तीन बच्चियों के शवों को अंतिम संस्कार का इंतजार: सरकारी स्कूल के टैंक में डूब गई थीं, अफसरों पर कार्रवाई की जिद पर अड़े परिजन – Rajasthan News h3>
नोखा (बीकानेर) के देवानाडा केडली गांव के सरकारी स्कूल में हुई तीन छात्राओं की मौत का मामला गरमाता जा रहा है। तीनों के शव अब भी मोर्च्युरी में रखे हुए हैं। परिवार वाले पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर धरने पर बैठे हैं। गांव वालों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों
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इस पूरे मामले में कहां किसकी लापरवाही रही जानने के लिए NEWS4SOCIALटीम नोखा पहुंची।
सबसे पहले जान लेते हैं कि 18 फरवरी को क्या हुआ था
18 फरवरी की सुबह करीब दस-साढ़े दस बजे की घटना है। नोखा क्षेत्र के देवानाडा स्थित (केडली गांव) राजकीय प्राथमिक स्कूल में बच्चे खेल रहे थे। खेलते-खेलते प्रज्ञा (8) पुत्री रेखाराम जाट, भारती पुत्री ओमाराम जाट और रवीना पुत्री बागाराम स्कूल परिसर में ही बने वाटर टैंक के ऊपर चली गईं। अचानक से टैंक के ऊपर लगीं पटि्टयां टूट गईं और तीनों छात्राएं 20 फीट गहरे टैंक में गिर गईं। करीब 15 फीट तक इसमें पानी भरा था।
हादसे की सूचना पर आस-पास के ग्रामीण पहुंचे। ट्रैक्टर बुलाकर मोटर की मदद से टैंक का पानी बाहर निकाला गया। इसी दौरान सीढ़ी लगाकर चार ग्रामीण टैंक में उतरे। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद मलबे के नीचे दबी छात्राओं को बाहर निकाला गया। तीनों को हॉस्पिटल लेकर गए। डॉक्टरों ने जांच कर मृत घोषित कर दिया।
पटि्टयां टूटने से तीनों बच्चियां इसी टैंक में गिर गई थी।
कई दिन की छुट्टी करने बाद गई थी स्कूल बुधवार सुबह सात बजे NEWS4SOCIALटीम टीम नोखा के सरकारी हॉस्पिटल के पोस्टमॉर्टम रूम के बाहर पहुंची। बाहर तीनों बच्चियों के पिता, रिश्तेदार और कुछ ग्रामीण थे। हादसे का शिकार हुई रवीना (6) तीसरी कक्षा में पढ़ती थी। पिता बागाराम ने बताया कि उनके एक और बेटी अर्चना (8) है। वह पांचवीं में उसी स्कूल में पढ़ती है।
बागाराम ने बताया- उनकी पत्नी अस्पताल में भर्ती थी। ऐसे में रवीना दो–चार दिन से स्कूल नहीं जा रही थी। सोमवार को ही पत्नी को हॉस्पिटल से छुट्टी मिली थी। मंगलवार सुबह रवीना स्कूल चली गई। सुबह दस बजे स्कूल शुरू होता है। पौने ग्यारह बजे हादसे की जानकारी मिली थी।
नोखा के सरकारी हॉस्पिटल के पोस्टमॉर्टम रूम के बाहर बच्चियों के परिवार वाले पिछले तीन दिन से धरना दे रहे हैं।
तीनों बच्चियां एक ही परिवार की, साथ ही खेलती थीं हादसे का शिकार हुईं तीनों बच्चियां एक ही परिवार की थीं। तीनों के पिता रिश्ते में भाई लगते हैं। भारती और प्रज्ञा का मकान स्कूल से महज 200 मीटर की दूरी पर है। रवीना का घर स्कूल से आधा किलोमीटर की दूरी पर है। तीनों स्कूल में साथ ही रहती थीं।
हादसे का शिकार हुई प्रज्ञा तीसरी कक्षा में पढ़ती थी। प्रज्ञा के 12 साल का भाई भी है। प्रज्ञा के पिता रेखाराम मजदूरी करते हैं।
रेखाराम ने बताया कि कि मंगलवार को हादसे की जानकारी मिली तब वह रिश्तेदारी में गए हुए थे। तब उन्हें ये नहीं पता था कि उनकी बेटी भी हादसे का शिकार हो गई। करीब दो घंटे बाद वह गांव पहुंचे तो पता लगा कि उनकी बेटी की भी मौत हो गई है।
हादसे की शिकार भारती के पिता ओमप्रकाश भी खेती और मजदूरी पर निर्भर हैं। ओमप्रकाश के आठ साल का बेटा भी है।
नोखा के सरकारी स्कूल में एक साथ तीन बच्चियों की मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
लेटर को लेकर विवाद, संस्था प्रधान बोलीं- पहले ही चेता दिया था मामले में परिजन और ग्रामीण दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही इस बात से भी आक्रोशित हैं कि स्कूल संस्था प्रधान और टीचर को निलंबित कर दिया गया।
इस मामले में एक लेटर भी विवाद का कारण बन गया है। जिस टैंक में बच्चियां गिरी, वह दो महीने पहले करीब तीन-चार इंच धंस गया था।
हेडमास्टर संतोष के अनुसार, उसके बाद उन्होंने पीईओ को लेटर लिखा था। लेटर में बताया था कि ये टैंक कभी भी हादसे की वजह बन सकता है। इसे संरक्षित करना और मरम्मत करवाना जरूरी है। लेटर भेजने के 2 महीने बाद तक कोई सुनवाई नहीं हुई। लेटर का डिस्पैच नंबर भी रजिस्टर में है।
जनवरी में स्कूल मीटिंग में भी पंचायत समिति सदस्यों और ग्रामीणों के सामने बात हुई थी। प्रोसेस तो यही है कि पीईओ के पास हमने समस्या पहुंचा दी और उसके आगे अधिकारियों तक पहुंचानी थी। अब लेटर कहां अटका, क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है।
पीईओ सूरजाराम से बात की गई। उन्होंने बताया कि उन्हें लेटर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने जनवरी में ही जॉइन किया है। सीबीईओ भंवर लाल ने इस मामले में बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि कोई लेटर उनके पास नहीं आया। उन्होंने तो इस लेटर को फर्जी करार दे दिया।
हेडमास्टर का दावा है कि उन्होंने दो महीने पहले ही लेटर लिखकर चेता दिया था। वहीं सीबीईओ इस लेटर को फर्जी बता रहे हैं।
आरोप- जमीन के समतल था टैंक, धंसने से पट्टियां हुई कमजोर इस स्कूल में दो टैंक बने हुए हैं। एक क्लास रूम के पीछे की तरफ बना हुआ है। उसकी दीवार जमीन से काफी ऊपर तक है। पूरा सीमेंट से प्लास्टर करके पैक किया हुआ है। इसमें पानी रुकता नहीं है और जल्द खत्म हो जाता है। ऐसे में साल 2013 में नए टैंक का निर्माण कराया।
ऊर्जा राम, किशन ने बताया कि ये समतल बनाया हुआ था। घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। पटि्टयों के बीच में बीम का इस्तेमाल नहीं किया।
पोषाहार की गाड़ी यहां आई थी, जो टैंक की जमीन पर खड़ी हो गई थी। इसी दौरान ये कुछ धंस गया था। इसके बाद लिखित में अवगत कराने के बाद भी किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद से पट्टियों की पकड़ कमजोर हो गई थी।
गांव के मगनाराम केड़ली ने कहा- हेडमास्टर ने लिखित में अवगत करवा दिया था, लेकिन अब अधिकारी खुद को बचाने के लिए गलत बयान दे रहे हैं। इस मामले में अधिकारियों को बचाने के लिए दो टीचर्स की गलती न होते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया।
ताला खोलकर फाइल ले जाने लगे पीईओ, ग्रामीणों ने रोका तो फिर रख दी 19 फरवरी को NEWS4SOCIALकी टीम स्कूल तक पहुंची। इसी दौरान पीईओ सूरजाराम चाबी लेकर स्कूल पहुंचे। सूरजाराम स्कूल से कुछ फाइलें ले जा रहे थे। ये देखकर ग्रामीण वीडियो बनाने लगे।
सूरजाराम ने वीडियो बनाने से मना किया। ग्रामीणों ने सवाल किया- फाइलें कहां और क्यों लेकर जा रहे हैं? इस पर सूरजाराम फिर से कार्यालय में पहुंचे और फाइलें रख दीं। NEWS4SOCIALने बात की तो सूरजाराम ने बताया- फाइल ले जाने जैसी कोई बात नहीं थी।
हेडमास्टर सहित 10 पर FIR प्रज्ञा (मृतक) के पिता रेखाराम जाट की शिकायत पर नोखा थाने में बुधवार शाम को मामला दर्ज किया गया। उन्होंने देवनाड़ा सरकार स्कूल के हेडमास्टर संतोष, स्कूल के टीचर सुनील, सीबीईओ भंवर लाल जानू, पांचू पंचायत समिति के विकास अधिकारी जसवंत सिंह बिश्नोई, केड़ली पीईईओ सूरजाराम और जिला शिक्षाधिकारी सुनील बोड़ा पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
इसी मामले में नोखा पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल नथाराम ने बुधवार रात को दूसरी एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें पानी टैंक के निर्माण में लापरवाही के लिए पूर्व सरपंच दीपाराम चौधरी, ग्राम विकास अधिकारी रामकुमार चौधरी और रामलखन मीणा, पंस नोखा के जेईएन शिव लाल चौधरी को आरोपी बनाया गया है। कुल मिलाकर दो अलग-अलग मामलों में 10 लोगों पर कार्रवाई की गई है।
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