नागौर में फिर बना रिकॉर्ड , 8 करोड़ 1 लाख का मायरा भरने 6 भाई पहुंचे गाड़ियों का काफिला लेकर

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नागौर में फिर बना रिकॉर्ड , 8 करोड़ 1 लाख का मायरा भरने 6 भाई पहुंचे गाड़ियों का काफिला लेकर

नागौर में फिर बना रिकॉर्ड , 8 करोड़ 1 लाख का मायरा भरने 6 भाई पहुंचे गाड़ियों का काफिला लेकर


नागौर : राजस्थान का नागौर जिला एक बार फिर मायरा भरे जाने को लेकर चर्चा में है। इस बार सुर्खियों में ढींगसरा गांव मेहरिया परिवार है, जिन्होंने रायधनु गांव जाकर बहन भंवरी देवी के ऐतिहासिक मायरा भरा दिया है । यह मायरा 8 करोड़ 1 लाख रुपए का है। आपको बता दें की इस मायरे की चर्चा पिछले 10 दिनों से नागौर में चल रही थी और आखिरकार रविवार को जब यह मायरा भरा गया तो देखने वाले दंग रह गए। मेहरिया परिवार में छह भाई है, जिसमें भागीरथ मेहरिया और अर्जुनराम मेहरिया बीजेपी नेता के तौर पर भी पहचान रखते हैं।

​2 किलोमीटर तक गाड़ियों का काफिला

मेहरिया परिवार के छह भाईयों ने अपनी इकलौती बहन के यहां सबसे बड़ा मायरा भरकर इतिहास रच दिया है। इस मायरे में सैकड़ों की संख्या में भाई गाड़ियों के साथ मायरा भरने रायधनु गांव पहुंचे थे। इस दौरान करीब 2 किलोमीटर तक गाड़ियों का काफिला चलता रहा। इसमें सैकड़ों कारें, ट्रैक्टर, ऊंट गाड़ी और बैल गाड़ी के साथ भाई अपनी बहन के यहां मायरा भरने पहुंचे।

दो करोड़ 21 लाख दिए नकद

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आपको बता दें कि मायरे में दो करोड़ इक्कीस लाख रुपए नकद रखे गए हैं। इसके अलावा 1 किलो 105 ग्राम सोना और 14 किलो चांदी थाली में रखी गई। सोने की कीमत 71 लाख और चांदी करीब 8 लाख 80 हजार रुपए बताई जा रही है। मायरे में गेहूं से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली की भी रखी गई है।

​भाई ने बहन को दी 100 बीघा जमीन ​

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महरिया परिवार के इस मायरे की चर्चा इसलिए भी खास हो गई , क्योंकि यहां भाईयों ने बहन के लिए 4 करोड़ 42 लाख रुपए की 100 बीघा जमीन भी मायरे में दी है। गुढ़ा भगवानदास गांव में 50 लाख रुपए कीमत की 1 बीघा जमीन भी मायरे में बहन को दी है।

​सैंकड़ों लोग पहुंचे मायरे में​

​सैंकड़ों लोग पहुंचे मायरे में​

मायरे में सैंकड़ों लोगों की उपस्थिति में भाई ने बहन के यहां 8 करोड़ 1 लाख का मायरा भरा। हजारों लोग इसके साक्षी भी बने है। 27 मार्च को भरा गए मायरे ने अब तक सबसे बड़ा इतिहास बना दिया। फिलहाल नागौर जिले अब तक का यह सबसे बड़ा मायरा बन गया है।

​ट्रैक्टर-टोली और स्कूटी सहित दिए गए वाहन​

​ट्रैक्टर-टोली और स्कूटी सहित दिए गए वाहन​

रायधनु गांव में जो मायरा भरा गया है। वह इसलिए अनोखा हो गया है क्योंकि इस मायरे में भाई ने अपनी बहन की हर जरूरत को पूरा कर दिया हैं। भाई ने बहन को जमीन, ट्रैक्टर-टोली और स्कूटी सहित कई वाहन दिए। करोड़ों के सोने चांदी के आभूषण दिए है।

​मायरा बनता जा रहा है ट्रेंड ​

​मायरा बनता जा रहा है ट्रेंड ​

आपको बता दे की अभी कुछ दिनों पहले ही नागौर के डेह तहसील के बुरडी गांव में भी 3 करोड़ का मायरा भरा गया था। लेकिन अब ढींगसरा गांव का मायरा सब रिकॉड तोड़ चुका है। इससे पहले भी जायल क्षेत्र मॆं सवा करोड़ का मायरा भरा गया। अब यह कहना सही होगा कि राजस्थान के नागौर जिले में मायरा अब ट्रेंडिंग में आने लगा है क्योंकि पिछले एक साल में 10 से ज्यादा मायरे नागौर जिले में सोशल मीडिया पर छाए रहे थे।

​क्या है मायरा भरने की प्रथा​

​क्या है मायरा भरने की प्रथा​

मायरा भरने की परम्‍परा राजाओं के शासन से चली आ रही है, जिसे आज भी लोग शिद्दत से निभाते हैं। दरअसल मारवाड़ में रिवाज है कि भांजा-भांजी की शादी के मौके पर ननिहाल पक्ष की तरफ से धन और जरूरत के सामान देकर मायरा भरा जाता है। इसके जरिए ननिहाल पक्ष अपनी बेटी की आर्थिक मदद करता है।

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