मेट्रो के हाल… पानी की टंकियां बनाना ही भूल गए!

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मेट्रो के हाल… पानी की टंकियां बनाना ही भूल गए!

मेट्रो के हाल… पानी की टंकियां बनाना ही भूल गए!


प्रमोद मिश्रा

इंदौर. करीब 7500 करोड़ की लागत से मेट्रो के पहले चरण का काम किया जा रहा है। एक महीने पहले 5.9 किलोमीटर ट्रैक पर ट्रायल रन होने के बाद अब काम की रफ्तार सुस्त हो गई है। ढीलपोल और लापरवाही का आलम ऐसा है कि वर्षों बाद मेट्रो प्रबंधन को याद आया कि स्टेशनों पर पानी का प्रबंधन तो किया ही नहीं है। ऐसे में ताबड़तोड़ स्टेशन पर अंडरग्राउंड वाटर टैंक बनाने के लिए खुदाई शुरू करवाई गई। अब इस मामले में जिम्मेदार जवाब देने से बच रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, गांधी नगर डिपो से 5.9 किलोमीटर के हिस्से में तीन मेट्रो स्टेशन बन रहे हैं। अफसरों का दावा है कि गांधी नगर से रेडिसन चौराहा तक ट्रैक का काम पूरा कर मई-जून 2024 तक मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू कर दिया जाएगा। ट्रायल रन के लिए कर्मचारियों को तैनात कर 24 घंटे काम भी चला, लेकिन अब जिस सुस्ती से काम हो रहा है, जिससे कमर्शियल रन मुश्किल नजर आ रहा है। शेष @ पेज07

विशेषज्ञों की टीम का दौरा : पता चला वॉश रूम तो बन रहे, पानी कहां है?

गांधी नगर स्टेशन-3 पर गेट के पिछले हिस्से में खुदाई की जा रही है। खुदाई के कारण मिट्टी न धंस जाए, इसलिए मंगलवार को गर्डर के साथ चद्दरें लगाई गईं। जेसीबी से यहां 20-25 फीट गहरी खुदाई हुई है। यहां तैनात कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, कुछ दिन पहले रेलवे अफसरों के साथ विशेषज्ञों की टीम ने दौरा किया था। प्रतिदिन 7 लाख लोगों के मेट्रो में सफर करने का दावा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने किया है। इनके लिए स्टेशन पर लिफ्ट, सीढ़ियां, एस्केलेटर आदि इंतजाम हैं। वॉश रूम रहेंगे, लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं है। पानी के टैंकर व बोरिंग का सहारे काम चल रहा है। यात्रियों के लिए पानी की आवश्यकता पर बात हुई तो पता चला कि स्टेशन पर अब तक पानी स्टोरेज की व्यवस्था ही नहीं है।

…तो आनन-फानन टैंक बनाने की योजना पास

निरीक्षण में सवाल उठे तो आनन-फानन में हर स्टेशन पर अंडरग्राउंड वाटर टैंक बनाने की योजना पास हुई। इंजीनियरों ने नक्शा बनाया, जिसके तहत 44 क्यूबिक मीटर के 2-2 अंडरग्राउंड टैंक सभी जगह बनाना तय हुआ। अब ट्रैक की साइड में बड़े-बड़े गड्ढे खोदे जा रहे हैं। मेट्रो कॉर्पोरेशन के कुछ अफसर भी मौके पर आए, लेकिन वे पानी के टैंक व काम में देरी को लेकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।

अधूरे पड़े स्टेशन

शहरवासी मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन काम में सुस्ती से मई-जून 2024 तक कमर्शियल रन का दावा पूरा होता नहीं दिख रहा। जिन स्टेशनों पर ट्रायल रन हुआ था, वहां ही काम नहीं हुआ है। लिफ्ट के डक्ट बन रहे हैं, प्लेटफॉर्म की फ्लोरिंग पूरी नहीं हुई है। सुपर कॉरिडोर ब्रिज के पास तो ट्रैक का काम ही चल रहा है। लवकुश चौराहा से लेकर एमआर-10 टोल ब्रिज तक कई जगह पिलर बनना शुरू नहीं हुए हैं। इस इलाके में एक स्टेशन का काम व 3-4 पिलर का जाल बन रहा है।

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