगजेब की कब्र और सड़कों के नाम पर सवाल
औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद पर ठाकुर पूरण सिंह ने सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा, “जब पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई है, तो सड़कों और व्यवस्थाओं के नाम औरंगजेब जैसे लोगों के नाम पर क्यों रखे गए हैं? अगर इस देश का नाम हिंदुस्तान है, तो सड़कों के नाम भी हिंदुओं के नाम पर होने चाहिए।“ उन्होंने चुनौती देते हुए पूछा, “पाकिस्तान में क्या किसी हिंदू के नाम पर कोई सड़क या व्यवस्था है?“
उन्होंने आगे कहा, “यहां के सभी मुस्लिम इसी देश के हैं। औरंगजेब की व्यवस्थाओं को मानने वाला कोई नहीं है। जब उस परंपरा का एक भी व्यक्ति नहीं बचा, तो उसकी कब्र का यहां क्या काम? सरकार को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए कि अकबर रोड और जहांगीर रोड जैसे नाम क्यों हैं। क्या यहां का मुसलमान नहीं है? उनके नाम पर नाम रखो।“
भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह।
कलाम और अस्फाक उल्लाह खां का उदाहरण
ठाकुर पूरण सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और स्वतंत्रता सेनानी अस्फाक उल्लाह खां का उदाहरण देते हुए कहा, “अगर नाम रखना ही है, तो एपीजे अब्दुल कलाम रोड बनाओ, अस्फाक उल्लाह खां रोड बनाओ। लेकिन औरंगजेब, जो लूट करने आया था, उसका महिमामंडन क्यों?“ उन्होंने जोर देकर कहा कि देश के सभी मुस्लिम हमारी परंपराओं और पूर्वजों की व्यवस्थाओं से निकले हैं, न कि औरंगजेब की व्यवस्था से।
कौन हैं ठाकुर पूरण सिंह?
ठाकुर पूरण सिंह भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में ठाकुर समाज की जितनी भी पंचायतें बीजेपी के खिलाफ हुईं, उन सभी की अगुवाई ठाकुर पूरण सिंह ने की थी। खास बात यह रही कि जहां-जहां उनकी अगुवाई में पंचायतें हुईं, वहां बीजेपी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। उनके ये बयान न केवल सपा और बीजेपी के लिए चुनौती पेश करते हैं, बल्कि उनके सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव को भी रेखांकित करते हैं।
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वरुण शर्मा | मुजफ्फरनगर6 मिनट पहले
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राणा सांगा की तौहीन पर ठाकुर पूरण सिंह ने सपा और सरकार को घेरा।
मुजफ्फरनगर में सपा के राज्यसभा सांसद राजाराम के राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान पर भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “एक आदमी सड़क छाप है, अनपढ़ है, गंवार है, बुद्धिहीन है, अगर वो किसी के तथ्य को गलत कह दे तो संविधान में भी उसकी माफी हो सकती है। लेकिन एक आदमी जो राज्यसभा का सदस्य हो, सरकारों ने उसे चुनकर भेजा हो, उस सदन का हिस्सा हो और बिना इतिहास के तथ्यों के इतनी घटिया और नीच बात करे, उसकी सदस्यता समाप्त कर देनी चाहिए थी।“
उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “अखिलेश यादव को उन्हें निलंबित करना चाहिए था। अगर सपा और अखिलेश आज भी उनके पक्ष में खड़े हैं, तो यह उनका दुर्भाग्य है।“ ठाकुर पूरण सिंह ने राणा सांगा की वीरता को याद करते हुए कहा, “देश के महान लोगों, जो हमेशा लड़ते रहे, जैसे राणा सांगा, जिनके शरीर पर 80 घाव थे, एक आंख नहीं थी, एक हाथ नहीं था, फिर भी वो लड़ते रहे। उनके बारे में उस सदन में ऐसी तुच्छ बात करना नीचता की पराकाष्ठा है।“
औरंगजेब की कब्र और सड़कों के नाम पर सवाल
औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद पर ठाकुर पूरण सिंह ने सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा, “जब पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई है, तो सड़कों और व्यवस्थाओं के नाम औरंगजेब जैसे लोगों के नाम पर क्यों रखे गए हैं? अगर इस देश का नाम हिंदुस्तान है, तो सड़कों के नाम भी हिंदुओं के नाम पर होने चाहिए।“ उन्होंने चुनौती देते हुए पूछा, “पाकिस्तान में क्या किसी हिंदू के नाम पर कोई सड़क या व्यवस्था है?“
उन्होंने आगे कहा, “यहां के सभी मुस्लिम इसी देश के हैं। औरंगजेब की व्यवस्थाओं को मानने वाला कोई नहीं है। जब उस परंपरा का एक भी व्यक्ति नहीं बचा, तो उसकी कब्र का यहां क्या काम? सरकार को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए कि अकबर रोड और जहांगीर रोड जैसे नाम क्यों हैं। क्या यहां का मुसलमान नहीं है? उनके नाम पर नाम रखो।“
भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह।
कलाम और अस्फाक उल्लाह खां का उदाहरण
ठाकुर पूरण सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और स्वतंत्रता सेनानी अस्फाक उल्लाह खां का उदाहरण देते हुए कहा, “अगर नाम रखना ही है, तो एपीजे अब्दुल कलाम रोड बनाओ, अस्फाक उल्लाह खां रोड बनाओ। लेकिन औरंगजेब, जो लूट करने आया था, उसका महिमामंडन क्यों?“ उन्होंने जोर देकर कहा कि देश के सभी मुस्लिम हमारी परंपराओं और पूर्वजों की व्यवस्थाओं से निकले हैं, न कि औरंगजेब की व्यवस्था से।
कौन हैं ठाकुर पूरण सिंह?
ठाकुर पूरण सिंह भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में ठाकुर समाज की जितनी भी पंचायतें बीजेपी के खिलाफ हुईं, उन सभी की अगुवाई ठाकुर पूरण सिंह ने की थी। खास बात यह रही कि जहां-जहां उनकी अगुवाई में पंचायतें हुईं, वहां बीजेपी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। उनके ये बयान न केवल सपा और बीजेपी के लिए चुनौती पेश करते हैं, बल्कि उनके सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव को भी रेखांकित करते हैं।