पीओपी से मूर्तियों के निर्माण पर प्रतिबंध, अब नया आदेश: नगर निगम देगी सामग्री के उपयोग की परमिशन, एसडीएम देखेंगे स्टॉक – Khandwa News

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पीओपी से मूर्तियों के निर्माण पर प्रतिबंध, अब नया आदेश:  नगर निगम देगी सामग्री के उपयोग की परमिशन, एसडीएम देखेंगे स्टॉक – Khandwa News

पीओपी से मूर्तियों के निर्माण पर प्रतिबंध, अब नया आदेश: नगर निगम देगी सामग्री के उपयोग की परमिशन, एसडीएम देखेंगे स्टॉक – Khandwa News

पीओपी से मूर्तियों के निर्माण को लेकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने आदेश जारी किए हैं। बताया कि परंपरा अनुसार भगवान गणेशजी एवं दूर्गाजी की मूर्ति चिकनी मिट्टी से बनाई जाती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से, प्लास्टर

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प्लास्टर ऑफ पेरिस में जिप्सम, सल्फर, फास्फोरस, मैग्नीशियम रसायन शामिल होते हैं। इन मूर्तियों को रंगने के लिए जिन डाईयों का प्रयोग किया जाता है, उनमें मर्करी, कैडमियम, आर्सेनिक, लेड और कार्बन शामिल होता है। इन मूर्तियों को सजाने के लिए प्लास्टिक और थर्माकोल से बनी सामग्री का प्रयोग किया जाता है। ऐसे पदार्थ जैव अघटनीय नहीं होते हैं।

इसीलिए जब इन मूर्तियों को जल में विसर्जित किया जाता है, तो ये विषाक्त हो जाते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। बताया कि मूर्तियों के विसर्जन से प्राकृतिक जल स्रोतों जैसे नदी, तालाब, झील आदि की गुणवत्ता प्रभावित ना हो। इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा मूर्ति विसर्जन के सबंध में विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मूर्ति निर्माण एवं मूर्तियों व ताजियों के विसर्जन के लिए निर्देश जारी किए हैं।

दो महीने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए कलेक्टर गुप्ता ने कहा कि प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी गणेशजी व दूर्गाजी की मूर्तियों एवं ताजियों को स्थापित किया जाएगा। उत्सव समाप्ति उपरांत मूर्तियों और ताजियों का विसर्जन किया जाएगा। इस दौरान खंडवा जिले में मूर्ति निर्माण एवं विसर्जन से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रतिबंधात्मक कार्रवाई व प्रचार-प्रसार आवश्यक है। यह प्रतिबंधात्मक आदेश अगले दो महीने के लिए लागू रहेंगे।

मूर्तिकारों, शिल्पकारों एवं कारीगरों के लिए निर्देश शिल्पकारों, कारीगरों या निर्माणकर्ताओं को निकायों में पंजीयन करवाना अनिवार्य होगा। पंजीकरण मूर्ति बनाने की क्षमता के आधार नगर निगम या नगर परिषद द्वारा निर्धारित पंजीयन शुल्क व सुरक्षा निधि (जैसा निकाय द्वारा निर्धारित किया जाए) प्राप्त कर संबंधित का पंजीयन किया जाएगा। शर्तों का उल्लंघन करने या इन दिशा-निर्देशों के अनुपालन में असफल होने पर, स्थानीय निकाय द्वारा सुरक्षा निधि को जब्त कर लिया जाएगा।

मूर्तियों को केवल प्राकृतिक, जैव-निम्नीकरण योग्य, विषाक्तहीन, प्लास्टिक और थर्माकोल से मुक्त पारंपरिक मिट्टी और चिकनी मिट्टी से बनाया जाए। इस प्रकार निर्मित मूर्तियों को ही अनुमति दी जाएगी। प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से मूर्तियों के निर्माण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।

पूजन आयोजन समितियों के लिए दिशा-निर्देश नगर निगम क्षेत्र में अन्य जिलों से बड़ी एवं पीओपी से बनी मूर्तियों का खरीदना एवं पांडालों में स्थापना करना पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। पर्यावरणीय दुष्प्रभाव से बचने के लिए, पूजा के लिए जहां तक संभव हो सके, कम ऊंची और पर्यावरणीय अनुकूल मूर्तियों (प्राकृतिक मिट्टी से बनी), जैव-अपघटनीय पदार्थों, ओर्गेनिक रंगों (प्राकृतिक, जैव-अपघटनीय पदार्थों एवं गैर-विषाक्त सामग्री) जैसे हल्दी, चंदन और गेरुआ आदि से सजी मूर्तियों का उपयोग किया जाए।

नगर पालिका निगम खंडवा को सौंपें गए दायित्व

नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंदर केवल उन मूर्ति निर्माताओं, शिल्पकारों या कारीगरों को ही अनुमति दी जाएगी, जो त्योहार से पहले मूर्ति निर्माण में केवल पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक चिकनी मिट्टी एवं पर्यावरण अनुकुल सामाग्री का प्रयोग करते हों। मूर्ति निर्माता को अनुमति प्रदान करते समय मूर्ति निर्माण, रंगावर, सजावट हेतु स्वीकार और अस्वीकार सामाग्री की सूची भी मूर्ति निर्माता, शिल्पकार और कारीगरों को प्रदान की जाए।

आनंद नगर क्षेत्र में पुराने आरटीओ के पास या पॉलिटेक्निक कॉलेज के पीछे वाली खाली जमीन पर अथवा अन्य स्थानों पर स्थायी कुंड/तालाब का निर्माण शीघ्र किया जाए। निकाय के द्वारा मूर्ति विसर्जन के 24 घंटे के भीतर मूर्ति विसर्जन स्थलों से उत्पन्न अपशिष्ट को एकत्रित कर उसका सुरक्षित निपटान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अनुसार किया जाए।

एसडीएम जांच दल गठित कर स्टॉक की जांच करेंगे एसडीएम खंडवा सुनिश्चित करेंगे कि आदेश के प्रभावशील होने उपरांत नगर निगम क्षेत्र में किसी भी मूर्ति निर्माता अथवा शिल्पकारों या कारीगरों द्वारा पीओपी की मूर्तियों का निर्माण ना किया जाए। शीघ्र जांच दल गठित कर स्टॉक की जांच करेंगे। यदि कोई भी व्यक्ति आदेशों का उल्लंघन करता है तो यह भारतीय न्याय संहिता की धारा-223 के अंतर्गत सजा का भागीदार होगा।

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