पेय जल को तरस रहे बंगाल के ग्रामीण h3>
पश्चिम बंगाल के आधे से अधिक गांवों में अभी तक पेयजल नहीं पहुंच पाया है। नतीजतन राज्य के ज्यादातर लोग शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं। आए दिन पेयजल आपूर्ति की मांग को लेकर पश्चिम मिदनापुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, हुगली, नदिया और हावड़ा जिले में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से कांथी के एक गांव के लोगों ने शिकायत की थी कि उन्हें पीने का पानी तक मुहैया नहीं कराया जा सका है। इससे नाराज हो अभिषेक ने तत्काल उस ग्राम के पंचायत प्रधान से इस्तीफा लेकर उसे हटा दिया। लोगों का कहना है कि राज्य के 41 हजार से भी अधिक गांवों के ज्यादातर लोगों को अभी भी हैंड पंप, कुएं और तालाबों पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। जाहिर है इस बार के पंचायत चुनाव में शिक्षक भर्ती घोटाला, भ्रष्टाचार के बाद पेयजल संकट बड़ा मुद्दा होगा।
2 लाख घरों में ही पाइप से पानी
केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल में 41,357 गांवों में 1 करोड़ 63 लाख घर हैं। लेकिन वर्तमान में केवल 2 लाख घरों में ही पाइप से पानी पहुंचाना संभव हो सका है। बुनियादी ढांचे पहुंचा दिए गए, लेकिन पानी नहीं पहुंच पा रहा है। 2019-20 में प्रदेश में 32 लाख 24 हजार घरों में पाइप से पानी पहुंचाने की योजना थी। लेकिन सिर्फ 4,720 घरों को ही पानी से जोड़ा जा सका है। 2020-21 में 64 लाख 43 हजार घरों में पानी का कनेक्शन देने की योजना थी। इसमें पिछले साल के बकाया 32 लाख 19 हजार आवासों का खाता भी शामिल है।
अब तक दिए जा चुके हैं कुल 30,42,513 कनेक्शन
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिसम्बर तक 15,72,040 कनेक्शन दिए गए। जल स्वप्न परियोजना के तहत अब तक कुल 30,42,513 कनेक्शन प्राप्त किए जा चुके हैं। नदिया जिला छह लाख से अधिक घरों में पेयजल कनेक्शन के साथ राज्य में पहले स्थान पर है। जिले में भूजल में आर्सेनिक की मात्रा अधिक है। इसलिए जनस्वास्थ्य तकनीकी विभाग पेयजल आपूर्ति के लिए सामुदायिक जल शोधन संयंत्र पर जोर दे रहा है। राज्य का जनस्वास्थ्य तकनीकी विभाग घर-घर पेयजल कनेक्शन के क्षेत्र में लगातार सफलता की मिसाल कायम कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विजन को साकार कर रहा है।
बंगाल लगातार 4 महीने से देश में अव्वल
राज्य के जनस्वास्थ्य तकनीकी विभाग के मंत्री पुलक राय ने दावा किया कि गुजरात और उत्तर प्रदेश क्रमश: नौवें और ग्यारहवें स्थान पर हैं। ये दोनों राज्य 10 लाख का आंकड़ा भी नहीं छू सके हैं। ग्रामीण इलाकों में घर-घर पेयजल कनेक्शन के मामले में बंगाल लगातार चार महीने से देश में अव्वल रहा है। चालू वित्त वर्ष में जलस्वपन परियोजना की प्रगति में राज्य ने देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है।