नहीं छान रहे गेहूं फिर भी काट रहे 20 क्विंटल, 115 रुपए कम में गेहूं बेचने मजबूर किसान | Wheat is not filtering yet 20 quintals are being cut | Patrika News

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नहीं छान रहे गेहूं फिर भी काट रहे 20 क्विंटल, 115 रुपए कम में गेहूं बेचने मजबूर किसान | Wheat is not filtering yet 20 quintals are being cut | Patrika News

नहीं छान रहे गेहूं फिर भी काट रहे 20 क्विंटल, 115 रुपए कम में गेहूं बेचने मजबूर किसान | Wheat is not filtering yet 20 quintals are being cut | Patrika News

हर क्विंटल पर 20 रुपए छानने के नाम पर और वजन में गड़बड़ी कर रहे हैं, ऐसे में किसान को घाटा ही घाटा हो रहा है.

भोपाल

Published: April 11, 2022 11:51:03 am

भोपाल. समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीदी से अन्नदाता परेशान हो चुका है, क्योंकि वहां पर भले ही पिछले साल से 50 रुपए क्विंटल अधिक में गेहूं खरीद रहे हैं, लेकिन हर क्विंटल पर 20 रुपए छानने के नाम पर और वजन में गड़बड़ी कर रहे हैं, ऐसे में किसान को घाटा ही घाटा हो रहा है, इस कारण किसान वही गेहूं 115 रुपए क्विंटल कम में भी मंडी में बेचने पर सकुन महसूस कर रहा है।

नहीं छान रहे गेहूं फिर भी काट रहे 20 क्विंटल, 115 रुपए कम में गेहूं बेचने मजबूर किसान

शासन ने पिछले साल 1965 से 50 रुपए बढ़ाकर समर्थन मूल्य भले 2015 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया हो, लेकिन सोसायटी में समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने में कर्मचारी किसानों से नापतौल में धोखाधड़ी कर रहे हैं। जरा सी नजर चूकने पर अनाज से लेकर बारदाना तक गायब कर दिया जाता है। हाल ये हैं कि आसानी से अनाज बिक जाए इसके लिए किसान समर्थन मूल्य से सौ रुपए कम तक देने को तैयार हैं।

शनिवार को यह हाल कृषि मंडी करोद में देखने को मिले, जहां किसान समर्थन मूल्य से 115 रुपए कम 19 सौ रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सौ से अधिक बेच रहा था। किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदने के लिए जो सोसायटी बनी है, वहां किसानों को क्वालिटी, साफ गेहूं पर भी झन्ना लगाने के नाम पर अलग से वसूली आदि को लेकर परेशान किया जा रहा है। जिसके चलते किसान नीलामी में अनाज बेचने के लिए समर्थन मूल्य से कम कीमत पर भी अनाज बेचने को तैयार है।

उल्लेखनीय है कि इन दिनों कृषि मंडियों से लेकर शासन के लिए अनाज खरीदी की सोसायटी व उनके वेयर हाउस पर अनाज बेचने के लिए किसानों की ट्रालियां कतार में लगी देखी जा सकती हैं। शहर में शासन के लिए समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी के लिए करीब 50 सोसायटी है। जिसकी खरीदी मंडी परिसर से लेकर शहर से लगे मार्गो पर बने वेयर हाउस तक हो रही है। पिछले साल से 50 रुपए अधिक बढ़ाकर 2015 रुपए प्रति क्विटंल के हिसाब से शासन अनाज खरीद रहा है।

बताया गया कि समर्थन मूल्य पर खरीदी सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक होती है, जबकि मंडी में नीलामी रविवार को छोड़कर बाकी छह दिन होती है। किसानों का आरोप है कि शासन समर्थन मूल्य पर हर साल बढ़ाकर अनाज तो खरीद रहा है,लेकिन उसमें क्वालिटी के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है। जिसके चलते किसान नीलामी में अनाज देने पर ज्यादा सहूलियत नजर आ रही हैं।

उपमंडी में अब भी नहीं हो रही नीलामी
प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि उपज की उपमंडी भैंसाखेड़ी में चालीस व्यापारी नीलामी में अनाज खरीदी के लिए पंजीकृत हैं,लेकिन वह यहां खरीदी के लिए आना पसंद नहीं करते हैं। जिसके-चलते किसान भी नीलामी के लिए अनाज लेकर वहां नहीं जा रहा हैं। उस मंडी में सिर्फ शासन के लिए सोसायटी के माध्यम से समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने वाले गांव के किसान आ रहे है। बताया गया कि 2006 से खुली इस मंडी में फल सब्जी की रोजाना नीलामी नहीं होती है। मौसमी फसल की नीलामी के लिए भी मंडी समिति को व्यापारियों के लिए नोटिस निकालना पढ़ता है।

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सोसायटी में साफ गेहूं लेकर जाने पर भी बिना झन्ना लगे बीस रूपए प्रत्येक बोरे का लिया जा रहा है। इसके अलावा लम्बा इंतजार के बाद, जो गेहूं लेने से मना कर दिया जाता है,उसे लेकर किसान को मबजूरन फिर से मंडी में जाना पड़ता है। इससे गाडिय़ों का किराया, समय की बर्बादी के साथ अनाज की चोरी का खतरा भी बना रहता है।
-एलएन दांगी, किसान, बैरसिया रोड

नीलामी में कम राशि भी मिले तो किसान को समर्थन मूल्य की प्रक्रिया से यह बेहतर विकल्प लगता है। वैसे अच्छे अनाज की कीमत समर्थन से ज्यादा भी मिलती है। सोसायटी की लूट-खसोट से बचने के लिए हमने दो गाडिय़ा अनाज की 19 सौ रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेची है। इसमें समय व गाडिय़ों का भाड़ा आदि की परेशानी तो नहीं झेलना पढ़ी।
-बलवीर दांगी, किसान, बैरसिया रोड

वैसे तो किसान की शिकायत पर तत्काल सुनवाई होती है। मंडी में नीलामी के अलावा, सोसायटी में सीधे स्लाड बुक करने के साथ सीधे खेत से अनाज व्यापारी को बेचने की सुविधा किसानों को दी गई है। इसके अलावा भैंसाखेड़ी उपमंडी पर तो सोसायटी के माध्यम से समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी ही हो रही है।
-बीएल त्यागी, निरीक्षक कृषि उपज मंडी

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