टेलिकॉम और रीटेल के बाद पेट्रोकेमिकल पर मुकेश अंबानी का बड़ा दांव, यहां जानिए पूरी बात

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टेलिकॉम और रीटेल के बाद पेट्रोकेमिकल पर मुकेश अंबानी का बड़ा दांव, यहां जानिए पूरी बात


टेलिकॉम और रीटेल के बाद पेट्रोकेमिकल पर मुकेश अंबानी का बड़ा दांव, यहां जानिए पूरी बात

हाइलाइट्स:

  • रिलायंस ने Adnoc के साथ जॉइंट वेंचर से जुड़े करार को अंतिम रूप दिया
  • दोनों कंपनियों ने डेढ़ साल पहले ब्रॉड फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे
  • जॉइंट वेंचर के बारे में इसी हफ्ते आबू धाबी में औपचारिक घोषणा हो सकती है
  • इसमें एथिलीन डाइक्लोराइड बनाया जाएगा जो पीवीसी बनाने में काम आता है

नई दिल्ली
एशिया और भारत के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का सारा फोकस अब पेट्रोकेमिकल बिजनस पर है। टेलिकॉम और रीटेल में तहलका मचाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) अब पेट्रोकेमिकल में बड़ा दांव खेलने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस ने यूएई की सरकारी कंपनी आबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (Adnoc) के साथ पेट्रोकेमिकल जॉइंट वेंचर से जुड़े करार को अंतिम रूप दे दिया है। दोनों कंपनियों ने डेढ़ साल पहले ब्रॉड फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे।

इस करार के तहत यूएई में Adnoc के इंटिग्रेटेड रिफाइनिंग एंड पेट्रोकेमिकल्स साइट के करीब एक फैक्ट्री स्थापित की जाएगी। इसमें एथिलीन डाइक्लोराइड (EDC) बनाई जाएगी। रिलायंस इसमें 1.2 से 1.5 अरब डॉलर निवेश करेगी। माना जा रहा है कि Adnoc भी इसमें इतना ही निवेश करेगी। यह मध्य पूर्व में रिलायंस का सबसे बड़ा निवेश होगा। कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में पेट्रोलियम रिफाइनिंग और केमिकल्स में वॉल्यूम और मार्जिन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

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इसी हफ्ते हो सकती है औपचारिक घोषणा
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस जॉइंट वेंचर से भारत और यूएई बीच ऊर्जा के क्षेत्र में रिश्ते और मजबूत होंगे। यूएई भारत को तेल का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत दुनिया में तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक और उपभोक्ता है। Adnoc भारत के स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व प्रोग्राम में पहली विदेशी पार्टनर है और महाराष्ट्र के रत्नागिरी में प्रस्तावित रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट में स्टेकहोल्डर है।

माना जा रहा है कि रिलायंस और Adnoc के बीच जॉइंट वेंचर के बारे में इसी हफ्ते आबू धाबी में औपचारिक घोषणा हो सकती है। रिलायंस यूएसई में अपना इंटरनैशनल बेस बना सकती है ताकि वहां की उदार टैक्स पॉलिसीज का फायदा उठा सके। इस बारे में रिलायंस और Adnoc को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। एथिलीन डाइक्लोराइड का इस्तेमाल पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) बनाने में किया जाता है। पीवीसी का इस्तेमाल हाउसिंग, एग्रीकल्चर और दूसरे कई सेक्टर्स में होता है।

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सऊदी अरामको के साथ डील
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल में संपन्न एजीएम में कहा था कि सऊदी अरब की कंपनी सऊदी अरामको कंपनी के ओ2सी (ऑयल टु केमिकल) बिजनस में 15 अरब डॉलर का निवेश करेगी। यह प्रक्रिया इसी साल पूरी होने की संभावना है। रिलायंस ने पहले ही अपने पेट्रोकेमिकल और रिफाइनिंग बिजनस के लिए अलग कंपनी बना ली है। सऊदी अरामको के चेयरमैन यासिर अल-रुमायन रिलायंस के बोर्ड में बतौर स्वतंत्र निदेशक शामिल होंगे।



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