फिल्मी पर्दे पर एक्टर को ‘खा जाने’ वाला ‘विलेन’ जिसने भोजपुरी सिनेमा में बनाया था अनोखा रिकॉर्ड

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फिल्मी पर्दे पर एक्टर को ‘खा जाने’ वाला ‘विलेन’ जिसने भोजपुरी सिनेमा में बनाया था अनोखा रिकॉर्ड

फिल्मी पर्दे पर एक्टर को ‘खा जाने’ वाला ‘विलेन’ जिसने भोजपुरी सिनेमा में बनाया था अनोखा रिकॉर्ड

सात फरवरी को हिंदी सिनेमा के उस सितारे की बर्थ एनिवर्सरी है, जिसने भोजपुरी सिनेमा में भी अपना जलवा बिखेरा था। साठ के दशक में इस एक्टर का फिल्मी पर्दे के साथ-साथ लोगों के दिलों पर भी खूब जलवा था। यह थे एक्टर सुजीत कुमार, जिन्हें लोग हीरो ही नहीं बल्कि विलेन के किरदारों के लिए भी याद करते हैं। सुजीत एक ऐसे एक्टर थे, जिन्होंने फिल्मी पर्दे पर लीड हीरो बनकर दिल जीता तो विलेन बनकर भी छा गए थे। हिंदी फिल्मों में एक ऐसा दौर था जब हीरो का रोल एक हीरो ही करता और विलेन का रोल साइड एक्टर्स करते। लेकिन सुजीत उन एक्टर्स में शुमार रहे, जिन्होंने फिल्मी पर्दे पर लीड रोल से लेकर विलेन तक के रोल बखूबी निभाए। एक समय तो ऐसा भी आया, जब इंडस्ट्री में कहा जाने लगा कि यह एक्टर तो स्क्रीन पर हीरो को भी ‘खा’ जाता है।

Sujit Kumar को भोजपुरी सिनेमा का पहला सुपरस्टार माना जाता था। उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में एक के बाद एक कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि सुजीत कुमार पहले एक्टर नहीं थे। बल्कि वह वकालत छोड़कर फिल्मी दुनिया में आए थे। सुजीत कुमार कैसे एक सफल एक्टर और फिर डायरेक्टर बने, जानिए पूरी कहानी:

सुजीत कुमार का असली नाम

सुजीत कुमार के बचपन का नाम शमशेर बहादुर सिंह था। उनका जन्म 1934 में बनारस के चकिया में हुआ था। पढ़ाई के दौरान ही सुजीत कुमार ने नाटकों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। ऐसे ही एक नाटक के दौरान मशहूर डायरेक्टर फणी मजूमदार की नजर सुजीत कुमार पर पड़ी और उनकी किस्मत चमक उठी। सुजीत को फणी मजूमदार ने एक्टिंग में करियर बनाने की सलाह दी और यहीं से सुजीत के मन में एक्टर बनने की ललक जाग उठी।

फोटो: Facebook/Imprints and Images of Indian Film Music

पहली फिल्म का किस्सा और पहला सीन

पढ़ाई पूरी करने के बाद सुजीत कुमार ने बॉलीवुड का रुख किया और यहां अपने कदम जमाने की कोशिश करने लगे। सुजीत कुमार को एक्टिंग का पहला मौका 1954 में मिला था। फिल्म का नाम था ‘टैक्सी ड्राइवर’। इस फिल्म में एक सीन में सुजीत कुमार एक्टर देव आनंद के पीछे सिगरेट पीते नजर आए। इसके बाद सुजीत कुमार को जो भी फिल्में मिलती गईं, वह करते गए। फिर 60 के दशक में वह समय भी आया जब सुजीत कुमार छा गए। ‘लाल बंगला’, ‘एक साल पहले’ जैसी फिल्मों में सुजीत कुमार लीड रोल में नजर आए। लेकिन कोई खास पहचान नहीं मिली।

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शर्मिला टैगोर के साथ अजीत कुमार, फोटो: Twitter@BombayBasanti

‘आराधना’ से पॉपुलैरिटी, राजेश खन्ना संग 12 फिल्में

सुजीत कुमार को पॉपुलैरिटी और पहचान तब मिली जब वह राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘आराधना’ में नजर आए। इस फिल्म में वह राजेश खन्ना के दोस्त बने थे। दोनों की जोड़ी को इस कदर पसंद किया गया कि फिल्ममेकर्स ने बाद में राजेश खन्ना और सुजीत को लेकर कई फिल्में बनाईं। सुजीत कुमार ने अपने करियर में राजेश खन्ना के साथ 12 फिल्में की थीं। लेकिन सुजीत कुमार को स्टारडम तब मिला, जब उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में कदम रखे। वहां उन्होंने कई फिल्मों में लीड रोल किए।

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राजेश खन्ना के साथ सुजीत कुमार, फोटो: Twitter@BombayBasanti

भोजपुरी सिनेमा में स्टारडम

सुजीत कुमार ने भोजपुरी में ‘बिदेसिया’, ‘लोहा सिंह’, ‘दंगल’, ‘पान खाए सैयां हमार’ और ‘चंपा चमेली’ जैसी दर्जनों ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। देखते ही देखते वह भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार बन गए। उनकी फिल्म ‘दंगल’ भोजपुरी सिनेमा की पहली कलर फिल्म है। यह 1977 में रिलीज हुई थी। सुजीत कुमार बाद में फिल्म प्रोड्यूसर बन गए। उन्होंने 90 के दशक में जूही चावला स्टारर ‘दरार’ और सनी देओल की फिल्म ‘चैंपियन’ प्रोड्यूस की थी।

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शर्मिला टैगोर और राजेश खन्ना के साथ सुजीत कुमार, फोटो: Twitter@BombayBasanti

2010 में कैंसर से निधन, विरासत आगे बढ़ा रहा बेटा

अपने चार दशक से भी लंबे करियर में सुजीत कुमार ने 150 हिंदी और 20 से ज्यादा भोजपुरी फिल्में की थीं। कहा जाता है कि जब 60 और 70 के दशक में भोजपुरी सिनेमा और उसका जॉनर डगमगाने लगा तो सुजीत कुमार की फिल्मों ने ही उसकी नैय्या पार लगाई थी। लेकिन सुजीत कुमार 2010 में इस दुनिया को अलविदा कह गए। सुजीत कुमार को कैंसर था और उसी कैंसर ने उनकी जान ले ली। सुजीत कुमार की पत्नी भी इस दुनिया में नहीं रहीं। अब सुजीत कुमार की विरासत को उनके बच्चे आगे बढ़ा रहे हैं। बेटे जतिन कुमार जाने-माने फिल्म प्रोड्यूसर हैं।