पहलगाम में खच्चर वाला अरेस्ट, टूरिस्ट से पूछा था धर्म: जौनपुर में मॉडल बोलीं- दो दिन पहले हो जाता हमला; 35 बंदूकों की कर रहे थे बात – Jaunpur News

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पहलगाम में खच्चर वाला अरेस्ट, टूरिस्ट से पूछा था धर्म:  जौनपुर में मॉडल बोलीं- दो दिन पहले हो जाता हमला; 35 बंदूकों की कर रहे थे बात – Jaunpur News

पहलगाम में खच्चर वाला अरेस्ट, टूरिस्ट से पूछा था धर्म: जौनपुर में मॉडल बोलीं- दो दिन पहले हो जाता हमला; 35 बंदूकों की कर रहे थे बात – Jaunpur News

अंकित श्रीवास्तव | जौनपुर2 घंटे पहले

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‘जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 20 अप्रैल को दो संदिग्ध लोग धर्म पूछ रहे थे। इसे लेकर हमारा उनसे झगड़ा भी हुआ। वे हथियारों की भी बातें कर रहे थे। इसीलिए 20 लोगों का हमारा ग्रुप ऊपर जाने के बजाय नीचे लौट आया।’

यह दावा यूपी के जौनपुर की रहने वाली मॉडल एकता तिवारी ने दैनिक NEWS4SOCIALसे किया। उन्होंने संदिग्ध खच्चर वालों के फोटो-वीडियो बनाए थे। उनकी खबर NEWS4SOCIALने प्रमुखता से 24 अप्रैल को प्रकाशित की। शुक्रवार को कश्मीर पुलिस ने एक्शन लिया है। तस्वीर में नजर आ रहे शख्स की पहचान की।

गांदरबल पुलिस ने तस्वीर में नजर आ रहे शख्स अयाज अहमद जुंगाल को गिरफ्तार किया। वो गांदरबल के गोहिपोरा रायजान का रहने वाला है। सोनमर्ग के थजवास ग्लेशियर में टट्टू सर्विस (खच्चर की सवारी) देता है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

दैनिक भास्कर ने एकता से कैमरे पर बात की थी, पढ़िए उनकी जुबानी 20 अप्रैल को पहलगाम में उनके साथ क्या हुआ था…

ये संदिग्ध व्यक्ति है, जिसे गांदरबल पुलिस ने हिरासत में लिया है।

ये फोटो 20 अप्रैल की है। एकता के साथ टोपी पहने खच्चर वाले से बहस हुई थी। उनके ग्रुप ने वीडियो बनाए थे।

खच्चर वाले ने मेरा धर्म पूछा, कहा- कलमा क्यों नहीं पढ़ती, बदसलूकी की

हम 13 अप्रैल को जौनपुर से जम्मू-कश्मीर के लिए निकले थे। ग्रुप में 20 लोग थे। सबसे पहले वैष्णो देवी गए, वहां दर्शन के बाद हम सोनमर्ग और श्रीनगर में घूमे। 20 अप्रैल को हमारा ग्रुप पहलगाम पहुंचा।

जैसे-जैसे हम लोग ऊपर चढ़े, वहां कुछ लोगों के बात करने का तरीका मुझे थोड़ा संदिग्ध लगा। उन्होंने पहले मेरा नाम पूछा, फिर कहा, नाम के आगे क्या लगाती हो? मैं आमतौर पर अपना सरनेम किसी को नहीं बताती।

फिर उन्होंने पूछा कि आप शादीशुदा हैं या नहीं। मैंने कहा, मेरे पति मेरे साथ नहीं आए हैं, जबकि मेरे पति और बच्चे मेरे साथ ही थे। उन्होंने पूछा, आप लोग कहां से हो? मैंने कहा कि मैं राजस्थान से हूं, लेकिन फिलहाल बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी से आ रही हूं। फिर उन्होंने मुझसे अजमेर के बारे में पूछा। मैंने कहा, हां, मैं अजमेर को जानती हूं।

उन्होंने पूछा, क्या आप कभी अजमेर दरगाह गई हैं? मैंने जवाब दिया, नहीं। मैं कभी वहां नहीं गई। मैं हमेशा हॉस्टल में रही हूं, इसलिए वहां जाना नहीं हो पाया। फिर उन्होंने मेरी गर्दन के पर बने टैटू की ओर इशारा करते हुए कहा, आपके गले में ओम बना है, आप किस भगवान को मानती हैं? मैंने कहा, मैं भोले बाबा को मानती हूं। उन्हीं की कृपा से आज यहां हूं।

वायरल वॉट्सएप पोस्ट, लाल घेरे में इसमें अयाज अहमद नजर आया था।

इसके बाद उन्होंने पूछा कि क्या आप कभी अमरनाथ जाना चाहेंगी? मैंने कहा- हां, लेकिन वहां जाने के लिए रजिस्ट्रेशन होता है और मुझे नहीं पता कि कैसे होता है। इस पर उन्होंने कहा, आपको रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है, मैं सीधे दर्शन करवा दूंगा। जब मैंने उनसे कॉन्टैक्ट नंबर मांगा तो उन्होंने देने से मना कर दिया। बोले- बस तारीख बता देना। यही बात मुझे संदिग्ध लगी।

फिर उन्होंने पूछा, क्या आपने कभी कुरान पढ़ी है? मैंने मना किया। उन्होंने कहा, क्यों नहीं पढ़ी? तो मैंने बताया कि मेरे सभी दोस्त मुस्लिम हैं, मैं उनसे सीख लूंगी। साथ ही कहा, मुझे उर्दू नहीं आती, इसलिए नहीं पढ़ पाई। यही से बहस शुरू हो गई, जब वह बार-बार धर्म और कुरान की बातें कर रहे थे। तब हमें उन पर शक होने लगा। उन्होंने अपने पैर के मोजे में एक छोटा सा फोन छिपा रखा था, जिससे वह बात कर रहे थे। हमें लगा कि कुछ गड़बड़ है।

उसने फोन पर कहा, प्लान ए फेल हो गया है, अब प्लान बी शुरू होगा। 35 बंदूकें भेजी हैं, घाटी में रखी हुई हैं। लड़का उन्हें लेने गया है। वो कह रहा था कि बंदूकें घास के बॉक्स में रखी गई हैं। तभी मुझे शक हुआ। मैं उसके खच्चर से कूद गई और कहने लगी कि मुझे वापस जाना है। जब मैं लौटने लगी तो मुझसे बदतमीजी की गई। मेरे कंधे पर हाथ रखकर मुझे धक्का दिया गया।

मेरे भाई गले में रुद्राक्ष पहने हुए थे, उनसे भी बदतमीजी की गई। वे लोग हमसे पूछ रहे थे कि तुमने कुरान क्यों नहीं पढ़ी? वे हमें जबरदस्ती ऊपर ले जाने की कोशिश कर रहे थे, जहां बाद में (22 अप्रैल) हमला हुआ। वे मुझे उसी जगह ले जाना चाहते थे।

हमें लग रहा था कि यह आतंकी हमला 22 तारीख को नहीं, बल्कि 20 तारीख को ही अंजाम देने वाले थे। लेकिन, अच्छा हुआ कि हम उस दिन वहां नहीं गए। मैं वहां सबको चिल्लाकर बोल रही थी कि यह जगह सुरक्षित नहीं है, आप सब नीचे चलिए।

कुछ लोग मेरी बात मानकर अपने खच्चर वालों से बात करके वापस लौट गए, लेकिन कुछ लोग आगे चले गए।

मुझे उन लोगों पर तभी शक हुआ जब वे बार-बार बंदूक और हिंदू धर्म का जिक्र कर रहे थे। उस वक्त मुझे ये अंदाजा नहीं था कि वे आतंकी हैं, लेकिन यह जरूर लग रहा था कि वहां जाना सुरक्षित नहीं है।

वे लोग हमारे ग्रुप के बारे में भी पूछताछ कर रहे थे। 20 अप्रैल को 12 बजे से 2 बजे के बीच मैंने यह सब देखा। मेरे जीजाजी सीआईएसएफ में हैं। उन्होंने मुझे खुफिया एजेंसियों की तरफ से जारी स्केच भेजे थे। जब उन्होंने मुझसे पूछा, क्या तुम इनमें से किसी को पहचानती हो, तो मैंने कहा, हां, स्केच में दो लोग वही हैं, जिनसे मेरी झड़प हुई थी।

उन्होंने मुझे मैसेज किया कि यही वे टेररिस्ट हैं। मैंने इसका जिक्र अपने वॉट्सऐप ग्रुप में भी किया है। जो फ्रेंड्स मेरे साथ गई थीं, उन्होंने भी उनकी पहचान की। जब सबसे आगे आकर बयान देने को कहा गया, तो कोई आगे नहीं आया, लेकिन मेरे पास उनकी चैट्स और स्क्रीनशॉट्स हैं।

जैसे ही स्केच देखा, पहचान लिया। सबसे पहले मैंने 1076 नंबर पर कॉल किया था। सीएम योगी जी के पास। लेकिन, वहां मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। ढाई मिनट तक बात हुई, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।

ये फोटो एकता और उनके पति प्रशांत की है। बताया, 13 अप्रैल को 20 लोगों के समूह के साथ कश्मीर घूमने गई थीं।

2019 में ब्रेन ट्यूमर की वजह से छोड़ी थी नौकरी एकता जौनपुर में एसबीआई में ब्रांच मैनेजर थीं। ब्रेन ट्यूमर की वजह से 2019 में उन्हें बैंक की नौकरी छोड़नी पड़ी। इस समय वह मॉडलिंग करती हैं। पति प्रशांत तिवारी जल जीवन मिशन में मैकेनिकल इंजीनियर हैं। एकता 13 अप्रैल को 20 लोगों के साथ कश्मीर घूमने गई थीं। 23 अप्रैल को जौनपुरी लौटी हैं।

पहलगाम में आतंकियों ने 26 पर्यटकों की जान ली

जम्मू-कश्मीर में 2019 के पुलवामा अटैक के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ। आतंकियों ने मंगलवार, 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में एक यूएई और एक नेपाल का पर्यटक और 2 स्थानीय नागरिक शामिल थे। बाकी पर्यटक यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के थे।

घटना मंगलवार दोपहर करीब 2.45 बजे पहलगाम की बैसारन घाटी में हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों ने यूपी के कानपुर से आए शुभम द्विवेदी से नाम पूछा, फिर उसके सिर में गोली मार दी। शुभम की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। वो हनीमून पर यहां आया था।

आतंकी दूसरे पर्यटकों पर फायरिंग करते हुए भाग निकले। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। प्रशासन ने आतंकी हमले में एक मौत की बात कही थी, लेकिन करीब 4 घंटे बाद न्यूज एजेंसी ने 26 मौतों की जानकारी दी। घटना में 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पहलगाम में हमले वाले इलाके को घेर लिया।

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने हरियाणा के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और कानपुर के शुभम को पत्नि के सामने गोली मार दी। दोनों की हाल ही में शादी हुई थी। वे हनीमून और घूमने के लिए पहलगाम आए थे। हमले में इंदौर के कारोबारी सुशील नथानियल, जयपुर के नीरज, रायपुर के स्टील कारोबारी दिनेश मिरानिया, बिहार के IB अफसर मनीष रंजन और गुजरात के भी 3 लोग मारे गए। दिनेश अपनी सालगिरह मनाने गए थे। पढ़ें पूरी खबर

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