मिर्ची बाबा बना कैदी नंबर 1949, जेल में फूट-फूटकर रोया, आम कैदियों के साथ जमीन पर करवट बदलते काटी रात | Mirchi Baba became prisoner number 1949, cried a lot in jail | Patrika News

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मिर्ची बाबा बना कैदी नंबर 1949, जेल में फूट-फूटकर रोया, आम कैदियों के साथ जमीन पर करवट बदलते काटी रात | Mirchi Baba became prisoner number 1949, cried a lot in jail | Patrika News

मिर्ची बाबा बना कैदी नंबर 1949, जेल में फूट-फूटकर रोया, आम कैदियों के साथ जमीन पर करवट बदलते काटी रात | Mirchi Baba became prisoner number 1949, cried a lot in jail | Patrika News

बलात्कार की पीडिता ने यह बताई आपबीती

मैं रायसेन जिले की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 28 साल है। मेरी शादी को चार साल हो चुके हैं, लेकिन मेरी कोई संतान नहीं है। मैं इलाज और झाड़-फूंक भी करवा चुकी हूं, मुझे कोई फायदा नहीं हुआ। मैं परेशान चल रही थी, मोहल्ले की महिलाओं से पता चला कि वैराग्यनंद गिरि उर्फ मिर्ची बाबा बहुत ज्ञानी हैं। बच्चा होने की दवा देते हैं। मेरा भी मन हुआ कि मिर्ची बाबा से दवा लेने के लिए मिलूं। गांव की दीवारों में लगे बैनर से मिर्ची बाबा का मोबाइल नंबर मिला।

इसी साल जुलाई में इस नंबर पर फोन किया। गोपाल नाम के व्यक्ति से बात हुई। उसने खुद को बाबा का चेला बताया। उसने बताया कि बैनर में जो दूसरा नंबर लिखा है, वो बाबा का है। इस पर मैंने दूसरे नंबर पर कॉल किया। बाबा से बात हुई। बाबा को बताया कि शादी के 4 साल बाद भी संतान नहीं हुई है। क्या आप कुछ कर सकते हैं? बाबा बोले कि हम इसका इलाज करते हैं। इसके लिए मेरे आश्रम में आना पड़ेगा। मैं खुश हो गई। मैंने अपने पति को बाबा की सारी बातें बताई। बाबा ने मेरे पति से भी बात की। फिर मुझे बाबा पर विश्वास हो गया। इसके बाद बाबा ने मुझसे कई बार बात की। मैंने बाबा को फोन कर बोला कि दवाई लेने आ रही हूं। बाबा ने मुझे भोपाल में मिनाल रेसिडेंसी आने के लिए बोला।

मैं अकेली बाबा के मिनाल रेसिडेंसी पहुंच गई। वहां मुझे बाबा का चेला गोपाल लेने आया। फिर मैं बाबा के बंगले पर गई। बंगला दो मंजिला है। वहां बाबा मिले। मुझे बड़े प्रेम से बैठाया। घर में एक बाई थी, जिसने मुझे चाय-पानी दिया। बाबा ने मुझसे सारी बात पूछी। मैंने अपनी सारी परेशानियां बताईं। बाबा ने हाथ की नस देखी। बोला कि तुमको संतान हो जाएगी। तुम कल 12 बजे आना। मुझे बाबा ने कुछ साबूदाना जैसी गोलियां दीं। बोला घर पर रख देना और भभूत खा लेना।

मैंने बाबा के कहे अनुसार किया। पति को सारी बातें बताईं। इसके बाद 17 जुलाई को साढ़े 12 बजे मैं ऑटो से बाबा के बंगले मिनाल पहुंची। वहां मुझे गोपाल, बाबा, बाई तीनों मिले। बाबा ने मुझे सोफे पर बैठाया। उसके बाद बाबा ने मुझे वहीं पर साबूदाने की गोली और भभूती दी। कहा- ऊपर कमरा है, वहां जाकर आराम से बैठो और खा लो। फिर मैं ऊपर कमरे में चली गई। भभूती और गोलियां मैंने खा लीं। थोड़ी देर बाद बाबा कमरे में आए। मुझसे थोड़ी देर तक बात करते रहे। इतने में मुझे चक्कर आने लगे। मैं उठकर जाने लगी। बाबा ने मुझे पकड़कर बिस्तर पर बैठा लिया। कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। मेरे पास आकर मुझे अपनी बांहों में भर लिया। गलत हरकत करने लगा। मैंने बाबा को धक्का दिया। मगर मुझे इतने चक्कर आ रहे थे कि मैं चिल्ला नहीं पा रही थी। मिर्ची बाबा ने मेरे साथ बलात्कार किया। मैं बेहोश हो गई।

जब मुझे होश आया तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था। बाबा भी पास में बैठा था। मैंने बाबा से बोला कि तुमने मेरे साथ गलत काम किया है। मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगी। बाबा बोला कि ऐसे ही बच्चे पैदा होते हैं। मैं बाबा से बोली- मुझे ऐसा बच्चा नहीं चाहिए। बाबा बोला- जा बता दे, जिस-जिस को बताना है। मुझे नागा बाबा का दर्जा मिला है, तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। तेरे पति को मरवा दूंगा। मैंने कुछ दिन बाद अपने गुरु भाई को पूरी घटना बताई, तो मेरे पति ने सुन लिया। इसके बाद पति ने मुझे घर से निकाल दिया। मैं आठ-दस दिन से अपने गुरु भाई के यहां रह रही थी। मिर्ची बाबा ने मुझे फोन कर बोला कि मेरे खिलाफ रिपोर्ट कराने गई है, ऐसा मुझे पता लगा है। अगर तूने मेरे खिलाफ कहीं रिपोर्ट की तो तुझे जान से मरवा दूंगा।



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