मौसम की मार, प्याज, पान और मक्का की फसल बर्बाद: 600 हेक्टेयर में लगी फसल जलमग्न, नालंदा में 40 घंटे के अंदर दो बार बदला मौसम – Nalanda News

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मौसम की मार, प्याज, पान और मक्का की फसल बर्बाद:  600 हेक्टेयर में लगी फसल जलमग्न, नालंदा में 40 घंटे के अंदर दो बार बदला मौसम – Nalanda News

मौसम की मार, प्याज, पान और मक्का की फसल बर्बाद: 600 हेक्टेयर में लगी फसल जलमग्न, नालंदा में 40 घंटे के अंदर दो बार बदला मौसम – Nalanda News

खेतों में पड़ा प्याज का बर्बाद फसल।

पिछले पांच दिनों से नालंदा जिले में लगातार आ रही आंधी-बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। मात्र 40 घंटों के भीतर दो बार आई मौसम की मार ने अन्नदाताओं की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। प्याज, पान और मक्का उत्पादकों की मेहनत और पूंजी दोनों डूब गई है।

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लगातार बारिश से मुश्किल में किसान

शनिवार की रात आई आंधी-पानी से किसान उबर भी नहीं पाए थे कि सोमवार दोपहर को एक बार फिर मौसम ने करवट बदली। दोपहर तीन बजकर दस मिनट पर आसमान में बादल छा गए और देखते ही देखते चारों ओर अंधेरा छा गया। अनहोनी के डर से लोग खेत-खलिहान और खुले स्थानों से भागकर अपने घरों की ओर लौटने लगे। तीन बजकर बीस मिनट पर बादलों की गड़गड़ाहट शुरू हुई और पांच मिनट बाद धूल भरी आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। पांच बजे शाम तक रुक-रुककर बूंदाबांदी का सिलसिला जारी रहा।

गेंहू की खड़ी फसल को नुकसान हुआ है।

प्याज की फसल को भारी नुकसान

नालंदा जिले में इस रबी सीजन में 550 से 600 हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई थी। फसल पूरी तरह तैयार हो चुकी थी और कई किसान कटाई में जुटे थे। लेकिन गुरुवार, शनिवार और सोमवार को हुई बारिश के कारण खेतों में जलभराव हो गया और तैयार फसल पानी में डूब गई।

नूरसराय के मेयार निवासी गुड्डू महतो और जगदीश महतो तथा सोहडीह के राजेश कुमार का कहना है की आंधी-बारिश ने सब कुछ तबाह कर दिया है। अब हमारे पास पानी में डूबे प्याज को कम दामों पर बेचने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। भीगे हुए प्याज का भंडारण करना असंभव है, क्योंकि यह सड़कर बर्बाद हो जाएगा।

मक्के की फसल को भी हुआ है नुकसान।

मक्का की फसल का हाल-बेहाल

सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार और कमलेश कुमार बताते हैं कि तेज आंधी-पानी के कारण अधिकांश खेतों में लगी मक्के की फसल धरती पर गिर गई है। पेड़ों में धनबाल (मक्के के दाने) लग चुके थे। अब गिरे पेड़ों को काटकर मवेशियों को खिलाने के अलावा किसानों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। उपज की उम्मीद करना अब बेमानी है। हालांकि, जिन किसानों के खेतों में मक्के के पौधे अभी छोटे हैं और धनबाल नहीं लगा है, उन्हें तुलनात्मक रूप से कम नुकसान हुआ है।

सब्जियों की फसलें भी प्रभावित

नालंदा सब्जियों की खेती के लिए बिहार में प्रसिद्ध है। सोडहीड के किसान राकेश कुमार, आशानगर के मनोज कुमार और सरदारबिगहा के अशोक कुमार का कहना है कि लगातार आई आंधी-पानी के कारण विशेष रूप से लत्तरवाली सब्जियों (बेल वाली सब्जियां) के पौधे अस्त-व्यस्त हो गए हैं। पौधों में लगे फल-फूल बर्बाद हो चुके हैं। किसानों का कहना है कि जब धूप निकलेगी तो संक्रामक बीमारियों का प्रकोप सब्जी के पौधों पर बढ़ेगा, जिससे उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ेगी।

खेतों में गिरी प्याज की फसलें।

गेहूं की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव

रबी सीजन में नालंदा में सबसे अधिक गेहूं की खेती होती है। फसल पककर तैयार है, लेकिन अभी केवल 50 से 60 प्रतिशत गेहूं की कटाई हुई है। आंधी के साथ हुई बारिश के कारण खेतों की मिट्टी गीली हो गई है और बालियां भी पूरी तरह से भीग गई हैं।

रहुई के किसान सरोज सिंह, अस्थावां के प्रेमरंजन और चंडी के वीरेंद्र कुमार बताते हैं की फसल के साथ खेत की मिट्टी के सूखने के बाद ही हार्वेस्टर से कटाई संभव होगी। जितनी देर कटाई में होगी, उतना ही बालियों में लगे दाने की गुणवत्ता प्रभावित होगी, जिससे बाजार में कम कीमत मिलेगी।

आज भी बारिश का अनुमान

ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, भागलपुर (सबौर) से जारी नालंदा जिला मौसम पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार को भी 10 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेंटीग्रेड रहने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता अधिकतम 90 प्रतिशत और न्यूनतम 45 प्रतिशत तक रह सकती है। 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने तूफान, बिजली गिरने और तेज सतही हवाओं की भी चेतावनी दी है।

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