टीपू सुल्तान नहीं, अब कहना होगा अशफाक उल्ला खान गार्डन, बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों ने किया था विरोध

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टीपू सुल्तान नहीं, अब कहना होगा अशफाक उल्ला खान गार्डन, बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों ने किया था विरोध

टीपू सुल्तान नहीं, अब कहना होगा अशफाक उल्ला खान गार्डन, बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों ने किया था विरोध


मुंबई: मालाड में विवादित टीपू सुल्तान उद्यान से इस नाम वाला बोर्ड हटा दिया गया है। अब इसे अशफाक उल्ला खान गार्डन कहा जाएगा। उपनगर के पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि जिला नियोजन समिति की बैठक में उत्तर मुंबई के लोकसभा सांसद और विधायकों ने सर्वसम्मति से टीपू सुलतान नाम हटाने को कहा था। इसे कलेक्टर ने भी मंजूरी दे दी और इसके बाद टीपू सुल्तान नाम का बोर्ड हटा दिया गया है। लोढ़ा ने कहा कि उद्यान के नाम के लिए क्रांतिकारी शहीद अशफाक उल्ला खान और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर सहित कई नामों के प्रस्ताव आए थे। लोढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार, बीएमसी या कलेक्टर के किसी रेकॉर्ड में उद्यान का नाम टीपू सुल्तान रखा गया है, ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। यह नाम गैरकानूनी रूप से रखा गया था।

अस्थायी रूप से बदला गया है नाम
वहीं उपनगर की कलेक्टर निधि चौधरी ने कहा कि स्थानीय सांसद और विधायक की सहमति से उद्यान का नाम अस्थायी रूप से क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खान रखा गया है। उद्यान का नाम क्या होगा, इस पर अंतिम फैसला सरकार और बीएमसी लेगी। चौधरी ने कहा कि बिना नाम का उद्यान रहने पर आगे भी विवाद हो सकता था, इसलिए उद्यान का नाम अस्थायी रूप से शहीद अशफाक उल्ला खान रखा गया है। बता दें कि पिछले वर्ष तत्कालीन मुंबई शहर के पालक मंत्री एवं स्थानीय कांग्रेस विधायक असलम शेख ने उद्यान का नाम टीपू सुल्तान रख दिया था, जिसका बीजेपी ने जोरदार विरोध किया था।

नामकरण के दौरान बीजेपी नेताओं एवं हिंदूवादी संगठनों ने आंदोलन किया था, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। शिवसेना ने भी कांग्रेस के निर्णय का विरोध किया था। तत्कालीन मेयर किशोरी पेडणेकर ने टीपू सुल्तान के नाम का विरोध करते हुए उद्यान का नाम रानी लक्ष्मीबाई रखने की मांग की थी।

बीएमसी के पास अभी नामकरण का अधिकार नहीं
बता दें कि टीपू सुल्तान नाम पर विवाद होने के बाद असलम शेख ने ही उद्यान का नाम अशफाक उल्ला खान रखने का प्रस्ताव दिया था। उस प्रस्ताव को कलेक्टर ने बीएमसी के पास भेजा है। मालाड के मालवणी इलाके में 60705 वर्ग मीटर में फैले मैदान को कलेक्टर ने बीएमसी को देने के लिए उद्यान विभाग को 28 सितंबर, 2022 को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि यहां क्रिकेट मैदान, बैडमिंटन कोर्ट, जॉगिंग ट्रैक, दर्शक गैलरी, एंट्री गेट, वॉशरूम और चेंजिंग रूम बनाया गया है। उद्यान या मैदान के नामकरण का शासनादेश में कहीं उल्लेख नहीं है, इसलिए बीएमसी मैदान के नामकरण के विषय का काम अपने हाथ में ले। पत्र में बीजेपी सांसद गोपाल शेट्टी का भी जिक्र है, जिन्होंने टीपू सुल्तान नाम को अवैध बताया है। साथ ही असलम शेख को मैदान का नाम अशफाक उल्ला देने की मांग का भी जिक्र है।

वहीं बीएमसी ने कलेक्टर (उपनगर) को पत्र लिखकर मैदान की जमीन का हस्तांतरण बीएमसी को करने को कहा है। बीएमसी का कहना है कि नियम के अनुसार उद्यान, मैदान का नामकरण या सौंदर्यीकरण वह तभी कर सकती है, जब जमीन पर उसका कब्जा हो। बीएमसी को उम्मीद है कि जल्द ही जमीन का हस्तांतरण मिल जाएगा, जिसके बाद उसका आधिकारिक नामकरण किया जाएगा।

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