दो बंदियों ने सेकेंड डिवीजन में पास किया इंटर: जेल की चहारदीवारी में जगा शिक्षा का उजाला, डिप्टी जेलर ने दी शुभकामनाएं – Unnao News

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दो बंदियों ने सेकेंड डिवीजन में पास किया इंटर:  जेल की चहारदीवारी में जगा शिक्षा का उजाला, डिप्टी जेलर ने दी शुभकामनाएं – Unnao News

दो बंदियों ने सेकेंड डिवीजन में पास किया इंटर: जेल की चहारदीवारी में जगा शिक्षा का उजाला, डिप्टी जेलर ने दी शुभकामनाएं – Unnao News

विशाल मौर्य |उन्नाव25 मिनट पहले

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जिला कारागार में के बंदियों ने इंटरमीडिएट परीक्षा में सफलता पाई।

उन्नाव। जेल की सलाखों के पीछे कैद जिंदगी को नई दिशा देने की कोशिश में दो बंदियों ने मिसाल पेश की है। उन्नाव जिला कारागार में निरुद्ध दो विचाराधीन बंदियों ने इंटरमीडिएट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति हो तो किसी भी परिस्थिति में शिक्षा की लौ जलाई जा सकती है।

सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के सकहन गांव निवासी संदीप विश्वकर्मा पुत्र अनिल कुमार और सदर कोतवाली क्षेत्र के मनोहरनगर राजेपुर गांव निवासी अनुज रावत पुत्र संतोष ने यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में द्वितीय श्रेणी में सफलता प्राप्त की है। संदीप ने 53.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, वहीं अनुज को 48.4 प्रतिशत अंक मिले हैं।

डिप्टी जेलर प्रभाकांत पांडेय ने बताया कि दोनों बंदियों को सफलता के लिए शुभकामनाएं दी गईं और मिठाई खिलाकर उनका हौसला बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि यह सफलता सिर्फ परीक्षा पास करने की नहीं, बल्कि आत्मविकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। जेल प्रशासन द्वारा नियमित कक्षाएं और अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराए जाने से इन बंदियों को पढ़ाई में सहायता मिली।

बताते चलें कि संदीप विश्वकर्मा चोरी के कई मामलों में 2023 से जेल में निरुद्ध हैं, जबकि अनुज रावत 2022 से दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के मामले में कोर्ट के आदेश पर जेल में बंद हैं। बावजूद इसके, दोनों ने जेल के वातावरण में रहकर अपनी पढ़ाई जारी रखी और मेहनत के बल पर सफलता हासिल की।

जेल प्रशासन का कहना है कि ऐसे प्रयास न केवल बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हैं, बल्कि समाज में उनकी पुनर्स्थापना की संभावनाएं भी बढ़ाते हैं। शिक्षा से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे भविष्य में अपराधमुक्त जीवन जीने की प्रेरणा लेते हैं।

संदीप और अनुज की यह उपलब्धि अन्य बंदियों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है। जेल प्रशासन ने आगे भी ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है, ताकि अधिक से अधिक बंदी शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन की दिशा बदल सकें।

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