नीतीश से बात नहीं बनी तो अरविंद केजरीवाल को साधने पहुंच गए तेजस्वी यादव! जानें मुलाकात के मायने

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नीतीश से बात नहीं बनी तो अरविंद केजरीवाल को साधने पहुंच गए तेजस्वी यादव! जानें मुलाकात के मायने

नीतीश से बात नहीं बनी तो अरविंद केजरीवाल को साधने पहुंच गए तेजस्वी यादव! जानें मुलाकात के मायने


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बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हुई मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकसभा चुनाव 2024 चुनाव के मद्देजनर विपक्षी एकता की मुहिम से जोड़ा जा रहा है। 2024 में विपक्षी पीएम कैंडिडेट को लेकर नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल के बीच मतभेद हैं। पिछले साल दिल्ली में नीतीश कुमार, केजरीवाल से मिले थे मगर 2024 में साथ आने को लेकर बात नहीं बन पाई थी। अब तेजस्वी यादव, केजरीवाल को साधने के लिए पहुंच गए। 

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने पिता एवं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने हाल ही में दिल्ली पहुंचे। मंगलवार को उन्होंने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। तेजस्वी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर फोटो शेयर कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों, संसाधनों, राष्ट्रीय संपत्ति और देश को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रख दिया है। हम सबों को मिलकर देश बचाना है। दोनों नेताओं के बीच वर्तमान सामाजिक,राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। अरविंद केजरीवाल ने तेजस्वी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कहा कि यह मुलाकात बहुत फलदायक रही। तेजस्वी यादव उनके घर आए और दोनों ने देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। 

अब राजनीति गलियारों में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में अब डेढ़ साल का वक्त भी नहीं बचा है। विपक्षी दलों ने अपने-अपने स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अगस्त 2022 में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने। इसके बाद नीतीश ने ऐलान किया कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश भर के विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे। इसके लिए पिछले साल वे दिल्ली गए और सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। 

पीएम कैंडिडेट पर नहीं बनी बात!

नीतीश की बीजेपी के खिलाफ मजबूत विपक्षी मोर्चे की मुहिम अबतक सफल नहीं हो पाई है। जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं। मगर अन्य दलों की भी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। आम आदमी पार्टी नीतीश को पीएम कैंडिडेट के रूप में स्वीकार नहीं करेगी। क्योंकि AAP भी केजरीवाल को पीएम पद का दावेदार मानती है। साथ ही नीतीश चाहते हैं कि विपक्षी मोर्चे में कांग्रेस को भी शामिल किया जाए, जिसपर केजरीवाल सहमत नहीं है। 

अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम को पहले ही झटका दे चुके हैं। नवंबर 2024 में एक कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि वे ऐसे किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे, जिसका मकसद केवल बीजेपी को हराना हो। उनका मानना है कि किसी की पार्टी का काम विरोधी दल को हराने या जिताने का नहीं होता, बल्कि उसका मकसद जनता के हित में काम करने का होना चाहिए। दूसरी ओर, नीतीश कुमार का एकमात्र उद्देश्य यही है कि 2024 में बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बाहर करना है। इसके लिए सभी विपक्षी पार्टियों का एकजुट होना जरूरी है।

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तेजस्वी के जरिए केजरीवाल को साधने की कोशिश

नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम फिलहाल ठंडे बस्ते में है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का समय करीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे विपक्षी पार्टियों के बीच बेचैनी भी बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव की अरविंद केजरीवाल से मुलाकात, नीतीश कुमार की रणनीति का हिस्सा है। वे तेजस्वी के जरिए केजरीवाल को साधने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में नीतीश कुमार देश की यात्रा पर निकल सकते हैं। वे फिर से अपनी मुहिम को तेज करने वाले हैं। मगर केजरीवाल से उनकी बात बन पाएगी या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा।

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