फिल्‍म रिव्‍यू: टॉप गन- मेवरिक

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फिल्‍म रिव्‍यू: टॉप गन- मेवरिक


फिल्‍म रिव्‍यू: टॉप गन- मेवरिक

कहानी
साल 1986 में टॉम क्रूज (Tom Cruise) स्‍टारर फिल्‍म ‘टॉप गन’ (Top Gun) रिलीज हुई थी। अब 35 साल बाद इस कल्‍ट क्‍लासिक का सीक्‍वल रिलीज हुआ है। कहानी के केंद्र में एक बार फिर पीट ‘मेवरिक’ मिशेल हैं, जो एक शूरवीर और जांबाज पायलट हैं। 30 साल बाद उन्‍हें फिर से नेवी ट्रेनिंग प्रोग्राम ‘टॉप गन’ (Top Gun: Maverick) लौटना पड़ रहा है। अब वह एक इंस्‍ट्रक्‍टर हैं, जो सबसे बेहतरीन पायलट्स को ट्रेनिंग देंगे। इन टॉप पायलट्स की टीम में लेफ्ट‍िनेंट ब्रैडली ब्रैडशॉ (माइल्‍स टेलर) भी है। उसका कॉल साइन ‘रूस्‍टर’ है। ब्रैडली असल में मेवरिक के दिवंगत दोस्‍त गूज का बेटा है। टॉप गन में पीट मेवरिक की वापसी सिर्फ नई जिम्‍मेदारी ही लेकर नहीं आती। अतीत की कुछ ऐसी यादें हैं, जिससे उसका सामना होता है। सीने में गुनाहों के कुछ ऐसे भाव दबे हैं, जो उसे तोड़कर रख देते हैं।

रिव्‍यू
हॉलिवुड के अल्‍फा-मेल ब्रिगेड में टॉम क्रूज जैसा कोई नहीं है। कभी 24 साल के टॉम क्रूज को ‘टॉप गन’ फिल्‍म ने ही सुपर स्‍टारडम दिया था। जैकेट पर लगे पैच, एविटर सनग्‍लास, साल 1986 में रिलीज कल्‍ट फिल्‍म की ऐसी कई यादें हैं जो इस बार पर्दे पर फिर से जिंदा होने वाली हैं। फिर चाहे फाइटर जेट्स संग अपनी सुपरबाइक से रेस हो या समंदर किनारे शर्टलेस होकर वॉलीबॉल खेलना। एक ऐसा नटखट अंदाज, जिसे देखकर भीड़ में मौजूद सबसे मूडी लड़की भी दीवानी हो जाए। टॉम क्रूज की ‘टॉप गन’ सिर्फ आसमान की ऊंचाइयों में उड़ने वाले फाइटर जेट्स की कहानी नहीं है। यह दिल को छू लेने वाली दोस्‍ती की भी बानगी है। हद से ज्‍यादा मर मिटने वाली प्‍यार की कहानी है। दुश्‍मनी की दास्‍तान है और इन सब के आगे इसमें एक हीरोइज्‍म है।

सिनेमाई पर्दे पर जिस दौर में सुपरहीरोज की कहानी खूब चलती है, वहां 35 साल बाद 59 साल के टॉम क्रूज ने ओल्‍ड स्‍कूल हीरोज्‍म को पर्दे पर दिखाने की हिम्‍मत की है। यकीन मानिए, इसमें अपना एक अलग रोमांच है। यह सीक्‍वल फिल्‍म अपने आप में उम्‍दा है और अच्‍छी बात यह है कि ऑरिजनल फिल्‍म के उमंग को भी कम नहीं होने देती है। ‘टॉप गन: मेवरिक’ लड़कपन की तरह एक साहसी चुनौती है। मेवरिक को अपने दोस्‍त गूज की मौत का सदमा तो है ही, वह खुद को इसके लिए जिम्‍मेदार मानता है। पर्दे पर करीब 60 की उम्र के हीरो को अपने बीते हुए कल से लड़ते हुए देखना, नौकरी में आए सन्‍नाटे जैसे ठहराव से जूझना, और अकेलेपन को स्‍वीकार करते हुए देखना दिलचस्‍प है।

डायरेक्‍टर जोसेफ कोसिन्स्की की यह फिल्म से आप इमोशनली कनेक्‍ट करते हैं। हवा में शानदार स्टंट्स की भरमार है और इन सब के बीच है बेदाग बहादुरी। फिल्‍म में मेवरिक का किरदार कहता है, ‘मैं एक फाइटर पायलट हूं। मैं नौसेना में हूं। ये मेरा काम नहीं है, मैं खुद में यही हूं।’ ये लाइनें असल जिंदगी में भी टॉम क्रूज पर लागू हो सकती हैं। उनके अंदर पर्दे पर निभाए गए किरदारों को लेकर एक दीवानगी हमेशा दिखती है। और फिर ‘टॉप गन’ तो उनका अपना प्रोजेक्‍ट है। फिल्‍म में हर एरियल स्टंट को जिस खूबसूरती के साथ बिल्‍कुल सटीक फिल्‍माने की कोश‍िश की गई है, जिस तरह साउंड और विजुअल एक-दूसरे से कनेक्‍ट होते हैं, इस फिल्‍म को देखना अपने आप में एक बेहतरीन एहसास है।

आइसमैन के रूप में वैल किल्मर का कैमियो आपको पुराने दिनों की याद दिलाता है। जेनिफर कोनेली फिल्‍म में पेनी के रोल में हैं। मेवरिक से उनका ऑन-ऑफ वाला रोमांस चलता रहता है। हां, केली मैकगिलिस और टॉम क्रूज की जानदार केमिस्ट्री बहुत याद आती है। टॉप गन: मेवरिक का थीम सॉन्‍ग ‘होल्ड माई हैंड’ (लेडी गागा) अच्‍छा है, पर यह तीन दशक पुराने ‘टेक माई ब्रीथ अवे’ वाले एंथम जैसा असर नहीं करता। पूरी फिल्‍म में टॉम क्रूज वन-मैन शो हैं। फिल्‍म में भरपूर मात्रा में नॉस्‍टेल्‍ज‍िया है, ड्रामा है, ऐक्‍शन है, और ये सब इस फिल्‍म को थ‍िएटर में देखने लायक बनाते हैं।



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