दिल्ली को कब मिलेगा मेयर? भाजपा, AAP और बवाल, जानिए कहां फंसी हुई है बात

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दिल्ली को कब मिलेगा मेयर? भाजपा, AAP और बवाल, जानिए कहां फंसी हुई है बात

दिल्ली को कब मिलेगा मेयर? भाजपा, AAP और बवाल, जानिए कहां फंसी हुई है बात


नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में मेयर चुनाव पर सस्पेंस बढ़ता ही जा रहा है। चुनाव की दो तारीखें तय की गईं लेकिन हंगामे के चलते मामला लटक गया। मंगलवार सुबह ऐसा लगा कि आज मेयर का चुनाव हो जाएगा लेकिन दोपहर बाद सदन स्थगित कर दिया गया। भाजपा-AAP और कांग्रेस के नेता मेयर चुनाव रोके जाने का आरोप लगा रहे हैं। AAP का कहना है कि भाजपा चुनाव से भाग रही है। संजय सिंह ने दावा किया कि AAP के पास 151 पार्षदों, विधायकों और सांसदों का समर्थन है जबकि भाजपा के पास सिर्फ 111 पार्षद और सांसद हैं। दरअसल, नंबर में पिछड़ने के बाद भी जिस तरह से भाजपा अपना मेयर चुने जाने का दावा कर रही थी, उससे समीकरण ही नहीं बन पा रहे। AAP के नेता कह रहे हैं कि भाजपा की मंशा अवैध तरीके से एमसीडी पर कब्जा करने की है। मार्च 2022 में ही कार्यकाल खत्म हो चुका है। 15 साल से एमसीडी की सत्ता पर काबिज भाजपा को इस बार आप ने हटा दिया। अब मेयर चुनाव के बाद पेच कहां फंसा है। आखिर दिल्ली को मेयर कब तक मिलेगा, यह बड़ा सवाल है।

AAP की तरफ से शैली ओबेरॉय और भाजपा ने रेखा गुप्ता को मेयर का उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार 6 जनवरी को भी हंगामे के कारण मेयर का चुनाव नहीं हो सका था। मंगलवार, 24 जनवरी सुबह से ही मनोनीत और निर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण शुरू हो गया था। दोपहर बाद जब पीठासीन अधिकारी ने मेयर चुनाव की घोषणा की, हंगामा शुरू हो गया। पार्षद एक दूसरे को धक्का देते देखे गए। हालात बिगड़ता देख सदन को स्थगित कर दिया गया।

आम आदमी पार्टी और बीजेपी के लालच की वजह से मेयर, डेप्युटी मेयर का चुनाव नहीं हो सका। कुर्सी के लिए आम आदमी पार्टी और बीजेपी नेताओं के बीच मारपीट और सदन में हंगामे को देख दिल्ली की जनता आहत है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार

जनमत का सम्मान कैसे होगा
भाजपा और आप एक दूसरे पर कुछ भी आरोप लगाएं लेकिन जनता के लिहाज से देखें तो जो हो रहा है, ठीक नहीं है। जिस तरह से लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद एक निश्चित समय में नई सरकार बनती है उसी तरह से दिल्ली की ‘छोटी सरकार’ भी बन जानी चाहिए थी। इस तरह लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनमत का सम्मान नहीं हो रहा है। राजधानी के लोग अपनी स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए पार्षद और मेयर चुनते हैं। इस तरह बार-बार मेयर चुनाव में हंगामा उनके भरोसे को तोड़ने जैसा है। दिल्ली में प्रदूषण, कूड़ा प्रबंधन जैसी समस्याओं बढ़ती ही जा रही हैं। दिल्लीवालों से पूछिए तो वे कहते हैं कि ये सब सियासत है, अच्छा होता पक्ष और विपक्ष बेहतर व्यवस्था पर जोर देते।

अब आगे क्या होगा
24 जनवरी को भी मेयर का चुनाव नहीं तो अब क्या होगा? लोगों के मन में सवाल है। कानूनी एक्सपर्ट का कहना है कि पीठासीन अधिकारी को सदन बुलाने की अगली तारीफ फाइनल करनी होगी। सिविक अधिकारियों ने बताया है कि वे नई तारीख पर फैसला लेने के लिए म्युनिसिटी फाइल को फिर से एलजी के पास भेजेंगे। पूर्व में अस्तित्व में रही एनडीएमसी के पूर्व मुख्य कानून अधिकारी अनिल गुप्ता ने TOI को बताया, ‘LG पीठासीन अधिकारी को दो जिम्मेदारी सौंपते हैं- निर्वाचित पार्षदों और मनोनीत सदस्यों का शपथ ग्रहण और मेयर-डेप्युटी मेयर का चुनाव कराना।’ उन्होंने कहा कि अब तक केवल एक काम पूरा हुआ है, ऐसे में 1-2 दिन में ही मेयर चुनाव के लिए सदन बुलाने की जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी की है।

कितना समय लगेगा आगे?
MCD के प्रवक्ता ने बताया है कि एक नई फाइल दिल्ली सरकार के जरिए एलजी ऑफिस को भेजी जा रही है जिससे मेयर चुनाव के लिए नई तारीख मिल सके। एक अन्य अधिकारी का कहना है कि इस प्रक्रिया में करीब 10 दिन का वक्त लग सकता है। मतलब साफ है कि मेयर चुनाव अब फरवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में ही संभव है। बीजेपी पार्षद और पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने दावा किया है कि उन्होंने सभी से सदन में शांति बनाए रखने की अपील की लेकिन हंगामा चलता रहा। अगली तारीख तक सदन को स्थगित करने से पहले उन्होंने दो बार कार्यवाही स्थगित की थी। उन्होंने कहा कि हमने मेयर चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर रखी थी, सदन में बैलेट बॉक्स रखे गए थे लेकिन कुछ पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया।

AAP पार्षदों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी को जब समझ में आ गया कि उसके पास पर्याप्त संख्या नहीं है तो उसने सदन के स्थगित करवा दिया। हालांकि भाजपा के पार्षद योगेश वर्मा ने कहा कि मेयर का चुनाव हेड काउंट पर निर्भर नहीं करता है। यह चुनाव सीक्रेट वोटिंग से होता है और इस बात की पूरी संभावना है कि AAP के पार्षद भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट दें। वर्मा ने दावा किया कि यही वजह है कि आप के सांसद और विधायक हंगामा कर रहे थे।

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