टमाटर की बंपर पैदावार से किसान परेशान: ​​​​​​​थोक में 2 से 3 रुपए किलो का भाव मिलने से सड़कों पर फेंक रहे टमाटर – Barwani News

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टमाटर की बंपर पैदावार से किसान परेशान:  ​​​​​​​थोक में 2 से 3 रुपए किलो का भाव मिलने से सड़कों पर फेंक रहे टमाटर – Barwani News

टमाटर की बंपर पैदावार से किसान परेशान: ​​​​​​​थोक में 2 से 3 रुपए किलो का भाव मिलने से सड़कों पर फेंक रहे टमाटर – Barwani News

बड़वानी जिले में इस बार टमाटर की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन किसानों को इससे खुशी के बजाय निराशा मिल रही है। स्थानीय सब्जी मंडी में टमाटर का थोक भाव 2 से 3 रुपए प्रति किलो रह गया है।

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परिस्थितियां इतनी खराब हैं कि किसान टमाटर को खेत की मेंड़ और सड़कों पर फेंक रहे हैं। कुछ किसानों ने तो लागत बचाने के लिए खेत में खड़ी फसल पर ही हल चला दिया है। किसानों का कहना है कि टमाटर की खेती में लागत विक्रय मूल्य से तीन गुना ज्यादा आ रही है।

स्थानीय सब्जी मंडी में रोजाना 200-300 क्विंटल टमाटर की आवक हो रही है। एक कैरट में 25-30 किलो टमाटर आता है। प्रतिदिन 500-1000 कैरट की आवक है। व्यापारी परेश नामदेव के अनुसार, कम भाव का एक कारण यह भी है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और शिवपुरी बेल्ट से एक साथ मंडी में आवक हो रही है।

सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि ठंड के मौसम में सब्जियों के दाम कम होते हैं। इस बार टमाटर की भारी आवक के कारण खरीदार कम हैं। इससे व्यापारी भी कम दाम पर खरीद रहे हैं। इस स्थिति में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

फुटकर में 8 से 10 रुपए किलो

बाजार में खेरची में टमाटर 8 से 10 रुपए किलो मिल रहा है। भावों में कमी का सीधा कारण अधिक उत्पादन होना और मांग कम होना है। जिले में टमाटर की कोई बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है। किसानों ने बेहतर तकनीक अपनाकर टमाटर फसल का उत्पादन तो अधिक ले लिया है, लेकिन उन्हें बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा।

अंजड़ के किसान अमित सोलंकी ने बताया कि डेढ़ एकड़ खेत में टमाटर लगाए थे। उत्पादन भी अच्छा निकल रहा है, लेकिन मंडियों में भाव नहीं मिलने से लागत निकालना तो दूर, मंडी तक उपज ले जाने का परिवहन महंगा पड़ने लगा है। ऐसे में खेत से निकली फसल को खेत की मेंड़ पर फेंक दिया है। डेढ़ एकड़ में करीब एक लाख से ज्यादा की लागत लगी थी, मगर लागत भी नहीं निकल पाई। उलटा टमाटर तुड़वाई के पैसे घर से देना पड़ रहे। अंजड़ के एक अन्य किसान मदन कहते हैं कि गेहूं, चने के समान सब्जियों का भी समर्थन मूल्य सरकार को घोषित करना चाहिए।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंगठन के जिला अध्यक्ष मदन मुलेवा ने किसानों को टमाटर के कम भाव मिलने पर चिंता जाहिर की है।

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