तमिलनाडु केसः जमुई-सीवान के शातिरों ने की एक्टिंग, पटना से खरीदा जख्म का सामान; जानें फर्जी वीडियो की सच्चाई

20
तमिलनाडु केसः जमुई-सीवान के शातिरों ने की एक्टिंग, पटना से खरीदा जख्म का सामान; जानें फर्जी वीडियो की सच्चाई

तमिलनाडु केसः जमुई-सीवान के शातिरों ने की एक्टिंग, पटना से खरीदा जख्म का सामान; जानें फर्जी वीडियो की सच्चाई


बिहार के एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि तमिलनाडु में हिंसा की झूठी खबरें फैलाने के आरोप में ईओयू में एक एफआईआर (संख्या- 3/23) पहले ही दर्ज की गई है। दोनों एफआईआर को मिलाकर इस मामले में यू-ट्यूब चैनलों या सोशल मीडिया या वेबसाइटों पर फर्जी खबर चलाकर भ्रम फैलाने वाले आठ नामजद समेत अन्य अज्ञात अभियुक्तों के खिलाफ मामले दर्ज किये जा चुके हैं। इसमें तीन अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। 

एडीजी ने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है और शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी जल्द होगी। ऐसा करने वाले सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एडीजी ने कहा कि पटना में ही फर्जी वीडियो बनाया गया। जक्कनपुर के जिस मकान में इन लोगों ने फर्जी वीडियो बनाया था उस मकान को 6 मार्च को ही इन लोगों ने खाली कर दिया। 

तमिलनाडु केस में सनसनीखेज खुलासा, पटना में बना था फर्जी वीडियो; कई यू-ट्यूबर साजिश में थे शामिल

शातिरों ने प्रोफेशनल अंदाज में हिंसा का वीडियो बनाया। इसके लिए को एक्टर तैयार किए गए। हिंसा में घायल दिखाने के लिए बनावटी जख्म तैयार किए गए। इसके लिए दवा की दुकान से सर्जिकल सामान खरीदा गया और उनकी मदद से शरीर के विभिन्न अंगों पर जख्म के निशान बनाए गए। वीडियो की शूटिंग हाई क्वालिटी मोबाइल कैमरे से सधे अंदाज में की गई ताकि कोई शक नहीं हो।  एफआईआर में घायलों की एक्टिंग करने वाले दोनों लोगों को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसमें एक व्यक्ति देवघर में यू-ट्यूब चैनल चलाता है और वह जमुई का रहने वाला है। जबकि दूसरा व्यक्ति सीवान का रहने वाला है। जिस मेडिकल स्टोर से पट्टी, दवा समेत ड्रेसिंग के सामान लिये थे, उसका भी पता चल गया है।

 ED की रेड पर भड़के लालू, तेजस्वी के प्रेग्नेंट पत्नी को किया परेशान, बीजेपी को दी चुनौती

दवा दुकानदार से पूछताछ करके इस तथ्य की पुष्टि कर ली गई है। इन्होंने जिस मोबाइल से इस वीडियो को शूट किया था, वह भी जब्त कर लिया गया है। जिस मकान को किराये पर लेकर वीडियो बनाया गया था, उसके मालिक राजकुमार ने पूछताछ में बताया कि इन लोगों ने फरवरी में किराये में मकान लिया था और 6 मार्च को खाली कर दिया था। मकान मालिक ने भी वीडियो बनाने की बात कही। पूछने पर उन लोगों ने बहाना बनाकर टाल दिया और गुमराह कर दिया।

दवा और पट्टी से बनाया नकली जख्म

अब तक की जांच में यह बात सामने आयी कि वीडियो की शूटिंग करने के बाद इसे सबसे पहले जिस यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया, उसके मालिक और इसे वायरल करके भ्रम फैलाने के लिए अनाप-शनाप बातें कहने वाले दोनों को अभियुक्त बनाया गया है। पूरे मामले की जांच में आगे जिनका नाम सामने आयेगा, उन पर भी मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में एक समाचार पत्र ने मधुबनी के युवक शंभु मुखिया के पारिवारिक कलह के कारण आत्महत्या के मामले को भी तमिलनाडु की हिंसा में हुई मौत का मामला बता दिया। इसका खंडन वहां के एडीजी ने खबर की कटिंग के साथ ट्वीट पर किया है। यह मामला भी फर्जी है।

अबतक सोशल मीडिया पर जारी 7 वीडियो भ्रामक निकले

बिहार से भेजी गयी स्पेशल टीम द्वारा बताया गया कि सोशल मीडिया में प्रचलित सात वीडियो के साथ समाचार/संदेश जो बिहार के प्रवासी श्रमिकों के मोबाइल फोन पर पाये गये, वे भ्रामक थे। विशेष दल ने बताया कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए वे घटना इस संदर्भ में नहीं घटी थीं, ये सभी वायरल वीडियो गलत पाये गये। दल द्वारा यह भी बताया गया कि चार मार्च को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के स्तर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अतिथि श्रमिकों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन भी दिया गया


 

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News