न्यूक्लियर अटैक तक का मुकाबला करने के लिए तैयार है दिल्ली, मेहमानों पर नहीं आने देंगे आंच h3>
केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडिएशन और न्यूक्लियर (CBRN) स्तर के डिजास्टर के लिए एम्स, सफदरजंग, आरएमएल और आर्मी के रिसर्च एंड रेफरल सेंटर में तैयारी की गई है। एम्स, सफदरजंग और आरएमएल में आर्मी व एनडीआरएफ की टीम ने अपना सेटअप लगा लिया है। इलाज के लिए एसओपी भी तैयार की गई है। एम्स ट्रॉमा सेंटर के बाहर डीकंटैमिनेशन के लिए शावर भी लगाया गया है। आरएमएल और सफदरजंग में भी ऐसी व्यवस्था की गई है। आरएमएल में वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण के लिए इमरजेंसी के गेट के पास बनाए गए सेटअप में सैनिटाइजर का शावर दिया जाएगा। यह वायरस या बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करेगा।
CBRN के लिए एसओपी
अगर केमिकल बर्न का मरीज है तो उसे पहले हेल्थकेयर स्टाफ रिसीव करेगा। वो उन्हें डीकंटैमिनेशन के लिए ले जाएगा, जहां पर मरीज को शावर दिया जाएगा। मरीज के कपड़े चेंज कराए जाएंगे, फिर मरीज को ट्रायल एरिया में ले जाया जाएगा, जहां सीवियरिटी के अनुसार इलाज किया जाएगा और बर्न आईसीयू में शिफ्ट किया जाएगा।
एम्स में 50 बेड तैयार
एम्स में इसके लिए 50 बेड रिजर्व रखे गए हैं, जिसमें आईसीयू, प्राइवेट और इमरजेंसी बेड भी हैं। ट्रॉमा से संबंधित मरीजों का इलाज ट्रॉमा सेंटर में होगा और नॉर्मल इमरजेंसी के मरीजों का इलाज मेन एम्स में किया जाएगा। 24 घंटे ड्यूटी होगी। रोस्टर बना लिया गया है, ड्रील पूरा कर लिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि हम बेस्ट सुविधा देने के लिए तैयार हैं। आम मरीजों का इलाज इस दौरान प्रभावित न हो, इस तरह से तैयारी की गई है।
RML में 11 कमरे रिजर्व
नर्सिंग होम में 11 कमरे और 2 आईसीयू बेड रिजर्व हैं। ट्रॉमा केयर सेंटर के ग्राउंड फ्लोर में इमरजेंसी केयर की व्यवस्था की गई है। ट्रॉमा सेंटर के सेकंड फ्लोर पर 10 बेड और फोर्थ फ्लोर पर 41 बेड रिजर्व किए गए हैं। इसके अलावा 10 बेड का डिजास्टर रूम तैयार किया गया है, अगर बायोलॉजिकल परिस्थिति बनती है तो इसके लिए इसे रिजर्व किया गया है। आर्मी और एनडीआरएफ की टीम भी मदद के लिए पहुंच चुकी है। अस्पताल में आम मरीजों का इलाज जारी रहेगा। अगर शहर में कुछ होता है तो इसके लिए अलग से हर वॉर्ड में आम लोगों के लिए बेड रिजर्व रखे गए हैं।
सफदरजंग में तैयारी पूरी
अस्पताल के न्यू इमरजेंसी ब्लॉक (NEB)में डेडिकेटेड हेल्पलाइन डेस्क बनाया गया है। मेन गेट पर भी हेल्पलाइन डेस्क बनाया जाएगा। वीआईपी के लिए डिजास्टर ब्लॉक में 30 और इमरजेंसी में 2 बेड रिजर्व किए गए हैं। स्टाफ को प्रगति मैदान और एयरपोर्ट से आने-जाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया जा चुका है, सभी को पास इश्यू कर दिए गए हैं। इन सभी तैयारियों का जायजा लेने के लिए दो दिन का ट्रायल रन पूरा कर लिया गया है।
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