पूरा देश जब कोरोना से लड़ रहा था,तब लैब टेक्नीशियन हाथों से जांच रहे थे कोरोना | Lab technicians were testing corona by hand | Patrika News h3>
प्रदेश में 1 करोड़ 95 लाख 97 हजार 124 कोरोना सैंपल जांच पेश की मिसाल
जयपुर
Published: April 15, 2022 10:03:46 am
जयपुर
आज मेडिकल लैब टेक्नीशियन दिवस है। जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा था, तब लैब टेक्नीशियन अपने हाथों से कोरोना जांच कर रहे थे। पूरा विश्व और राजस्थान प्रदेश जब कोरोना से बचाव के लिए तरह तरह की गाइडलाइन का पालन कर रहे थे, तब लैब टेक्नीशियन अपने हाथों से कोरोना का सैंपल लेकर मरीज की कोरोना जांच कर रहे थे।
Lab technicians were testing corona by hand
कोरोना से बचाव के लिए जब छह फीट की दूरी जरूरी थी तब मुंह और नाक से मरीज के निकट खड़े होकर यह स्वाब लेकर मशीन में सैंपल लगाकर बिना डर के यह कोरोना रोगियों का पता लगाने में जुटे थे। यही कारण है कि अकेले राजस्थान में अब तक 1 करोड़ 95 लाख 97 हजार 124 कोरोना के सैंपल जांच कर यह मिसाल पेश कर चुके है। कोरोना के दौरान कई कार्मिकों ने संक्रमित होकर जान भी गंवाई लेकिन यह रुके नहीं और संक्रमण का पता लगाकर इसे फैलने में रोकने के लिए अपना अहम योगदान निभाते रहे।
चिकित्सा विभाग की रीढ़ की हड्डी लैब टेक्नीशियन
लैब टेक्नीशियन को चिकित्सा विभाग की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। लैब में बिना जांच किसी भी मरीज की बीमारी का पता लगा कर उसका इलाज कर पाना डॉक्टर्स के लिए काफी मुश्किल होता हैं। किसी भी बीमारी का पता लगाने की प्रथम कड़ी यही होते है।
जो मरीज की जांच कर उनमें बीमारियों का पता लगाने में चिकित्सकों का सहयोग करते है। कैंसर, टीबी, एड्स, हैपेटाइटिस,कोरोना जैसी गंभीर बीमारियां की जांच भी यही कर्मचारी करते है। ऐसी बीमारियां जो एक से दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है उनकी जांच भी लैब टेक्नीशियन ही करते हैं।
जोखिम भरा जॉब है लैब टेक्नीशियन
अखिल राजस्थान लैबोरेटरी टैक्नीशियन कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता महेश सैनी ने बताया कि जब कोरोना की गाइडलाइन बदल रही थी और कोरोना मरीज से मास्क व दूरी जरूरी थी तब मरीज के सबसे नजदीक लैब टेक्नीशियन खड़ा था।
लैब टेक्नीशियन का जॉब बड़ा जोखिम भरा है। सैंपल लेते वक्त संक्रमित होने का बहुत बड़ा खतरा रहता है। कोरोना काल में सैंपल लेते हुए बहुत से लैब टेक्नीशियन पॉजिटिव हुए और उनकी मौत भी हुई। लैब टेक्नीशियन ने कोरोना काल में 18 से 20 घंटे तक काम किया। यही कारण है कि प्रदेश में 10 हजार से कम लैब टेक्नीशियन होते हुए भी दो करोड़ के करीब सैंपल जांच दिए।
इनमें से 12 लाख 83 हजार से ज्यादा पॉजिटिव निकले। इसके अलावा अन्य बीमारियों की जांच अलग से कर रहे है। प्रदेश में 6400 लैब टेक्नीशियन के पद स्वीकृत है। इनमें से करीब चार हजार पदों पर कार्मिक कार्यरत है। वहीं करीब 4 हजार कार्मिक संविदा पर कार्यरत है। संविदाकर्मी का मानदेय तो सिर्फ 8 हजार रुपए है। संघ के महासचिव सत्येंद्र कुड़ी ने बताया कि सरकार रिक्त पदों पर भर्ती करे और जोखिम भता बढ़ाते हुए संविदाकर्मियों को नियमित करें।
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प्रदेश में 1 करोड़ 95 लाख 97 हजार 124 कोरोना सैंपल जांच पेश की मिसाल
जयपुर
Published: April 15, 2022 10:03:46 am
जयपुर
आज मेडिकल लैब टेक्नीशियन दिवस है। जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा था, तब लैब टेक्नीशियन अपने हाथों से कोरोना जांच कर रहे थे। पूरा विश्व और राजस्थान प्रदेश जब कोरोना से बचाव के लिए तरह तरह की गाइडलाइन का पालन कर रहे थे, तब लैब टेक्नीशियन अपने हाथों से कोरोना का सैंपल लेकर मरीज की कोरोना जांच कर रहे थे।
Lab technicians were testing corona by hand
कोरोना से बचाव के लिए जब छह फीट की दूरी जरूरी थी तब मुंह और नाक से मरीज के निकट खड़े होकर यह स्वाब लेकर मशीन में सैंपल लगाकर बिना डर के यह कोरोना रोगियों का पता लगाने में जुटे थे। यही कारण है कि अकेले राजस्थान में अब तक 1 करोड़ 95 लाख 97 हजार 124 कोरोना के सैंपल जांच कर यह मिसाल पेश कर चुके है। कोरोना के दौरान कई कार्मिकों ने संक्रमित होकर जान भी गंवाई लेकिन यह रुके नहीं और संक्रमण का पता लगाकर इसे फैलने में रोकने के लिए अपना अहम योगदान निभाते रहे।
चिकित्सा विभाग की रीढ़ की हड्डी लैब टेक्नीशियन
लैब टेक्नीशियन को चिकित्सा विभाग की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। लैब में बिना जांच किसी भी मरीज की बीमारी का पता लगा कर उसका इलाज कर पाना डॉक्टर्स के लिए काफी मुश्किल होता हैं। किसी भी बीमारी का पता लगाने की प्रथम कड़ी यही होते है।
जो मरीज की जांच कर उनमें बीमारियों का पता लगाने में चिकित्सकों का सहयोग करते है। कैंसर, टीबी, एड्स, हैपेटाइटिस,कोरोना जैसी गंभीर बीमारियां की जांच भी यही कर्मचारी करते है। ऐसी बीमारियां जो एक से दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है उनकी जांच भी लैब टेक्नीशियन ही करते हैं।
जोखिम भरा जॉब है लैब टेक्नीशियन
अखिल राजस्थान लैबोरेटरी टैक्नीशियन कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता महेश सैनी ने बताया कि जब कोरोना की गाइडलाइन बदल रही थी और कोरोना मरीज से मास्क व दूरी जरूरी थी तब मरीज के सबसे नजदीक लैब टेक्नीशियन खड़ा था।
लैब टेक्नीशियन का जॉब बड़ा जोखिम भरा है। सैंपल लेते वक्त संक्रमित होने का बहुत बड़ा खतरा रहता है। कोरोना काल में सैंपल लेते हुए बहुत से लैब टेक्नीशियन पॉजिटिव हुए और उनकी मौत भी हुई। लैब टेक्नीशियन ने कोरोना काल में 18 से 20 घंटे तक काम किया। यही कारण है कि प्रदेश में 10 हजार से कम लैब टेक्नीशियन होते हुए भी दो करोड़ के करीब सैंपल जांच दिए।
इनमें से 12 लाख 83 हजार से ज्यादा पॉजिटिव निकले। इसके अलावा अन्य बीमारियों की जांच अलग से कर रहे है। प्रदेश में 6400 लैब टेक्नीशियन के पद स्वीकृत है। इनमें से करीब चार हजार पदों पर कार्मिक कार्यरत है। वहीं करीब 4 हजार कार्मिक संविदा पर कार्यरत है। संविदाकर्मी का मानदेय तो सिर्फ 8 हजार रुपए है। संघ के महासचिव सत्येंद्र कुड़ी ने बताया कि सरकार रिक्त पदों पर भर्ती करे और जोखिम भता बढ़ाते हुए संविदाकर्मियों को नियमित करें।
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