परीक्षा शुल्क के नाम पर जमकर कूट रहा चांदी, अभ्यर्थियों से 5—5 हजार की वसूली | ruhs examination fees | Patrika News h3>
अखिल भारतीय स्तर पर उच्च स्तरीय परीक्षाएं आयोजित करने वाली शीर्ष
भर्ती ऐजेंसी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का शुल्क भी 100 रुपए निर्धारित है। तीन भर्तियों में ही वसूले 5 करोड़ रुपए
मेडिकल यूनिवर्सिटी चार साल के दौरान चिकित्सा अधिकारी पद के लिए तीन परीक्षाएं आयोजित कर चुका है। जिनमें करीब 3700 डॉक्टरों की भर्तियां हुई। इन परीक्षाओं में करीब 15 हजार डॉक्टरों ने आवेदन किया और उनसे शुल्क के तौर पर करीब 5 करोड़ रुपए की शुल्क वसूली की गई है।
विवि की अधिक वसूली के कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को भी भारी शुल्क चुकाना पड़ रहा है। चिकित्सा अधिकारी के पद के लिए इस वर्ग के अभ्यर्थियों ने 2500 रुपए शुल्क चुकाया है।
वसूली में अव्वल, व्यवस्थाओं पर बार—बार सवाल मेडिकल यूनिवर्सिटी परीक्षा शुल्क वसूली में भले ही अव्वल हो, लेकिन इस विवि की ओर से आयोजित परीक्षाओं की व्यवस्थाओं पर कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। कोविड काल के दौरान प्रदेश भर में चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 2 हजार डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की, लेकिन व्यवस्थाओं में खामियां ऐसी रही कि यह परीक्षा और परिणाम तीन बार निरस्त करने पड़े। इससे पहले भी कई अन्य परीक्षाओं के आयोजन में विवि पर कई बार सवाल खड़े हुए।
यह रहा अन्य ऐजेंसियों का परीक्षा शुल्क कम्प्यूटर अनुदेशक : 500 रुपए
रीट 2022 : 550
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती :
व्याख्याता स्कूल : 350
पीटीआई भर्ती : 450
पटवार भर्ती : 350
प्रयोगशाला सहायक : 450
टैक्निकल हेल्पर : 1200
सीएचओ भर्ती : 300
एईएन, जेईएएन बिजली विभाग : 1600
फायरमैन भर्ती : 450
राजस्थान पुलिस : 500
आरएएस : 350
यूपीएससी : 100
… हम कई बार इतनी भारी शुल्क वसूली का मामला उठा चुके हैं, लेकिन विवि प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा। परीक्षा में बैठने के नाम पर ही इतनी शुल्क वसूली कहीं नहीं होती। राज्य सरकार को यह विषय देखना चाहिए।
डॉ.राजेन्द्र, चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग
… इतना शुल्क लिया जाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। 5—5 हजार शुल्क तो देश में कहीं नहीं लिया जाता। सब जानते हैं..विवि की परीक्षाएं कैसे होती है। कई बार इनकी व्यवस्थाओं में खामियों के कारण अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ा है।
उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
… हमारा मुख्य उदृदेश्य विवि की गुणवत्ता को बढ़ाना है। अधिक फीस के मामले को मैं दिखवाता हूं। इस विषय में जो भी बेहतर हो सकेगा, वह हम करेंगे।
डॉ.सुधीर भंडारी, कुलपति, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय
अखिल भारतीय स्तर पर उच्च स्तरीय परीक्षाएं आयोजित करने वाली शीर्ष
भर्ती ऐजेंसी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का शुल्क भी 100 रुपए निर्धारित है। तीन भर्तियों में ही वसूले 5 करोड़ रुपए
मेडिकल यूनिवर्सिटी चार साल के दौरान चिकित्सा अधिकारी पद के लिए तीन परीक्षाएं आयोजित कर चुका है। जिनमें करीब 3700 डॉक्टरों की भर्तियां हुई। इन परीक्षाओं में करीब 15 हजार डॉक्टरों ने आवेदन किया और उनसे शुल्क के तौर पर करीब 5 करोड़ रुपए की शुल्क वसूली की गई है।
विवि की अधिक वसूली के कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को भी भारी शुल्क चुकाना पड़ रहा है। चिकित्सा अधिकारी के पद के लिए इस वर्ग के अभ्यर्थियों ने 2500 रुपए शुल्क चुकाया है।
वसूली में अव्वल, व्यवस्थाओं पर बार—बार सवाल मेडिकल यूनिवर्सिटी परीक्षा शुल्क वसूली में भले ही अव्वल हो, लेकिन इस विवि की ओर से आयोजित परीक्षाओं की व्यवस्थाओं पर कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। कोविड काल के दौरान प्रदेश भर में चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 2 हजार डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की, लेकिन व्यवस्थाओं में खामियां ऐसी रही कि यह परीक्षा और परिणाम तीन बार निरस्त करने पड़े। इससे पहले भी कई अन्य परीक्षाओं के आयोजन में विवि पर कई बार सवाल खड़े हुए।
यह रहा अन्य ऐजेंसियों का परीक्षा शुल्क कम्प्यूटर अनुदेशक : 500 रुपए
रीट 2022 : 550
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती :
व्याख्याता स्कूल : 350
पीटीआई भर्ती : 450
पटवार भर्ती : 350
प्रयोगशाला सहायक : 450
टैक्निकल हेल्पर : 1200
सीएचओ भर्ती : 300
एईएन, जेईएएन बिजली विभाग : 1600
फायरमैन भर्ती : 450
राजस्थान पुलिस : 500
आरएएस : 350
यूपीएससी : 100
… हम कई बार इतनी भारी शुल्क वसूली का मामला उठा चुके हैं, लेकिन विवि प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा। परीक्षा में बैठने के नाम पर ही इतनी शुल्क वसूली कहीं नहीं होती। राज्य सरकार को यह विषय देखना चाहिए।
डॉ.राजेन्द्र, चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग
… इतना शुल्क लिया जाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। 5—5 हजार शुल्क तो देश में कहीं नहीं लिया जाता। सब जानते हैं..विवि की परीक्षाएं कैसे होती है। कई बार इनकी व्यवस्थाओं में खामियों के कारण अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ा है।
उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
… हमारा मुख्य उदृदेश्य विवि की गुणवत्ता को बढ़ाना है। अधिक फीस के मामले को मैं दिखवाता हूं। इस विषय में जो भी बेहतर हो सकेगा, वह हम करेंगे।
डॉ.सुधीर भंडारी, कुलपति, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय