तीन साल में MCD की बैठकों पर 1.11 करोड़ रुपये खर्च, 16 फरवरी को चुना जा सकता है दिल्ली का मेयर
साल 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में तीनों एमसीडी की सदन और स्टैंडिंग कमिटी की जो बैठकें आयोजित की गईं, उस पर म्युनिसिपल सेक्रेटरी ऑफिस की ओर से कुल 40.1 लाख रुपये खर्च किए गए। इसमें पार्षदों को बैठकों की सूचना व अन्य तरह की जानकारियां देने के लिए पत्राचार के डाक टिकट पर 6 हजार रुपये, टेलीफोन पर 1.72 लाख और पेट्रोल पर 84 हजार रुपये खर्च किए गए। सदन की बैठकों में चाय, समोसे और दूसरी चीजों पर करीब 36.58 लाख रुपये खर्च किए गए। सभी तरह के खर्च को मिलाकर तीन वर्षों में 40.1 लाख रुपये खर्च हुए।
पार्षदों के भत्ते पर 16.24 लाख खर्च
पार्षदों के भत्ते पर 16.24 लाख, मेयर पर 8.49 लाख, स्थायी समिति के चेयरमैन पर 4.29 लाख, वॉर्ड समितियों के चेयरमैन पर 13.89 लाख, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के उपाध्यक्ष पर 2.52 लाख रुपये खर्च किए गए। नेता सदन पर 2.25 लाख और नेता विपक्ष के भत्तों पर 1.92 लाख रुपये खर्च हुए। अजेंडा की कॉपियां छपवाने पर 3.91 लाख रुपये खर्च हुए। कुल मिलाकर सेक्रेटरी ऑफिस के अलावा दूसरे कार्यालयों ने तीन सालों में 64.86 लाख रुपये खर्च किए। सेक्रेटरी ऑफिस व अन्य कार्यालयों द्वारा किए गए खर्च को मिलाकर तीन सालों के दौरान कुल 111 लाख रुपये खर्च हुए। लेकिन, बैठकों का नतीजा कुछ खास नहीं रहा। एमसीडी की इन तमाम बैठकों में गिने-चुने ही प्रस्ताव पास हुए। बैठकों में ज्यादातर प्रस्ताव वित्तीय थे, जिस पर एमसीडी अधिकारी मंजूरी की मांग करते थे या लोगों पर टैक्स लगाने के लिए लाए गए थे।
दिल्ली सरकार ने मेयर चुनाव 16 को कराने का सुझाव दिया
एक महीने में लगातार तीसरी बार मेयर चुनाव टलने के बाद दिल्ली सरकार ने फिर से मेयर का चुनाव 16 फरवरी को कराने का सुझाव एलजी को भेजा है। मेयर चुनाव के लिए सबसे पहले एलजी ने 6 जनवरी की तारीख घोषित की थी। लेकिन मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण को लेकर सदन में विवाद खड़ा हो गया और हंगामे के चलते पीठासीन अधिकारी ने सदन की मीटिंग स्थगित कर दी। इसके 18 दिन बाद 24 जनवरी को दोबारा मेयर चुनाव की घोषणा की गई। इस दिन मनोनीत पार्षदों सहित निर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण पूरा हो गया। लेकिन मेयर चुनाव के लिए वोटर लिस्ट की मांग पर विवाद खड़ा हो गया। हंगामा बढ़ने पर पीठासीन अधिकारी ने फिर एक बार सदन स्थगित कर दिया।
तीसरी बार मेयर चुनाव के लिए 6 फरवरी की तारीख घोषित की गई। चुनाव की प्रक्रिया शुरू भी हुई, लेकिन आम आदमी पार्टी के दो विधायकों के वोटिंग राइट खत्म करने पर विवाद खड़ा हो गया। इसे लेकर सत्ता और विपक्ष के पार्षद आमने-सामने हो गए। दोनों तरफ से नारेबाजी और हंगामा शुरू हो गया, जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सदन की बैठक तीसरी बार स्थगित कर दी। चौथी बार एमसीडी ने 16 फरवरी को एमसीडी चुनाव की तारीख तय करने की मांग एलजी से की है। दिल्ली सरकार ने भी चुनाव की इसी तारीख को चुनाव कराने का सुझाव एलजी को भेजा है।