झांसी में नए औद्योगिक शहर का सपना हुआ साकार, 15 किसानों ने बीडा को सौंपी जमीन | dream new industrial city in Jhansi came true 15 farmers land BIDA | News 4 Social

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झांसी में नए औद्योगिक शहर का सपना हुआ साकार, 15 किसानों ने बीडा को सौंपी जमीन | dream new industrial city in Jhansi came true 15 farmers land BIDA | News 4 Social


झांसी में नए औद्योगिक शहर का सपना हुआ साकार, 15 किसानों ने बीडा को सौंपी जमीन | dream new industrial city in Jhansi came true 15 farmers land BIDA | News 4 Social

झांसी में नोएडा की तर्ज पर बनने वाले नए औद्योगिक शहर के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। सोमवार को 10 और किसानों ने अपनी जमीन बीडा (बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के नाम लिख दी।

यह है पूरा मामला

– 9 फरवरी: जमीन अधिग्रहण का श्रीगणेश।
– 13 फरवरी: 15 किसानों ने अपनी जमीन बीडा के नाम लिखी।
– 20 से अधिक किसानों: जमीन का लेखा-जोखा तैयार।
– जमीनों का बैनामा: चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
– निबन्धन विभाग को: 65 लाख रुपए का राजस्व मिला।

बैनामों का सिलसिला तेज

शुक्रवार को 5 किसानों ने अपनी जमीन बीडा के नाम लिखकर बैनामों की शुरुआत की थी। सोमवार को सीताराम, दुर्गा प्रसाद, रामकिशोर, अवधेश चौबे, इन्द्रा देवी, ज्ञानेन्द्र साहू, नीतेश, मसूद खान, जुगल किशोर और बालिकदास ने 5 बैनामे किए।

निबन्धन विभाग को हुआ लाभ

बीडा के बैनामों ने निबन्धन विभाग का खजाना भर दिया है। सब रजिस्ट्रार सुभाष चन्द्र ने बताया कि सोमवार को 5 बैनामों में ही निबन्धन विभाग को 57.39 लाख रुपए की स्टाम्प ड्यूटी और 8.19 लाख रुपए निबन्धन शुल्क के रूप में प्राप्त हुए।

पंचायत भवन में नहीं हो सकी रजिस्ट्री

निबन्धन विभाग ने प्रयास किए थे कि बैनामे सारमऊ गांव में ही किए जाएं, जिसके लिए पंचायत भवन को निबन्धन विभाग में तब्दील भी कर दिया गया था। यहां कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन आदि की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन फिलहाल यहां बैनामा का श्रीगणेश नहीं हो पाया। सोमवार को भी निबन्धन कार्यालय में ही बैनामे हुए।

नए औद्योगिक शहर की विशेषताएं

– नोएडा की तर्ज पर होगा विकास।
– 35,000 एकड़ जमीन होगी अधिग्रहित।
– 8,000 एकड़ जमीन ग्राम समाज की।
– 6,312 करोड़ रुपये होगा निजी भूमि का अनुमानित मूल्य।
– उद्योगों के साथ शैक्षणिक व अन्य सेक्टर से संबंधित संस्थाओं का विकास।
– विश्व स्तरीय नियोजन और अवस्थापना सुविधाएं।