झोलाछाप ने ली जान! गलत इंजेक्शन से बच्चे की मौत का आरोप, परिजनों ने काटा बवाल
बुखार की वजह से बच्चे को परिजन ले गए थे क्लिनिक
जानकारी के मुताबिक, रईथा कला निवासी सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले 12 वर्षीय बच्चे को बुखार था। परिजन तुरंत ही उसे अपने गांव से कुंडेरा लेकर आए। यहां सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलने पर वे बच्चे को कंपाउडर परसराम जाट की क्लिनिक पर ले गए। बताया जा रहा कि क्लिनिक पर मौजूद एक कंपाउंडर ने बच्चे को इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई।
गलत इंजेक्शन देने का है आरोप
बच्चे की तबीयत बिगड़ती देख तुरंत ही क्लिनिक के स्टाफ ने परिजनों को उसे दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कहा। बच्चे को उन्होंने सवाई माधोपुर रेफर कर दिया। हालांकि, रास्ते में ही 12 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि बच्चे को लेकर जब वो जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और शव को मॉर्चरी में रखा दिया। इस दौरान परिजनों ने हंगामा करते हुए बच्चे का शव लेने से मना कर दिया और कंपाउडर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर अड़ गए।
क्लिनिक में बच्चे को लगे इंजेक्शन के बाद मौत
परिजनों के मुताबिक कंपाउंडर परशुराम जाट जिला अस्पताल में ही कंपाउडर के पद पर कार्यरत हैं। पूर्व सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीणा की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चलाए गए एक अभियान के दौरान उन्होंने कम्पाउंडर परशुराम जाट के क्लिनिक को भी सीज किया था। लेकिन सीएमएचओ डॉक्टर तेजराम मीणा के तबादले और नए सीएमएचओ की नियुक्ति के बाद कम्पाउंडर परशराम जाट ने फिर से अपना क्लिनिक शुरू कर दिया।
परिजनों का हंगामा, फिर हुई कार्रवाई
बच्ची के मौत की सूचना पर जिला प्रमुख सुदामा देवी मीणा के पति और कांग्रेस नेता डिग्गी प्रसाद मीणा जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मृत बच्चे के परिजनों को समझाने की कोशिश की। तब जाकर मेडिकल बोर्ड से बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। बाद में पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। बच्चे के परिजनों की ओर से आरोपी कंपाउडर के खिलाफ कुंडेरा थाने में इलाज में लापरवाही बरतने के चलते मौत का मामला दर्ज कराया है। वहीं मामले को लेकर जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. धर्मसिंह मीणा ने आरोपी कंपाउडर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। वहीं जांच लंबित रहने के दौरान कंपाउडर को निलंबित किया है।