महिलाओं के सम्मान में मैंने पूरी ताकत से शराब की बोतलों पर पत्थर मारा… शिवराज सिंह चौहान को उमा भारती की चिट्ठी h3>
भोपाल : पूर्व सीएम उमा भारती (uma bharti letter to shivraj singh chouhan) शराबबंदी को लेकर सख्त हैं। वह सड़कों पर उतर आई हैं। भोपाल स्थित एक दुकान में शराब की बोतलों पर उमा भारती ने पत्थर मारा (uma bharti on stone pelting in wine shop) है। कांग्रेस उन पर कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद उमा भारती ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिख पूरे मामले में सफाई दी है। उन्होंने बताया है कि क्यों यह कदम उठाया है। साथ ही अपनी मांगों को उमा ने फिर दोहराया है। उनकी मांगों पर सरकार और संगठन की तरफ से उठाए गए कदमों का भी उन्होंने अपनी चिट्ठी में जिक्र किया है।
उमा भारती ने शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है। उसमें उन्होंने कहा है कि मैंने डेढ़ साल पहले शराबबंदी के संदर्भ में आपसे चर्चा की थी और आपने हमेशा मुझे सम्मानपूर्वक सकारात्मक जवाब दिया था। आपका कहना था कि मैं इस बारे में जागरूकता अभियान करूं। मैंने इसके बारे में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी बात की है। दोनों का जवाब मेल खाता है। उमा भारती ने आगे लिखा कि आप दोनों सतोगुणी व्यक्ति हैं, स्वाभाविक है कि आप दोनों का उत्तर सकारात्मक ही होना था। इसके साथ ही उमा भारती ने कहा कि मेरा मानना है कि नशे के लिए जागरूकता के लिए समाज पहल करे सरकार उसका साथ दें और शराबबंदी में सरकार पहल करे और समाज सरकार का साथ दे क्योंकि शराब की दुकानें सरकार की सहमति से खुलती है।
पूर्व सीएम उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि गंगा यात्रा के बाद मैंने सीएम से मिलने के लिए समय मांगा। मेरा सम्मान रखते हुए वह खुद ही मिलने के लिए घर चले आएं। उमा भारती ने कहा कि आपने सुझाया कि नशा और शराबमुक्ति के लिए सामाजिक अभियान चले और सरकार इसमें पूर्ण सहयोग करेगी। इसके साथ ही उमा ने कहा कि मैंने 13 मार्च 2022 को महिलाओं के आग्रह पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी के आजाद नगर में शराब की दुकान और अहाता देखने के लिए गई। वहां महिलाओं से जानकारी मिली कि यह मजदूरों की बस्ती है। यहां मंदिर है, स्कूल है और वह तीन साल से इस बंद करने के लिए आंदोलन कर रही हैं। मगर दुकानें बंद नहीं हुई हैं।
उमा भारती ने कहा कि 13 मार्च को मैं उस दुकान से यह कहते हुए जैसे ही वापस मुड़ी कि मैं शासन से इस संबंध में बात करूंगी। अचानक कुछ महिलाओं ने मुझे रोते हुए बताया कि यहां शराबी नशा करने के बाद महिलाओं और बच्चियों की तरफ खड़ा होकर लघुशंका करते हैं। इससे वह लज्जित होती हैं।
पूर्व सीएम ने आगे लिखा कि यह प्रदेश का सौभाग्य है कि आप जैसा सतोगुणी चरित्र का व्यक्ति प्रदेश का मुखिया है। आप स्वंय नारी का सम्मान रखने की हमेशा बात करते हैं। मेरी प्रतिक्रिया बिलकुल स्वभाविक थी। मैं वापस शराब की दुकानों की ओर मुड़ी कर्मचारियों से थोड़ा दूर होने के लिए कहा और फिर पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा।
उन्होंने कहा कि मैं एक महिला हूं और रोती हुई महिलाओं के सम्मान की रक्षा में मैंने पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों में मारा है क्योंकि वह दुकानें नियम विरूद्ध जगहों पर थीं। वह पत्थर जो मैंने मारा है, वह प्रदेश की स्त्रियों और बच्चियों के सम्मान के लिए हुआ है।
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उमा भारती ने शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है। उसमें उन्होंने कहा है कि मैंने डेढ़ साल पहले शराबबंदी के संदर्भ में आपसे चर्चा की थी और आपने हमेशा मुझे सम्मानपूर्वक सकारात्मक जवाब दिया था। आपका कहना था कि मैं इस बारे में जागरूकता अभियान करूं। मैंने इसके बारे में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी बात की है। दोनों का जवाब मेल खाता है। उमा भारती ने आगे लिखा कि आप दोनों सतोगुणी व्यक्ति हैं, स्वाभाविक है कि आप दोनों का उत्तर सकारात्मक ही होना था। इसके साथ ही उमा भारती ने कहा कि मेरा मानना है कि नशे के लिए जागरूकता के लिए समाज पहल करे सरकार उसका साथ दें और शराबबंदी में सरकार पहल करे और समाज सरकार का साथ दे क्योंकि शराब की दुकानें सरकार की सहमति से खुलती है।
पूर्व सीएम उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि गंगा यात्रा के बाद मैंने सीएम से मिलने के लिए समय मांगा। मेरा सम्मान रखते हुए वह खुद ही मिलने के लिए घर चले आएं। उमा भारती ने कहा कि आपने सुझाया कि नशा और शराबमुक्ति के लिए सामाजिक अभियान चले और सरकार इसमें पूर्ण सहयोग करेगी। इसके साथ ही उमा ने कहा कि मैंने 13 मार्च 2022 को महिलाओं के आग्रह पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी के आजाद नगर में शराब की दुकान और अहाता देखने के लिए गई। वहां महिलाओं से जानकारी मिली कि यह मजदूरों की बस्ती है। यहां मंदिर है, स्कूल है और वह तीन साल से इस बंद करने के लिए आंदोलन कर रही हैं। मगर दुकानें बंद नहीं हुई हैं।
उमा भारती ने कहा कि 13 मार्च को मैं उस दुकान से यह कहते हुए जैसे ही वापस मुड़ी कि मैं शासन से इस संबंध में बात करूंगी। अचानक कुछ महिलाओं ने मुझे रोते हुए बताया कि यहां शराबी नशा करने के बाद महिलाओं और बच्चियों की तरफ खड़ा होकर लघुशंका करते हैं। इससे वह लज्जित होती हैं।
पूर्व सीएम ने आगे लिखा कि यह प्रदेश का सौभाग्य है कि आप जैसा सतोगुणी चरित्र का व्यक्ति प्रदेश का मुखिया है। आप स्वंय नारी का सम्मान रखने की हमेशा बात करते हैं। मेरी प्रतिक्रिया बिलकुल स्वभाविक थी। मैं वापस शराब की दुकानों की ओर मुड़ी कर्मचारियों से थोड़ा दूर होने के लिए कहा और फिर पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा।
उन्होंने कहा कि मैं एक महिला हूं और रोती हुई महिलाओं के सम्मान की रक्षा में मैंने पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों में मारा है क्योंकि वह दुकानें नियम विरूद्ध जगहों पर थीं। वह पत्थर जो मैंने मारा है, वह प्रदेश की स्त्रियों और बच्चियों के सम्मान के लिए हुआ है।